Categories
विविधा

मूरख-बक्से पर प्रहार

किसी भी बड़े सरकारी पद पर बैठते ही बड़े-बड़े पत्रकारों की बोलती बंद हो जाती है लेकिन ए. सूर्यप्रकाश हैं कि प्रसार भारती के अध्यक्ष होने के बावजूद वे बराबर लेख लिखते रहते हैं और अपनी बात बिना लाग—लपेट कहते रहते हैं। उन्होंने अभी एक व्याख्यान भी दिया, जिसमें उन्होंने खबरपालिका (मीडिया) को खरी—खरी सुना […]

Categories
विविधा

हर -घर हर- मन तक पहुंचता योग

मृत्युंजय दीक्षित संयुक्तराष्ट्र महासभा द्वारा 21 जून को योग दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद जैसे- जैसे 21 जून की तारीख पास आती जा रही है योग के प्रति जनसमुदाय में उत्सुकता जाग्रत होती जारही है। आगामी 21 जून को पूरे विष्व में एक साथ लाखों- करोड़ों लोग योग करने की तैयारी में […]

Categories
विविधा

पत्रकार को जिंदा जलाना

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जैसी जघन्य घटना हुई, ऐसी पत्रकारिता के इतिहास में पहले कभी सुनने में नहीं आई। जगेंद्रसिंह नामक पत्रकार को जिंदा जला दिया गया। खुद जगेंद्रसिंह का मृत्यु-पूर्व का बयान और उनके पुत्रों का दावा है कि शाहजहांपुर के पुलिस वालों ने उन्हें जिंदा जला दिया। उनका आरोप है कि यह […]

Categories
विविधा

पाकिस्तान का फालतू हल्ला

भारत सरकार के कुछ मंत्रियों के बयानों को लेकर भारत के अंदर और बाहर अनावश्यक तूफान उठा हुआ है। एक मंत्री ने कह दिया कि पाकिस्तान डर के मारे चिल्ला रहा है, क्योंकि भारत की फौज ने बर्मा के अंदर घुसकर बागियों को मारा है। पाकिस्तान के जिन नेताओं ने इस बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर […]

Categories
विविधा

काबा, एक शिव मन्दिर ही है… : कुछ तथ्य, कुछ विचित्र संयोग

सुरेश चिपलुनकर  Kaaba a Hindu Temple – PN Oak हाल ही में एक सेमिनार में प्रख्यात लेखिका कुसुमलता केडिया ने विभिन्न पश्चिमी पुस्तकों और शोधों के हवाले से यह तर्कसिद्ध किया कि विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में बहुत गहरे अन्तर्सम्बन्ध रहे हैं। पुस्तक “फ़िंगरप्रिंट्स ऑफ़ द गॉड – लेखक ग्राहम हैन्नोक” तथा एक अन्य पुस्तक […]

Categories
विविधा

टूटता विश्वास

डॉ.शशि तिवारी नकल असल जैसा, वैसा होने का एक और जहां भ्रम पैदा करता है वहीं दूसरी ओर अनुकरण न केवल गुलामी पैदा करता है बल्कि अपने असल होने के अस्तित्व केा भी नकारता है। इस तरह की जद्दोज़हद किसी को भी मंजिल पर न पहुंचा केवल भटकाव को ही पैदा करती है। नकल अन्धत्व […]

Categories
विविधा

आँखे : लघुकथा

“कार से एक लड़की उतरी और बस स्टैंड की तरफ बढ़ी, एक बुजुर्ग से बोली, अंकल ये ‘मौर्या शेरेटन’ जाने का रास्ता किधर से है, बेटा आगे से जाकर दायें हाथ पर मुड़ जाना, जी शुक्रिया, तभी उसके कानों में एक मधुर संगीत गूँज उठा, “ये रेशमी जुल्फें, ये शरबती आँखे इन्हे देखकर जी रहे […]

Categories
विविधा

नेहरू-गाँधी राजवंश (?)

सुरेश चिपलुनकर Nehru Dynasty and Gandhi Family in India (प्रस्तुत लेख में दी गई जानकारियाँ विभिन्न पुस्तकों के अंशों, वेबसाईटों की सामग्रियों से संकलित की गई हैं, जिनके लिंक्स साथ में दिये गये हैं… इन जानकारियों को लेखक ने सिर्फ़ संकलित और अनु्वादित किया है) आजकल जबसे “बबुआ” राहुल गाँधी ने राजनीति में आकर अपने […]

Categories
विविधा

कब तक चलेगी, यह नौटंकी?

आम आदमी पार्टी ने अपना हाल क्या बना रखा है? कुछ ही हफ्तों में उसकी शक्ल कैसी बन गई है? दिल्ली में उसकी प्रचंड विजय ने लोगों के दिल में कैसे-कैसे सपने जगा दिए थे। कुछ लोग आशा करने लगे थे कि यदि मोदी सरकार नाकारा साबित हुई तो पांच साल बाद या उसके पहले […]

Categories
विविधा

किसान और मनरेगा अधिनियम

-अशोक “प्रवृद्ध” गोंदल सिंह गाँव का एक लघु कृषक था और अपने गाँव में रहकर खेती एवं पशुपालन करते हुए अपनी आजीविका मजे में चला रहा था। संपन्न नही था फिर भी खुशहाल जीवन जी रहा था। गोंदल सिंह को खेती से बहुत प्यार था और किसान होने पर उसे गर्व था। वह कहता था […]

Exit mobile version