किसी भी आर्थिक गतिविधि में सामान्यतः पांच घटक कार्य करते हैं – भूमि, पूंजी, श्रम, संगठन एवं साहस। हां, आजकल छठे घटक के रूप में आधुनिक तकनीकि का भी अधिक इस्तेमाल होने लगा है। परंतु पूंजीवादी अर्थव्यवस्थाओं में चूंकि केवल पूंजी पर ही विशेष ध्यान दिया जाता है अतः सबसे अधिक परेशानी, श्रमिकों के शोषण, […]
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उगता भारत ब्यूरो मुजफ्फरनगर जिले के बघरा में स्थित योग साधना यशवीर आश्रम में महंत स्वामी यशवीर जी महाराज के सानिध्य में मेरठ जिले के दो मुस्लिम परिवारों के आठ सदस्य शुद्धि यज्ञ में गायत्री मंत्रों के साथ आहुति देने के बाद हिंदू धर्म में वापस आ गए। इन परिवारों के सभी 8 सदस्यों के […]
1. ईसाइयत- हर व्यक्ति जन्म से पापी हैं क्योंकि सृष्टि के आदि में हव्वा (Eve) और आदम (Adam) ने बाइबिल के ईश्वर के आदेश की अवमानना की थी। इसलिए ईश्वर ने हव्वा को शाप देकर पापी करार दिया था। इस पाप से बचाने वाला केवल एक मात्र ईसा मसीह है क्योंकि वह पापों को क्षमा […]
डॉ. प्रभात कुमार सिंघल प्राय: देखने में आता है कि आज के इंटरनेट युग में पाठकों ने पुस्तकों से दूरी बना ली है। एक समय था जब किताबें मानव के मनोरंजन के साथ – साथ ज्ञान, शिक्षा का भंडार और संस्कृति का संवाहक मानी जाती थी। बच्चों से लेकर बूढ़े तक अपनी – अपनी रुचि […]
उत्तराखंड की ‘टुपली’ टोपी का राजशाही सफर
व्योमेश चन्द्र जुगरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामान्य सी वस्तु में भी विशिष्टता ढूंढ लेते हैं। फिर उसका उपयोग कैसे करना है, उनसे बेहतर कोई नहीं जानता। अभी हाल में अहमदाबाद के रोड-शो में वह एक खास तरह की भगवा टोपी में दिखे और यही टोपी बीजेपी के स्थापना दिवस पर पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के […]
सांप को दूध पिलाना ?
प्रथम विश्व युद्ध 1914-1919। ब्रिटिश जीत में सबसे बड़ा योगदान भारतीय सैनिकों का रहा. 1912 तक बहुत कम भारतीय ब्रिटिश सेना का हिस्सा थे. बहुत से जातिवादी नेताओं ने भारतीयों को सेना में भर्ती करवाया. यही नेता थे जो बाद में साइमन कमिशन के स्वागत में खड़े थे. प्रथम विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सेना में शामिल […]
मधुमास मधुमक्खी और मधु*
================== मधुमक्खी गजब का परिश्रमी सामाजिक बुद्धिमान कीट है । मधुमक्खी अपना जीवन अप्रैल से लेकर सितंबर इन 6-7 महीनों में जी लेती है…. सितंबर के पश्चात सर्दियों का मौसम मधुमक्खियों के लिए बहुत बेरहम विध्वंसक होता है…. इस मौसम में मधुमक्खियां भुख ठंड से मरती हैं। छत्ते में शहद लगभग खत्म हो जाता है […]
प्रो. संजय द्विवेदी 1960 में के. आसिफ ने अकबर की बादशाहत पर ‘मुगले-ए-आजम’ के तौर पर एक भव्य और ऐतिहासिक फिल्म बनाई’, जबकि उसी वक्त राजकपूर ‘जिस देश में गंगा बहती है’ और दिलीप कुमार ‘गंगा-जमुना’ जैसी फिल्में बना रहे थे। समाज की बेहतरी, भलाई और मानवता का स्पंदन ही भारतबोध का सबसे प्रमुख तत्व […]
अयोध्या का दिन – ब – दिन बदलता स्वरूप
डा. राधे श्याम द्विवेदी वर्तमान अयोध्या एवं प्राचीन अयोध्या की एकरूपता केवल अयोध्या की पावन भूमि व सरयू नदी ही है। सरयू नदी भी अपना पाट समय समय पर बदलती रही है।इसके अलावा अयोध्या का शेष सभी कुछ परिवर्तित हो चुका है। प्राचीन भारत में कोसल के नाम से प्रसिद्ध नगर को सम्प्रति अयोध्या के […]
अल्लाह के धंधे :मुहम्मदी इलाज !!
अबतक अल्लाह और मुहम्मद के बारे में कई जानकारियाँ मिल गयी होंगी .लेकिन अल्लाह का धंधा क्या है ,और मुहम्मद जिहाद ,लूट , के अलावा और क्या करता था ,यह बात यह बात बहुत कम लोग जानते है .मुहम्मद हरेक बीमारी का इलाज एक ही दवा से करता था ,और वह दवा थी मुहम्मद का […]