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विकास के मनमोहन-मोदी मॉडल से तौबा !

पुण्य प्रसून बाजपेयी साल भर पहले मनमोहन सिंह अछूत अर्थशास्त्री थे । साल भर पहले पहले जातीय राजनीति करने वाले बीजेपी के लिये अछूत थे । साल भर पहले कश्मीरी पंडितों की घरवापसी बीजेपी के लिये सबसे अहम थी । साल भर पहले किसानों के दर्द पर बीजेपी जान छिड़कने को तैयार थी । साल […]

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मोदी-ममता का ढाका जाना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 जून को बांग्लादेश जा रहे हैं। उनके साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी जा रही हैं। यह अपने आप में इस खबर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बांग्लादेश से केंद्र सरकार अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करे, उसमें कोलकाता की सहमति न हो तो उसका हश्र क्या होगा, इसका अंदाज़ […]

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गोमांस और सूअर का मांस

गृह राज्य मंत्री किरन रिजीजू ने गोमांस—भक्षण पर जो विवाद छेड़ा है, उसमें से अनेक गहरे और रोचक पहलू उभरे हैं। रिजीजू ने अपनी ही सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के विचार का खंडन किया है।यह एक ही सरकार के दो मंत्रियों की सीधी मुठभेड़ है। इस मुठभेड़ पर भाजपा […]

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बीबीसी स्थापना के 75 वर्ष पूरे

तनवीर जाफरी बीबीसी अर्थात,  ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन अपनी हिंदी सेवा के स्थापना के 75 वर्ष पूरे कर चुका है। बीबीसी परिवार से जुड़े सभी लोग मीडिया का सिरमौर समझे जाने वाले इस विश्व के सबसे प्रमुख एवं विश्वसनीय मीडिया हाऊस की स्थापना पर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। हालांकि जनवरी 2011 में बीबीसी […]

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जनवरी 2016 में कौन होगा बीजेपी का अध्यक्ष ?

पुण्य प्रसून बाजपेयी पहली बार संघ और सरकार के भीतर यह आवाज गूंजने लगी है कि जनवरी 2016 के बाद बीजेपी का अध्यक्ष कौन होगा। और यह सवाल मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सफलता या असफलता से हटकर प्रधानमंत्री मोदी को ज्यादा मजबूत बनाने की दिशा में उठे हैं। चूंकि अमित शाह को राजनाथ […]

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अजा-अजजा आरक्षण स्थायी व्यवस्था

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ अजा-अजजा को सरकारी शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में मिला आरक्षण संविधान की स्थायी व्यवस्था, जबकि राजनेता और सरकार जनता को करते रहे-भ्रमित कुछ दुराग्रही लोग आरक्षण को समानता के अधिकार का हनन बतलाकर समाज के मध्य अकारण ही वैमनस्यता का वातावरण निर्मित करते रहते हैं। वास्तव में ऐसे लोगों की सही […]

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भारत में दरबदर होता कश्मीरी पण्डित

डॉ.शशि तिवारी भारत ’’सर्वे भवन्तु सुखनः एवं वसुधैव कुटुंबकम’’ की भावना को लेकर चलता है। लेकिन देश में शैतानी शक्तियों का बढ़ता दायरा केंसर की तरह सम्प्रदायवाद, जातिवाद एवं आतंकवाद के रूप में द्रुत गति से बढ़ रहा है। अब वक्त आ गया है देश के विखण्डन के पहले इसके खात्मे के लिये एक समयबद्ध […]

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विकास की अंधी दौड से, प्रकृति का नाश संभव

ओम प्रकाश  प्रकृति के अवरोध कुछ तत्वों के अपनी मौलिक अवस्था में न रहने और विकृत हो जाने से प्रकट होता है। इन तत्वों में प्रमुख हैं जल, वायु, मिट्टी आदि है। पर्यावरणीय समस्याओं से मनुष्य और अन्य जीवधारियों को अपना सामान्य जीवन जीने में कठिनाई होनी है और कई बार जीवन-मरण का सवाल पैदा […]

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सोशल साइट्स : चर्चित रहने का एक अच्छा जरिया

                               -डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी समीक्षक का काम टिप्पणी करना होता है। उसकी समझ से वह जो भी कर रहा है, ठीक ही है। मैं यह कत्तई नहीं मान सकता, क्योंकि टिप्पणियाँ कई तरह की होती हैं। कुछेक लोग उसे पसन्द करते हैं, बहुतेरे नकार देते हैं। पसन्द और नापसन्द करना यह समीक्षकों की टिप्पणियाँ […]

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अपने बेटों को अच्छे संस्कार दें

फ़िरदौस ख़ान मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्‍पताल में 42 साल तक कोमा में रहने के बाद नर्स अरुणा शानबाग ने दम तोड़ दिया. भारत एक ऐसा देश है, जहां पर क़ानून का फायदा मज़लूमों के बजाय ज़ालिम ही ज्यादा उठाते हैं. अरुणा शानबाग के साथ भी बिल्कुल ऐसा ही हुआ. उसके साथ बलात्कार कर […]

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