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आर्थिकी/व्यापार

उल्टा पड़ा नोटबंदी का दांव

2017 की पहली तिमाही में हमारी ग्रोथ रेट 5.7 प्रतिशत थी, जो कि दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत हो गई है। हालांकि यह सुधार प्रभावी नहीं है। न्यून ग्रोथ रेट का पहला कारण काले धन पर सरकार का प्रहार है। जी हां, सरकार की स्वच्छता ही सरकार को ले डूब रही है। जो व्यक्ति तंबाकू […]

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आर्थिकी/व्यापार राजनीति

मोदी के आर्थिक सुधारों पर अंतर्राष्ट्रीय मोहर

कालखंड या समय या इतिहास को हम दो भागों में विभाजित करते हैं, एक ड्ढष् अर्थात बिफोर क्राइस्ट और दुसरे स्रष् अर्थात एन्नो डोमिनी। इस प्रकार स्वातंत्र्योत्तर भारत की अर्थव्यवस्था अब दो कालखंडो से जानी जायेगी एक नरेंद्र मोदी/नोटबंदी के पूर्व की अर्थव्यवस्था और दुसरी नरेंद्र मोदी द्वारा इस प्रतिबंध के बाद की अर्थव्यवस्था। 9 […]

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आर्थिकी/व्यापार

बैंकिंग क्षेत्र में भी जरूरी है निजीकरण

सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों के लिए सरकारी नियमों का उल्लंघन करने में ये इकाइयां मददगार हैं। सार्वजनिक बैंकों को आज लग रहे भारी घाटे में मंत्रियों एवं अधिकारियों का यह दुराचरण मुख्य कारण है। जाहिर है कि घाटे में चल रहे बैंकों का लाभ में चल रहे बैंकों से विलय करने से मंत्रियों और अधिकारियों […]

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आर्थिकी/व्यापार

जीडीपी गिरावट के लिए नोटबंदी नहीं ‘जीएसटी में चूक’ है जिम्मेदार

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी अपने तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है. जहां विपक्ष दावा कर रहा है कि नोटबंदी इसके लिए जिम्मेदार है, वहीं जानकारों का मानना है कि जीडीपी में दर्ज हुई गिरावट का असली गुनहगार जीएसटी को लागू किए जानें की प्रक्रिया में एक पेंचीदा नियम […]

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आर्थिकी/व्यापार

डिजिटल अर्थव्यवस्था की सीमाएं

वर्तमान में यह एक खुला प्रश्न है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था से कर वसूली बढ़ेगी या नहीं। कहावत है कि ताले शरीफों के लिए लगाए जाते हैं। चोर तो ताले को खोलना जानता ही है। इसी प्रकार कच्चे पर्चे कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था के प्रभावी होने में मुझे संशय है। उपरोक्त विवेचन […]

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आर्थिकी/व्यापार

सही दिशा में प्रभावहीन बजट

वित्त मंत्री ने छोटे उद्योगों द्वारा देय इन्कम टैक्स में कटौती की है। उनकी मंशा सही दिशा में है, परंतु छोटे उद्योग इन्कम टैक्स तब ही अदा करते हैं, जब वे जीवित रहें। वर्तमान में छोटे उद्योगों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों के तहत सरकार प्रयास कर […]

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आर्थिकी/व्यापार संपादकीय

एक संतुलित और दूरगामी बजट

केन्द्रीय वित्तमंत्री श्री अरूण जेटली द्वारा प्रस्तुत 2017-18 वित्तीय वर्ष का आम बजट कई मामलों में अनूठा और सराहनीय है। इस बजट को पहली बार एक फरवरी को प्रस्तुत किया गया है, इससे पूर्व रेल बजट और आम बजट फरवरी के अंत में आया करते थे, रेल बजट को रेलमंत्री तथा आम बजट को भारतीय […]

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आर्थिकी/व्यापार महत्वपूर्ण लेख

कंगाली के पचास दिन और देश का विश्वास

निरंजन परिहार लालू यादव भले ही देश को याद दिला रहे हो कि 31 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए किसी चौराहे का इंतजाम कर लीजिए। लेकिन सवाल न तो किसी चौराहे का है और ना ही प्रधानमंत्री द्वारा गोवा से देश को दिए संदेश में उनके 50 दिन में सब कुछ ठीक हो […]

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आर्थिकी/व्यापार

कई मायनें में ऐतिहासिक रहा बजट सत्र

मृत्युंजय दीक्षित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए बीता हुआ बजट सत्र कई मायने में ऐतिहासिक व उपलब्धियों वाला रहा है। यदि क्रिकेट की भाषा में इस सत्र को परखा जाये तो यह साफ पता चल रहा है कि इस बार पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही ओर से सधी हुई गंेंदबाजी और कभी- […]

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आर्थिकी/व्यापार

कूपर – अपोलो की डील अंतिम पड़ाव पर औद्योगिक घराने बोले- अमेरिकी टायर कंपनी को खरीदना गर्व की बात

भारत में रबर और टायर की अग्रणी कंपनियों में से एक अपोलो टायर लिमिटेड, यूएस की बड़ी कंपनी कूपर टायर और रबर को. के साथ बड़ा करार बस आखिरी चरण में है। अब यह तय है कि इसमें कोई अड़चन नहीं है। हमारे विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, अपोलो टायर लि. के प्रबंध निदेशक ओंकार कंवर […]

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