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आर्थिकी/व्यापार

भारत में आर्थिक प्रगति हेतु सनातन संस्कृति के संस्कारों को जीवित रखना ही होगा

किसी भी देश में सत्ता का व्यवहार उस देश के समाज की इच्छा के अनुरूप ही होने के प्रयास होते रहे हैं। जब जब सत्ता द्वारा समाज की इच्छा के विपरीत निर्णय लिए गए हैं अथवा समाज के विचारों का आदर सत्ता द्वारा नहीं किया गया है तब तब उस देश में सत्ता परिवर्तन होता […]

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भारत की आर्थिक प्रगति को रोकने हेतु अशांति फैलाने के हो रहे हैं प्रयास

भारत की लगातार तेज हो रही आर्थिक प्रगति पर विश्व के कुछ देश अब ईर्ष्या करने लगे हैं एवं उन्हें यह आभास हो रहा है कि आगे आने वाले समय में इससे उनके अपने आर्थिक हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इस सूची में सबसे ऊपर चीन का नाम उभर कर सामने आ रहा […]

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2024 के केंद्रीय बजट की खास बातें और विपक्ष की राजनीति

  निशांत क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। कुल बजटीय आवंटन ₹48.21 लाख करोड़ रुपये के साथ, यह बजट रिन्यूबल एनेर्जी, जलवायु अनुकूलन और पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर […]

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केंद्र सरकार द्वारा बजट के माध्यम से भारत में रोजगार के नए अवसर निर्मित करने एवं आर्थिक विकास को गति देने का प्रयास किया गया है

हाल ही में लोकसभा के लिए सम्पन्न हुए चुनाव में भारतीय नागरिकों ने लगातार तीसरी बार एनडीए की अगुवाई में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को सत्ता की चाबी आगामी पांच वर्षों के लिए इस उम्मीद के साथ पुनः सौंपी है कि आगे आने वाले पांच वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा देश में आर्थिक विकास को […]

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भारत में तेजी से हो रहा है वित्तीय समावेशन

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैकिंग, निवेश, बीमा, डाक एवं पेन्शन क्षेत्र के हितधारकों को शामिल करते हुए वित्तीय समावेशन सूचकांक विकसित किया है। दरअसल, भारत में विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतुलनीय प्रगति को दर्शाने के लिए अब अपने सूचकांक विकसित करने की आवश्यकता महसूस की जाने लगी है क्योंकि वैश्विक स्तर पर वित्तीय एवं […]

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भारत में प्रतिवर्ष सृजित हो रहे हैं रोजगार के 2 करोड़ नए अवसर

आजकल विदेशी वित्तीय एवं आर्थिक संस्थान भारत के आर्थिक मामलों में अक्सर अपनी राय देने से चूकते नहीं हैं। अभी हाल ही में सिटीग्रुप इंडिया ने भारत की अपने बढ़ते कार्यबल के लिए पर्याप्त मात्रा में नौकरियां सृजित करने की क्षमता के मामले में चिंता जताई थी और एक प्रतिवेदन में कहा था कि भारत […]

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भारतीय परम्पराओं के अनुपालन से देश बढ़ रहा आगे

भारत जो किसी वक्त में सोने की चिड़िया रहा है जिसका किसी वक्त में वैश्विक अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान रहा है, उस भारत के गुलाम होने के बाद उसकी अर्थव्यवस्था को मुगलों ने एवं अंग्रेजों ने तहस-नहस किया है। भारत का सनातन चिंतन जितना अधिक शक्तिशाली था गुलामी के उस दौर में उस पर […]

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वित्तीय स्थिरता प्रतिवेदन के अनुसार भारत की वित्तीय प्रणाली बहुत मजबूत है

जून 2024 के अंतिम सप्ताह में, 27 जून 2024 को, भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता प्रतिवेदन जारी किया है। यह प्रतिवेदन वर्ष में दो बार, 6 माह के अंतराल पर, जारी किया जाता है। इस प्रतिवेदन में यह बताया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत की वित्तीय प्रणाली लगातार मजबूत बनी हुई है […]

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आगामी पांच वर्षों में भारतीय शेयर बाजार का पूंजीकरण हो सकता है दुगना

    पूरे विश्व में विभिन्न देशों के शेयर (पूंजी) बाजार में निवेश करने के सम्बंध में विदेशी निवेशक संस्थानों को सलाह देने वाले एक बड़े संस्थान मोर्गन स्टैनली ने हाल ही में अनुमान लगाया है कि बहुत सम्भव है कि भारतीय शेयर बाजार का पूंजीकरण आगे आने वाले 5 वर्षों में दुगना हो जाए।   आज खुदरा निवेशक, देशी […]

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भारतीय आर्थिक दर्शन के अनुरूप हो इस वर्ष का बजट

वित्तीय वर्ष 2024-25 का पूर्णकालिक बजट माननीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा भारतीय संसद में 23 जुलाई 2024 को पेश किया जा रहा है। वर्तमान में भारत सहित विश्व के लगभग समस्त देशों में पूंजीवादी नीतियों का अनुसरण करते हुए अर्थव्यवस्थाएं आगे बढ़ रही हैं। परंतु, हाल ही के वर्षों में पूंजीवादी नीतियों के अनुसरण […]

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