आशीष राय भारत का उपभोक्ता बाजार वाणिज्यिक संस्थानों को अपने कारोबार की बढ़ोतरी का शुरू से अवसर देता रहा है और इसी का अनुचित लाभ लेकर कारोबारी उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी, छल व कपट का भी कार्य भी करते रहे हैं। भारत की जनसंख्या ने विश्व व्यापार को भारत में निवेश करने के लिए सदैव […]
Category: आर्थिकी/व्यापार
अभी हाल ही में भारत अमेरिका व्यापार परिषद की स्थापना के 45 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी ने भारत विचार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमेरिका सहित विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री ने, स्वास्थ्य, रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा, बीमा समेत […]
प्रह्लाद सबनानी भारत में विभिन्न बैंकों द्वारा व्यापारियों, उद्योगपतियों एवं नागरिकों को वित्तीय सहायता आसानी से उपलब्ध कराने हेतु खाका तैयार किया जा चुका है। अब तो केवल इन व्यापारियों, उद्योगपतियों एवं व्यक्तियों को ही आगे आने की ज़रूरत है। कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन के बाद, अनलॉक के दूसरे चरण को प्रारम्भ हुए […]
सहकारी क्षेत्र में बैंकिंग पहिले मुख्यतः ग्रामीण इलाक़ों एवं कृषि क्षेत्र में ही प्रचिलित हुआ करती थी। परंतु 1990 के दशक में जब उदारीकरण की नीतियों को देश में लागू किया गया तब शहरी क्षेत्रों में भी सहकारी बैंकों की संख्या काफ़ी बढ़ गई। इन्हें शुरू से ही काफ़ी उदारीकृत माहौल में स्थापित किया गया। […]
कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन के बाद, अनलॉक के दूसरे चरण को प्रारम्भ हुए भी एक अर्सा बीत चुका है। अतः देश में आजकल यह चर्चा ज़ोरों पर है कि क्या हम आर्थिक क्षेत्र में कोरोना वायरस की महामारी के पूर्व की स्थिति में पहुँच गए हैं अथवा नहीं। इस सम्बंध में सरकार की […]
दरअसल स्टाम्प क़ानून को बदलने की प्रक्रिया पिछले दो दशक से चल रही है। आपको यदि ध्यान हो तो देश में 20 वर्ष से भी अधिक समय पूर्व 20,000 करोड़ रुपए का एक फ़र्ज़ी स्टाम्प घोटाला उजागर हुआ था। उस घोटाले के बाद स्टाम्प क़ानून में बड़े पैमाने पर बदलाव की बात की गई थी […]
आपको शायद याद होगा, अभी हाल ही के समय में एक निजी क्षेत्र के बैंक को कोरपोरेट अभिशासन सम्बंधी कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा था। निजी क्षेत्र के इस बैंक में पिछले कई सालों से प्रमोटर स्वयं ही मुख्य कार्यपालक अधिकारी के तौर पर कार्य कर रहे थे। शायद इसी वजह से […]
दीपक गिरकर सरकारी अधिकारी अर्थशास्त्रियों, वैज्ञानिकों और तकनीकविदों से सलाह-मशविरा नहीं करते हैं। सरकार को देश में अर्थशास्त्रियों और आर्थिक, बैंकिंग पेशेवरों की फौज तैयार करनी होगी तभी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत बेहतर हो पाएगी। एमएसएमई सेक्टर का जीडीपी में एक तिहाई से ज्यादा योगदान है और 11 करोड़ लोगों को रोजगार देता है। […]
प्रह्लाद सबनानी कुल मिलाकर प्रयास यह हो रहा है कि किस प्रकार बैंकों में जमाकर्ताओं के हित सुरक्षित रहें। बोर्ड के सदस्यों की बैंक के जमाकर्ताओं के प्रति भी कुछ जवाबदारी बनती है। हालाँकि अभी के नियमों के अंतर्गत, बैंक का प्रबंधन बैंक के बोर्ड के प्रति जवाबदेह होता है। आपको शायद याद होगा, अभी […]
प्रहलाद सबनानी ऐसा कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी पिछले 100 वर्षों में कभी नहीं देखी गई है। कुछ मायनों में कोरोना वायरस महामारी वर्ष 1918 में हुई दुर्घटना से भी अधिक भयावह है। अतः इसके प्रभाव भी आर्थिक एवं स्वास्थ्य के क्षेत्रों में बहुत अधिक गम्भीर हो रहे हैं। वैश्विक स्तर […]