ललित गर्ग कोरोना कहर के बीच हर व्यक्ति स्वयं को दूषित और दमघोंटू वातावरण में टूटा-टूटा सा अनुभव कर रहा है। उसकी धमनियों में निराशा के विचारों, भय एवं आशंकाओं का रक्त संचरित हो रहा है। कोशिकाएँ अनिश्चितता एवं अनहोनी के धुएँ से जल रही हैं। कोरोना महामारी के बाद जीवनशैली में व्यापक बदलाव होंगे। […]
Category: विविधा
दोहरेपन में फंसे राष्ट्रवादी लोग
——————————————————– हाल में एक बड़े हिन्दू राष्ट्रवादी नेता का बयान छपा कि “कुछ तबलीगियों के काम को पूरे समुदाय का प्रतिबिंब नहीं मानना चाहिए।” जब अनुयायियों से पूछा गया कि आशय पूरी तबलीगी जमात से है या पूरा मुस्लिम समुदाय? तो चुप्पी रही। किसी ने कहा कि अखबार ने बयान विकृत करके छापा है। लेकिन […]
अजय कुमार जीवन के नये तरीके के अनुकूल ढलना, घरेलू सहायक-सहायिकाओं की मदद के बिना घर का सारा काम करना, घर से बाहर निकलने के लिए तैयार होने की जरूरत से मिली मुक्ति और दिन भर घर के अंदर रहना आम-खास सभी के जिंदगी का हिस्सा बन गया है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए […]
ललित गर्ग पुस्तक या किताब लिखित या मुद्रित पेजों के संग्रह को कहते हैं। पुस्तकें ज्ञान का भण्डार हैं। पुस्तकें हमारी दुष्ट वृत्तियों से सुरक्षा करती हैं और सकारात्मक सोच को निर्मित करती है। अच्छी पुस्तकें पास होने पर उन्हें मित्रों की कमी नहीं खटकती है। दुनियाभर में विश्व पुस्तक दिवस 23 अप्रैल को मनाया […]
डॉ. दीपकुमार शुक्ल चीनी राष्ट्रपति ने न केवल पूरे विश्व को भ्रम में रखा बल्कि चीनी नागरिकों को भी समय रहते सूचना नहीं दी। चीन सरकार ने 14 से 19 जनवरी तक यह बात सबसे छुपाये रखी कि वुहान शहर में कोरोना नाम के किसी नये और लाइलाज वायरस का पता चला है। पूरे विश्व […]
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि चीन में कोरोना वायरस के कारण मरने वालों की संख्या असल में कहीं अधिक है। शुक्रवार को एक ट्वीट कर उन्होंने कहा, “इस अज्ञात शत्रु से होने वाली मौतों का आंकड़ा चीन अचानक बढ़ा कर दोगुना कर दिया है। लेकिन ये इससे कहीं अधिक है, ये […]
डॉ. प्रभात कुमार सिंघल विश्व परिदृश्य को देखें तो अफ्रीका में 74, अरब राज्य में 62, एशिया प्रशांत में 183, यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका में 416 तथा दक्षिणी अमेरिका एवं कैरीबियन में 117, इटली में 49, स्पेन में 44, जर्मनी एवं फ्रांस में 38, चीन में 45 विश्व धरोहर स्थल हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के […]
✍दुलीचंद कालीरमनआज कोरोना के कारण पश्चिम के अमेरिका, स्पेन, इटली, ब्रिटेन जैसे विकसित देश अपने नागरिकों के मृत्यु के आंकड़ों को कम नहीं कर पा रहे हैं। ये वही देश है जिनकी चिकित्सा सुविधाएं विश्व में सबसे बेहतर मानी जाती हैं। ऐसे में भारत की 130 करोड़आबादी अपनी सीमित चिकित्सा सुविधाओं के साथ इस कोरोना […]
ओ३म् ============= मनुष्य के जीवन का आरम्भ जन्म से होता है और मृत्यु पर समाप्त हो जाता है। बहुत से लोग इस बात से परिचित नहीं होते कि उनका यह जन्म पहला व अन्तिम जन्म नहीं है। हमारी आत्मा अनादि व अनश्वर है। यह सदा से है और सदा रहेगी। आत्मा का अध्ययन करने के […]
डॉ रवि प्रभात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल भारत नहीं अपितु वैश्विक पटल पर भी विभिन्न विभिन्न कारणों से सर्वदा चर्चा का केंद्र रहता है । अपने 95 साल के इतिहास में एक सामाजिक सांस्कृतिक संगठन होने पर भी संघ की अधिकतम चर्चा राजनीतिक अथवा सांप्रदायिक कारणों से ही की जाती रही, निहित स्वार्थों के वशीभूत […]