कोरोना वायरस महामारी के चलते आर्थिक गतिविधियां पूरे विश्व में ठप्प पड़ गईं थीं। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा एवं मार्च 2020 के बाद से देश में आर्थिक गतिविधियों में लगातार कमी दृष्टिगोचर हुई। जिसके चलते, कई देशवासियों के रोज़गार पर विपरीत असर पड़ा था एवं शहरों से भारी मात्रा में मज़दूरों का ग्रामों […]
Category: आर्थिकी/व्यापार
देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी ने एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम, “अमेरिका-भारत स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फ़ोरम के तीसरे लीडरशिप समिट”, को सम्बोधित करते हुए अभी हाल ही में कहा है कि 130 करोड़ भारतीय अब देश को आत्म निर्भर बनाने के मिशन पर निकल पड़े हैं। भारत के आत्म निर्भर बनने की परिभाषा में पूरे विश्व […]
प्रहलाद सबनानी जब हम इतिहास पर नज़र डालते हैं तो पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का गौरवशाली इतिहास रहा है एवं जो भारतीय संस्कृति हज़ारों सालों से सम्पन्न रही है, उसका पालन करते हुए ही उस समय पर अर्थव्यवस्था चलाई जाती थी। 21वीं सदी में यदि भारत को पुनः एक वैश्विक शक्ति बनाना है […]
प्रहलाद सबनानी भारत सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र के भविष्य को सुरक्षित, सस्ता और व्यावहारिक बनाने के उद्देश्य से कई नीतिगत निर्णय लिए हैं। साथ ही, देश के परिवहन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों को उतारने की जो पहल की जा रही है, उससे स्वच्छ परिवहन की शुरुआत होगी। अभी हाल ही में देश में ऊर्जा […]
प्रह्लाद सबनानी भारत के विदेशी व्यापार क्षेत्र से भी बहुत अच्छी ख़बर आई है। बहुत लम्बे समय के बाद विदेशी व्यापार के चालू खाता में वर्ष 2020-21 की प्रथम तिमाही अर्थात् अप्रैल से जून 2020 के बीच में 1,980 करोड़ अमेरिकी डॉलर का आधिक्य शेष दर्ज किया गया है। पूरे विश्व में कोरोना वायरस महामारी […]
केंद्र में माननीय श्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2014 के बाद से ही किसानों की आय को दुगनी करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है एवं कृषि क्षेत्र में सुधार हेतु कई योजनाओं को लागू किया गया है। इसी कड़ी में, अभी हाल ही में भारतीय संसद ने कृषि क्षेत्र से सबंधित […]
वर्तमान परिदृश्य में आर्थिक गतिविधियों का महत्व पूरे विश्व में बढ़ता ही जा रहा है। आचार्य चाणक्य ने भी कहा है “सुखस्य मूलम धर्म:, धर्मस्य मूलम अर्थ:” अर्थात राष्ट्र जीवन में समाज के सर्वांगीण उन्नति का विचार करते समय अर्थ आयाम का चिंतन भी अपरिहार्य रूप से किया जाना चाहिये। भारतीय दर्शन के अनुसार अर्थ […]
किसी भी संस्थान की सफलता में उसके मज़दूरों एवं कर्मचारियों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है। बिना मज़दूरों एवं कर्मचारियों के सहयोग के कोई भी संस्थान सफलता पूर्वक आगे नहीं बढ़ सकता। इसीलिए संस्थानों में कार्य कर रहे मज़दूरों एवं कर्मचारियों को “मज़दूर/कर्मचारी शक्ति” की संज्ञा दी गई है। हमारे देश में दुर्भाग्य से […]
भारत, जापान एवं आस्ट्रेलिया अभी हाल ही में भारतीय-प्रशांत महासागर के क्षेत्र में सप्लाई चैन को मज़बूत करने के उद्देश्य से आपस में प्रयास करने के लिए सहमत हुए हैं। पूरे विश्व में सप्लाई चैन के मामले में चीन का एक तरह से वर्चस्व है, इस दृष्टि से यह एक अति महत्वपूर्ण क़दम माना जाना […]
प्रशांत सिंह (लेखक पॉलिटिक्स ऑफ इकोनॉमिक्स पुस्तक के लेखक हैं।) यह एक सर्व-विदित तथ्य है कि करोना महामारी के कारण विश्व भर की अर्थव्यवस्थाओं पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ा है और विश्व के सारे राष्ट्र अपनी अपनी अर्थव्यवस्थाओं को वापस पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत हैं। इस तथ्य को गहराई से समझने के लिए ये […]