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आर्थिकी/व्यापार

वित्तीय वर्ष 2025-26 का अग्रणी, पथप्रदर्शक एवं अतुलनीय बजट

दिनांक 1 फरवरी 2025 को केंद्र सरकार की वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लोकसभा में बजट पेश किया। श्रीमती सीतारमन ने एक महिला वित्तमंत्री के रूप में लगातार 8वां बजट लोकसभा में पेश कर एक रिकार्ड बनाया है। वित्तमंत्री द्वारा लोक सभा में पेश किया गया बजट अपने आप में […]

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आर्थिकी/व्यापार

वित्तीय वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट से मिल सकती हैं कई सौगातें

वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रेल-सितम्बर 2024) में भारत की आर्थिक विकास दर कुछ कमजोर रही है। प्रथम तिमाही (अप्रेल-जून 2024) में तो सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर गिरकर 5.2 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गई थी। इसी प्रकार द्वितीय तिमाही (जुलाई-सितम्बर 2024) में भी सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 5.4 […]

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आर्थिकी/व्यापार मुद्दा

चाईना डोर पर कब लगेगा प्रतिबंध ?

निर्मल रानी विश्व के सबसे बड़े बाज़ार के रूप में अपनी पहचान रखने वाले भारत में चीन जैसे पड़ोसी देश के अनगिनत उत्पाद पटे पड़े हैं। शायद ही कोई क्षेत्र ऐसा हो जिससे संबंधित सामग्री चीन निर्मित न कर रहा हो और भारत सहित पूरी दुनिया को उनकी आपूर्ति न कर रहा हो। छोटी से […]

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आर्थिकी/व्यापार

वैश्विक स्तर पर भारतीय रुपए के मान को गिरने से बचाने हेतु कम करना होगा आयात

एक अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपया 86.62 रुपए तक के रिकार्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है, बहुत सम्भव है कि आगे आने वाले समय में यह 87 रुपए अथवा 90 रुपए के स्तर को भी पार कर जाय। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपए की गिरावट के लिए वैश्विक स्तर पर कई कारक […]

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आर्थिकी/व्यापार

वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में मध्यमवर्गीय परिवारों को देनी होगी राहत

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में मध्यमवर्गीय परिवारों की प्रमुख भूमिका रहती है। देश में ही निर्मित होने वाले विभिन्न उत्पादों की मांग इन्हीं परिवारों के माध्यम से निर्मित होती है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे परिवार जब मध्यमवर्गीय परिवारों की श्रेणी में शामिल होते हैं तो उन्हें नया […]

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आर्थिकी/व्यापार धर्म-अध्यात्म

प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ मेले का आध्यात्मिक एवं आर्थिक महत्व

हिंदू सनातन संस्कृति के अनुसार कुंभ मेला एक धार्मिक महाआयोजन है जो 12 वर्षों के दौरान चार बार मनाया जाता है। कुंभ मेले का भौगोलिक स्थान भारत में चार स्थानों पर फैला हुआ है और मेला स्थल चार पवित्र नदियों पर स्थित चार तीर्थस्थलों में से एक के बीच घूमता रहता है, यथा, (1) हरिद्वार, […]

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आर्थिकी/व्यापार देश विदेश

अमेरिकी आर्थिक नीतियां अन्य देशों को विपरीत रूप से प्रभावित कर सकती है

वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अन्य देशों की मुद्राओं की कीमत अमेरिकी डॉलर की तुलना में गिर रही है। इससे, विशेष रूप से विभिन्न वस्तुओं का आयात करने वाले देशों में वस्तुओं के आयात के साथ मुद्रा स्फीति का भी आयात हो रहा है। इन देशों […]

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आर्थिकी/व्यापार

सांस्कृतिक परम्पराओं के चलते पूरे विश्व में अपना विशेष स्थान बनाता भारत

आर्थिक क्षेत्र में प्रगति की दृष्टि से भारत की अपनी विशेषताएं हैं, जो अन्य देशों में नहीं दिखाई देती हैं। उदाहरण के लिए भारत में आयोजित होने वाले धार्मिक आयोजनों एवं मेलों आदि में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं द्वारा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से इन मेलों/कार्यक्रमों में भाग लिया जाता है बल्कि इन श्रद्धालुओं द्वारा […]

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आर्थिकी/व्यापार भारतीय संस्कृति

भारत में दान करने की प्रथा से गरीब वर्ग का होता है कल्याण

भारत में हिंदू सनातन संस्कृति के संस्कारों में दान दक्षिणा की प्रथा का अलग ही महत्व है। भारत में विभिन्न त्यौहारों एवं महापुरुषों के जन्म दिवस पर मठों मंदिरों, गुरुद्वारों एवं अन्य पूजा स्थलों पर समाज के सम्पन्न नागरिकों द्वारा दान करने की प्रथा अति प्राचीन एवं सामान्य प्रक्रिया है। गरीब वर्ग की मदद करना […]

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आर्थिकी/व्यापार

भारत में सहकारिता आंदोलन को सफल होना ही होगा

भारत में आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से सहकारिता आंदोलन को सफल बनाना बहुत जरूरी है। वैसे तो हमारे देश में सहकारिता आंदोलन की शुरुआत वर्ष 1904 से हुई है एवं तब से आज तक सहकारी क्षेत्र में लाखों समितियों की स्थापना हुई है। कुछ अत्यधिक सफल रही हैं, जैसे अमूल डेयरी, परंतु […]

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