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अधूरी सुविधाओं से कैसे खिलेगा बचपन?

सुनीता जोशी गरुड़, बागेश्वर उत्तराखंड आंगनबाड़ी केंद्र एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है जो शिशुओं और बच्चों को सही विकास के लिए संबंधित सुविधाएं प्रदान करता है. इसकी शुरुआत का मुख्य उद्देश्य पूर्व प्राथमिक शिक्षा यानी 3 से 6 साल की आयु के दौरान बच्चों को खेल खेल में शिक्षा प्रदान कर भविष्य में उनके सीखने […]

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बालमुकुन्द रजत छत्र का भव्य लोकार्पण मारी मटकी फोड़ी रे बालमुकुन्द सरकार

बालमुकुन्द चौक पर सजी मथुरा की थीम पर झांकी बाँसवाड़ा शहर में किशनपोल स्थित बालमुकुन्द गणेश मण्डल तेली समाज प्रतिवर्ष चर्चा का विषय बना हुआ है । मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि व अध्योध्या श्री राम जन्मभूमि की थीम पर गणेशजी की झांकी सजाई गई है । गणेशोत्सव में अयोध्या, मथुरा गणपति जी के साथ नजर […]

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हाईजैक गर्ल यानी नीरजा भनोट

मात्र 23 वर्ष की उम्र मे दुर्दांत #मुस्लिम आतंकियों से भिड़कर अपनी जान देकर 350 से अधिक लोगों की जान बचाने वाली वीरांगना #नीरजाभनोट की #पुन्यतिथी पर #कोटि #कोटि #नमन। नीरजा को भारत का वीरता का #सर्वोच्च #नागरिक #सम्मान #अशोकचक्र, पकिस्तान का #तमगाएइंसानियत और अमेरिका का #जस्टिसफॉरक्राइम अवार्ड मिला और पूरे विश्व में इनको हाइजैक […]

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अल्लाह का दरबार कैसा है ?

एक शायर ने कहा था “शुक्र कर खुदाया ,मैंने तुझे बनाया ,तुझे कौन पूछता था मेरी बंदगी से पहले “हमें इस्लाम को ठीक से समझने के लिए पहले अरबों के इतिहास ,उनकी संस्कृति ,और उनकी मानसिकता को समझाना होगा .असल में इस्लाम अरबी साम्राज्यवाद का दूसरा रूप है .जिसमे औरतों को भोग की वस्तु माना […]

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◼️क्या शूद्र ईश्वर के पैरों से उत्पन्न हुए है🤨

उत्तर – 🔥‘ब्राह्मणोऽस्य’ ( यजुर्वेद – ३१ । ११ ) मंत्र कहता है कि “इस यज्ञपुरुष के मुख से ब्राह्मण हुए और बाहु से क्षत्रिय, ऊरू से वैश्य तथा पैरों से शूद्र उत्पन्न हुए।” 🌻उत्तर – आपका यह अर्थ सर्वथा अशुद्ध और स्वयं वेद के ही विरुद्ध है, क्योंकि वेद ईश्वर को निराकार, अकाय वर्णन […]

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08 सितम्बर विश्व दादा दादी दिवस-   बुजुर्गियत और अनुभव का आदर और सम्मान जीवन के लिए सारगर्भित

        – सुरेश सिंह बैस शाश्वत एवी के न्यूज सर्विस      पोप फ्रांसिस ने दादा-दादी और बुजुर्गों के लिए विश्व दिवस के रूप में विश्वव्यापी उत्सव की स्थापना की। वह इस बात पर प्रकाश डालना चाहते थे कि बुजुर्ग हमारी दुनिया के लिए एक महान उपहार हैं और हर पीढ़ी के पास […]

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पिंडदान-पितृ- विसर्जन रहस्य

-स्वामी विवेकानन्द जी सरस्वती, प्रभात आश्रम (पूज्य स्वामी विवेकानन्द जी का यह लेख 22 वर्ष पहले शांतिधर्मी में प्रकाशित हुआ था। पितृपक्ष श्राद्ध तर्पण प्रकरण में यह लेख अवश्य ही पठनीय और विचारणीय है।- सहदेव समर्पित) किसी भी भारतीय मास के दो पक्ष होते हैं, पहला पक्ष कृष्ण पक्ष अर्थात् अन्धेरा पक्ष। दूसरा शुक्ल पक्ष […]

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बाल विवाह की बुराई से मुक्त नहीं हुआ है गांव

जगत सिंह अजमेर, राजस्थान हमारे देश में सामाजिक स्तर पर कुछ बुराईयां और कुरुतियां ऐसी हैं जिसने गहराई से समाज में अपनी जड़ें जमा रखी हैं. यह न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य में भी विकास की प्रक्रियाओं को भी प्रभावित करता है. इनमें सबसे प्रमुख बाल विवाह है. आज भी देश के कई ऐसे राज्य […]

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रोज़गार की कमी से जूझता कालबेलिया समुदाय

संतरा चौरठिया अजमेर, राजस्थान हमारे देश में सदियों से विभिन्न जातियां और समुदाय निवास करती हैं. यह देश के अलग अलग राज्यों में स्थाई रूप से अपनी पहचान और संस्कृति के साथ फल फूल रही हैं. अर्थव्यवस्था के विकास में भी इनमें से सभी का अपने अपने स्तर पर योगदान होता है. लेकिन कुछ समुदाय […]

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विश्व आदिवासी दिवस: एक बड़े जनजातीय नर संहार के स्मरण का शोक दिवस

विदेशी शक्तियां भारतीय समाज को विखंडित करने हेतु मूलनिवासी दिवस का उपयोग कर रहीं हैं। नौ अगस्त, वस्तुतः पश्चिमी साम्राज्यवादियों द्वारा किये गए बड़े, बर्बर नरसंहार का दिन है। इस शोक दिवस को उसी पीड़ित व दमित जनजातीय समाज द्वारा उत्सव व गौरवदिवस रूप में मनवा लेने का षड्यंत्र है यह! आश्चर्य यह है कि […]

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