डॉ. राकेश राणा असली भारत गांवों में बसता है। देश के करीब छः लाख गांव में बसे लघु-सीमांत किसान अपने खून-पसीने की मेहनत से कृषि उद्यम कर देश को खाद्यान्न की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने का सफल किर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। एग्रीकल्चर सेंसस के अनुसार 67.04 प्रतिशत किसान परिवार सीमांत किसान हैं। जिनके पास […]
श्रेणी: आर्थिकी/व्यापार
देश में संस्कृति की अर्थव्यवस्था पर आज तक ग़ौर नहीं किया गया है और इस तरह के मुद्दे पर देश में शायद सारगर्भित चर्चा भी नहीं की गई हैं। वैसे तो भारत की संस्कृति हज़ारों सालों से सम्पन्न रही है। लेकिन, हाल ही के इतिहास में ऐसा लगता है कि जैसे भारतीय संस्कृति का दायरा […]
प्रह्लाद सबनानी भारत में कुल आबादी का लगभग 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ग्रामीण इलाक़ों में रहता है एवं अपने रोज़गार के लिए मुख्यतः कृषि क्षेत्र पर ही निर्भर हैं। इस प्रकार भारत में कृषि का क्षेत्र एक सिल्वर लाइनिंग के तौर पर देखा जाता है। सामान्य तौर पर वित्तीय समावेशन की सफलता का आकलन […]
कमलेश पांडेय देश में खिलौना निर्माण के कई कलस्टर हैं, जिनकी अपनी पहचान है और वहां पर सैंकड़ों कारीगर अपने अपने तरीके से स्वदेशी खिलौनों का निर्माण कर रहे हैं। अमूमन, ये घरेलू कारीगर जो खिलौना बनाते हैं, उनमें भारतीयता व हमारी संस्कृति की स्पष्ट छाप होती है। हर बच्चों के हाथ में दिखने वाला […]
कोरोना वायरस महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वरूप कुछ बदलने की राह पर जाता दिखाई दे रहा है। अभी तक भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान काफ़ी कम रहता है एवं सेवा क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक रहता है। परंतु बदली हुई परिस्थितियों में कृषि का योगदान कुछ बढ़ता नज़र आ रहा है एवं […]
सामान्य तौर पर वित्तीय समावेशन की सफलता का आँकलन इस बात से हो सकता है कि सरकार द्वारा इस सम्बंध में बनायी जा रही नीतियों का फ़ायदा समाज के हर तबके, मुख्य रूप से अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक, पहुँच रहा है। भारत में वर्ष 1947 में 70 प्रतिशत लोग ग़रीबी की रेखा से […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा हाल ही में सरकार ने किसानों के लिए और राहतों की घोषणाएं की हैं। इसमें एक देश-एक मण्डी, तिलहन, दलहन, आलू-प्याज आदि को आवश्यक वस्तु अधिनियम के नियंत्रण से मुक्त करने और कांट्रैक्ट खेती आदि प्रमुख हैं। देश-दुनिया के आर्थिक विश्लेषकों को अब यह साफ हो गया है कि खेती की […]
डॉ. अजय खेमरिया डेलोप इंडिया और रिटेल एशोसिएशन ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट कहती है कि भारत में ई-कॉमर्स बाजार अगले साल 2021 तक 84 अरब डॉलर का हो जाएगा जो 2017 में केवल 24 अरब डॉलर था। यानी ई-कॉमर्स 32 फीसदी की तेज गति से बढ़ रहा है। 20 जुलाई से लागू हो चुके […]
अंकित सिंह 15 अगस्त का भाषण ना सिर्फ हमारी देश की वर्तमान स्थिति को बतलाता है बल्कि भविष्य में हम किस दिशा की ओर बढ़ेंगे इसकी भी रूपरेखा तय करता है। हमारी विदेश नीति हो या कूटनीति या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला हो, तमाम मुद्दों पर प्रधानमंत्री देश के सामने अपनी बात रखते हैं। […]
कमलेश पांडेय ज्यादातर लोग अपनी बड़ी-बड़ी जरूरतें, जैसे घर या कार खरीदने जैसी चीजों के लिए कर्ज यानी लोन का सहारा लेते हैं। इसके अलावा, कई लोग पैसों की अचानक जरूरत आ पड़ने पर पर्सनल लोन भी लेते हैं। यदि आप कोरोना काल में पैदा हुई वित्तीय परेशानियों से घिर कर लोन यानी कर्ज लेने […]