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लद्दाख के निर्माता कुशक बकुला रिनपोछे

19 मई/जन्म-दिवस भगवान बुद्ध के शरीर त्याग के समय उनके 16 शिष्यों ने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक उनके विचार पूरे विश्व में नहीं फैलेंगे, तब तक वे मोक्ष से दूर रहकर बार-बार जन्म लेंगे और यह काम पूरा करेंगे। इन 16 में से एक कुशोक बकुला अब तक 20 बार जन्म ले चुके […]

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भविष्य बताना पाखंड मात्र है

  ज्योतिष के नाम पर विभिन्न प्रकार के प्रपंच समाज में देखने को मिलते हैं। प्राचीन काल में गणित ज्योतिष (Astronomy) का प्रचार था जिसका सम्बन्ध विभिन्न ग्रहों के परिभ्रमण, मौसम आदि में परिवर्तन, सूर्य-चन्द्रमा आदि के उदय-अस्त से सम्बंधित था। यह पूर्ण रूप से वैज्ञानिक एवं युक्तिसंगत था। कालांतर में फलित ज्योतिष प्रसिद्ध हो […]

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नये भारत और ‘आत्म-निर्भर भारत’ का सार्थक अर्थ

ललित गर्ग भारत एक ऐसे राष्ट्र बनने की ओर डग भर रहा है जहां न शोषक होगा, न कोई शोषित, न मालिक होगा, न कोई मजदूर, न अमीर होगा, न कोई गरीब। सबके लिए शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा और उन्नति के समान और सही अवसर उपलब्ध होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने […]

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भारत में चौथे लॉकडाउन के पहले जानिए पिछले तीनों लॉकडाउन के कोरोना मामलों का स्पष्ट अन्तर

शुभम यादव भारत सरकार सुदृढ़ नीति से कोरोना कि शुरुआत तो खराब करने में सफल रहे। लेकिन हालात पिछले कुछ दिनों से बेकाबू होते जा रहे हैं। तीनों चरणों के दौरान कोरोना के मामलों में कितना अंतर रहा, किस दर से मामलों में स्थिरता आई अथवा बढ़ोतरी हुई उसे इन आंकड़ों के जरिए समझा जा […]

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भारत में भी कोरोना ने पकड़ी रफ्तार, चीन को छोड़ सकता है पीछे

अंकित सिंह पिछले चार-पांच दिनों से देखें तो भारत में कभी 3171 मामले आते हैं तो कभी 4100 मामले आते हैं, वही कभी 3620 पॉजिटिव केस देखने को मिल जाते हैं। जहां सिर्फ चीन का एक वुहान शहर इस संक्रमण से प्रभावित था तो वहीं भारत के 3 राज्य इस संक्रमण के चपेट में भयंकर […]

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जनप्रतिनिधियों पर नही, ब्यूरोक्रेसी पर भरोस – योगी आदित्यनाथ

जनप्रतिनिधियों पर नही, ब्यूरोक्रेसी पर भरोसा – योगी आदित्यनाथ अजय कुमार योगी को टीम-11 की बजाए पूरी की पूरी ब्यूरोक्रेसी और अधिकारियों/कर्मचारियों का विश्वास जीत कर आगे बढ़ना चाहिए था। यहां सपा सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव का जिक्र जरूरी है, जिन्होंने भी योगी की टीम-11 को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उत्तर […]

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क्या संपूर्ण देश में नशाबंदी होनी चाहिए

डॉ. वेदप्रताप वैदिक तालाबंदी को ढीला करते ही सरकार ने दो उल्लेखनीय काम किए। एक तो प्रवासी मजदूरों की घर वापसी और दूसरा शराब की दुकानों को खोलना। नंगे—भूखे मजदूर यात्रियों से रेल का किराया वसूल करने की इतनी कड़ी आलोचना हुई कि उनकी यात्राएं तुरंत निःशुल्क हो गईं लेकिन जहां तक शराब का सवाल […]

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स्वमंसेवी संगठन कोरोना-काल में गायब हैं।

स्वमंसेवी संगठन कोरोना-काल में गायब हैं। प्रमोद भार्गव विकास संबंधी परियोजनाओं में पर्यावरण संरक्षण के बहाने बाधा बनने वाले स्वयंसेवी संगठन कोरोना-काल में गायब हैं। जबकि ये कोरोना से सतर्क रहने व जनता को भयमुक्त बनाए रखने के लिए जागरुकता अभियान चला सकते थे, वैसे भी स्वास्थ्य संबंधी जागरुकता के लिए देश में सबसे ज्यादा […]

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महात्मा बुद्ध का मांसाहार को लेकर चिंतन

बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाशित महात्मा बुद्ध महान समाज सुधारक थे। उस काल में प्रचलित यज्ञ में पशु बलि को देखकर उनका मन विचलित हो गया और उन्होंने उसके विरुद्ध जन आंदोलन कर उस क्रूर प्रथा को रुकवाया। महात्मा बुद्ध जैसे अहिंसा के समर्थक एवं बुद्ध धर्म के विषय में दो बातें उनके आंदोलन […]

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देश की स्वतंत्रता में गाँधीजी के योगदान को नकारा नहीं जा सकता

पवन कुमार गुप्त इसलिए गाँधी जी भारतीयों के मानस पर पड़े घावों का इलाज करना चाहते थे। आत्म-विश्वास और अपने स्वभाव और सभ्यतागत दृष्टि के अनुकूल सहज जीवन जीने के लिए लोगों को स्वतंत्र करना चाहते थे। भारत के साधारण की और यहाँ की सभ्यतागत दृष्टि की श्रेष्ठता के वे पहले से कायल थे। साल […]

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