वर्तमान परिदृश्य में आर्थिक गतिविधियों का महत्व पूरे विश्व में बढ़ता ही जा रहा है। आचार्य चाणक्य ने भी कहा है “सुखस्य मूलम धर्म:, धर्मस्य मूलम अर्थ:” अर्थात राष्ट्र जीवन में समाज के सर्वांगीण उन्नति का विचार करते समय अर्थ आयाम का चिंतन भी अपरिहार्य रूप से किया जाना चाहिये। भारतीय दर्शन के अनुसार अर्थ […]
श्रेणी: आर्थिकी/व्यापार
किसी भी संस्थान की सफलता में उसके मज़दूरों एवं कर्मचारियों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है। बिना मज़दूरों एवं कर्मचारियों के सहयोग के कोई भी संस्थान सफलता पूर्वक आगे नहीं बढ़ सकता। इसीलिए संस्थानों में कार्य कर रहे मज़दूरों एवं कर्मचारियों को “मज़दूर/कर्मचारी शक्ति” की संज्ञा दी गई है। हमारे देश में दुर्भाग्य से […]
भारत, जापान एवं आस्ट्रेलिया अभी हाल ही में भारतीय-प्रशांत महासागर के क्षेत्र में सप्लाई चैन को मज़बूत करने के उद्देश्य से आपस में प्रयास करने के लिए सहमत हुए हैं। पूरे विश्व में सप्लाई चैन के मामले में चीन का एक तरह से वर्चस्व है, इस दृष्टि से यह एक अति महत्वपूर्ण क़दम माना जाना […]
प्रशांत सिंह (लेखक पॉलिटिक्स ऑफ इकोनॉमिक्स पुस्तक के लेखक हैं।) यह एक सर्व-विदित तथ्य है कि करोना महामारी के कारण विश्व भर की अर्थव्यवस्थाओं पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ा है और विश्व के सारे राष्ट्र अपनी अपनी अर्थव्यवस्थाओं को वापस पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत हैं। इस तथ्य को गहराई से समझने के लिए ये […]
ललित गर्ग सांसदों के वेतन में तीस प्रतिशत कटौती तो अप्रैल में ही यह सोच कर लागू कर दी गयी थी कि कोरोना-काल ज्यादा लम्बा नहीं चलेगा, लेकिन अब सितंबर में भी साफ तौर पर लगने लगा है कि यह बुरा समय आगे भी चलने वाला है। आदर्श नेतृत्व की परिभाषा है, ”सबको साथ लेकर […]
देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी ने एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम, “अमेरिका-भारत स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फ़ोरम के तीसरे लीडरशिप समिट”, को सम्बोधित करते हुए अभी हाल ही में कहा है कि 130 करोड़ भारतीय अब देश को आत्म निर्भर बनाने के मिशन पर निकल पड़े हैं। भारत के आत्म निर्भर बनने की परिभाषा में पूरे विश्व […]
वर्तमान ख़रीफ़ 2020 के मौसम में देश में 1095 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का कार्य सम्पन्न किया जा चुका है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 1030 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का कार्य सम्पन्न हुआ था। चावल, दालें, मोटा अनाज, बाजरा तिलहन आदि की बुआई लगभग सम्पन्न हो चुकी है। कोरोना महामारी का […]
प्रह्लाद सबनानी वर्तमान ख़रीफ़ 2020 के मौसम में देश में 1095 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का कार्य सम्पन्न किया जा चुका है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 1030 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का कार्य सम्पन्न हुआ था। चावल, दालें, मोटा अनाज, बाजरा तिलहन आदि की बुआई लगभग सम्पन्न हो चुकी है। कोरोना […]
-निरंजन परिहार हमारे हिंदुस्तान में अब बहुत कुछ पहले जैसा नहीं होगा। बहुत कुछ बदल गया है। एकदम उलट हालात में चला गया है। फिर भी आपको, अगर लग रहा हो कि फिर से वही पुरानेवाले दिन आ जाएंगे। सब कुछ पहले जैसा होगा। जीना आसान होगा और हालात सुधरेंगे। तो भूल जाइए। कम से […]
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव श्री एंटोनियो गुटेरेस ने कोरोना वायरस और पर्यटन की नीति पर बोलते हुए कहा है कि कोरोना महामारी से वैश्विक स्तर पर पर्यटन उद्योग को वित्तीय वर्ष 2020 के पहले पांच महीनों में 32,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर के निर्यात का नुकसान हुआ है। पूरे विश्व के पर्यटन […]