व्यापार तथा वाणिज्य भारत के आर्थिक जीवन का प्रमुख तत्व रहा है । वस्तुतः यह यहाँ के निवासियों की समृद्धि का प्रधान कारण था । अत्यन्त प्राचीन काल से ही यहाँ के निवासियों ने व्यापार-वाणिज्य के क्षेत्र में गहरी दिलचस्पी दिखाई । राज्य की ओर से भी व्यापारियों को पर्याप्त प्रोत्साहन एवं संरक्षण प्रदान किया […]
Category: आर्थिकी/व्यापार
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) देश की अर्थव्यवस्था के विकास में एक अहम भूमिका अदा करता है। एमएसएमई क्षेत्र की देश के सकल घरेलू उत्पाद में 30 प्रतिशत, औद्योगिक उत्पादन में 45 प्रतिशत और निर्यात में 48 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। कृषि क्षेत्र के बाद, एमएसएमई क्षेत्र में रोज़गार के सबसे अधिक अवसर निर्मित […]
देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी ने दिनांक 12 मई 2020 को सायं 8 बजे देश को सम्बोधित करते हुए अपने उदबोधन में कहा है कि दुनिया को कोरोना संकट से मुक़ाबला करते हुए अब 4 महीने से ज़्यादा का समय हो गया है। इस दौरान सभी देशों के 42 लाख से ज़्यादा लोग […]
आज पूरे विश्व में कोरोना महामारी की जो स्थिति है उससे हम सभी भलीभाँति वाक़िफ़ हैं। केंद्र सरकार ने इस महामारी को भारत में फैलने से रोकने के लिए कैसे-कैसे गम्भीर प्रयास किए इसके भी आप साक्षी हैं। जब भारत में कोरोना का एक भी मरीज़ नहीं था तब देश में बाहर से आने वाले […]
आज विश्व के कई विकसित देशों में मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसा संभवत: इन देशों द्वारा आर्थिक प्रगति हेतु अपनाए गये पूँजीवादी मॉडल के कारण हो रहा है। हर व्यक्ति को केवल अपनी चिंता है और केवल “कमाने वाला खाएगा” के सिद्धांत पर ही इन देशों की […]
देश में पलायन की समस्या इतनी विकराल तब दिखी जब कोरोना वायरस के कारण इतनी भारी तादाद में लोग शहरों से ग्रामों की ओर पलायन करने लगे। हालाँकि केंद्र सरकार ने लोगों को विभिन्न शहरों से उनके घरों तक पहुँचाने के लिए विशेष श्रमिक रेलगाड़ियाँ चलाईं हैं परंतु फिर भी कई लोग शहरों से ग्रामों की […]
सरकार ने बजटीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.8 प्रतिशत तक बढ़ाने का फ़ैसला किया है परंतु आज की स्थितियों को देखते हुए यह 2020-21 में इससे भी काफ़ी अधिक हो सकता है। क्योंकि, केंद्र एवं राज्य सरकारों को विभिन्न करों से आय बहुत कम होने की सम्भावना है। देश में धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीक़े […]
प्रह्लाद सबनानी सरकार ने बजटीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.8 प्रतिशत तक बढ़ाने का फ़ैसला किया है परंतु आज की स्थितियों को देखते हुए यह 2020-21 में इससे भी काफ़ी अधिक हो सकता है। क्योंकि, केंद्र एवं राज्य सरकारों को विभिन्न करों से आय बहुत कम होने की सम्भावना है। देश में धीरे-धीरे […]
मनोज कुमार मजदूर आंदोलन लगभग दम तोड़ता नजर आ रहा है। श्रमिकों के नेता परम्परागत ढर्रे पर चलते रहे और साथ में यह सोच भी बनी कि मजदूर के कारण औद्योगिक विकास प्रभावित हो रहा है। मजदूरों का भी आंदोलनों से मोहभंग होना एक बड़ा कारण माना जा सकता है। फादर्स डे और मदर्स […]
दीपक कुमार लॉकडाउन में शासन, प्रशासन व पुलिस की सख्ती के चलते साधनों के ना मिलने के कारण अधिकांश राज्यों के किसान फल, फूल व सब्जियों को अपने पास की मंडियों तक में भी नहीं पहुंचा पा रहे हैं। जिसकी वजह से किसानों की तैयार फसल खेतों में खड़े-खड़े बर्बाद हो रही है। देश में […]