ललित गर्ग कोरोना कहर के बावजूद हम कहां बदल पाये हैं स्वयं को और अपनी दूषित सोच को। हम देख भी रहे हैं कि बुरे विचार जितना दूसरों का नुकसान करते हैं, उतना ही स्वयं अपना भी। कारण अपनी ही सुरक्षा को लेकर डरा दिमाग ढंग से नहीं सोच पाता। कोरोना महाव्याधि एवं कहर के […]
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वर्तमान व्यवस्था पर एक करारा व्यंग्य “”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” गुडगांव या गुरुग्राम में जलभराव की ऐसी अनेकों तस्वीर है जो सोशल मीडिया पर छाई हुई है | आज विश्व फोटोग्राफी दिवस भी है प्रभु की कृपा से कितना उत्तम दृश्य मिला है कैमरे में कैद करने के लिए | पूरा गुरुग्राम पानी में डूब गया| यह तो […]
हरजिंदर सबसे पहले बात रिकवरी रेट की। मृत्यु दर अगर दो प्रतिशत के आसपास है और हम यह मान लें कि अंत तक यह इससे ज्यादा नहीं बढ़ेगी तो इसका अर्थ यह हुआ कि अंतिम रिकवरी रेट 98 प्रतिशत के आस-पास रहनी चाहिए। आंकड़े खुद कभी कुछ नहीं कहते। तमाम कहानियां आंकड़ों से नहीं बल्कि […]
5 अगस्त 2020 से हिन्दू सनातन धर्म इतिहास में एक नये अध्याय का प्रारम्भ हुआ है। इस दिन भगवान श्रीराम के अयोध्या स्थित राम मंदिर निर्माण की नींव रखी गई। नींव रखने के साथ ही मंदिर निर्माण जोर शोर से शुरु हो गया है। 1528 से लेकर 2020 तक का यह सफर भगवान राम जी […]
ललित गर्ग आजादी का यह उत्सव उन लोगों के लिए एक आह्वान है जो अकर्मण्य, आलसी, निठल्ले, हताश, सत्वहीन बनकर सिर्फ सफलता की ऊंचाइयों के सपने देखते हैं पर अपनी दुर्बलताओं को मिटाकर नयी जीवनशैली की शुरुआत का संकल्प नहीं स्वीकारते। एक और आजादी का जश्न सामने हैं, जिसमें कुछ कर गुजरने की तमन्ना भी […]
अजय कुमार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को सुझाव दिया है अयोध्या में बन रही मस्जिद का नाम अगर रखना है तो मोहम्मद साहब के नाम पर नाम रखा जाए और इसे ‘मस्जिद ए मोहम्मदी’ का नाम दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्म […]
डॉ. दीपा गुप्ता आमतौर पर जन्म के आधार पर हाथियों में नर और मादा हाथियों की संख्या लगभग बराबर होती है लेकिन प्रति पाँच वर्ष में होने वाली गणना में एक नर पर तीन मादा का अनुपात दर्ज हुआ है…. इसका क्या कारण है ? हिंदू पौराणिक मान्यताओं के आधार पर हाथियों का पूर्वज एरावत […]
सोनम लववंशी कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। सदियों रहा है दुश्मन दौर ए जमाना हमारा।। मशहूर शायर इकबाल की ये पंक्तियां भारतीय परिवेश और हमारे गौरवशाली इतिहास पर एक दम सटीक बैठती है। यूं तो हमारी पुरातन संस्कृति को खण्ड-खण्ड करने की औछी राजनीति सदियों से ही चली आ रही है। फिर […]
17 13 में लुटेरे गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने बनारस में भारत में लूटे गए पैसों से अपनी ठाट बाट मौज मस्ती के लिए हॉर्स गार्ड दस्ता की बुनियाद डाली | 1947 में देश आजाद हो गया साथ ही राजतंत्र भी समाप्त हो गया लोकतंत्र देश में आ गया… लेकिन अंग्रेजों की बहुत सी फिजूल […]
प्रवीण गुगनानी मूलनिवासी दिवस या इंडिजिनस पीपल डे एक भारत मे एक नया षड्यंत्र है। सबसे बड़ी बात यह कि इस षड्यंत्र को जिस जनजातीय समाज के विरुद्ध किया जा रहा है, उसी समाज के काँधों पर रखकर इसकी शोभायमान पालकी भी चतुराई पूर्वक निकाल ली जा रही है। वैश्विक दृष्टि से यदि देखा जाये […]