।।ओ३म्।। 1-आर्य समाज पूर्ण रूप से स्वदेशी राष्ट्रीय आंदोलन था,जिसमें बड़े-बड़े क्रांतिकारी उत्पन्न हो रहे थे,जिसे समाप्त करने के लिए अंग्रेज़ों ने संघ को खड़ा किया और संघियों ने छद्दम राष्ट्रवाद के नाम पर जोशीले युवाओं को भर्ती किया,ताकि स्वदेशी आंदोलन को दबाया जा सके। 2-आर्य समाज ने जिन स्वदेशी वस्त्र धोती और कुर्ता का […]
