सौम्या ज्योत्सना मुजफ्फरपुर बिहार 14 मई को हर साल मातृत्व दिवस मनाया जाता है और इस अवसर पर सुर्खियां केवल शहरी एवं ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं को दी जाती है। बेशक वे महिलाएं, जो एकल मां हैं और अपने बच्चों का लालन-पालन कर रही हैं, तारीफ की हकदार हैं लेकिन भारत का हृदय […]
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माथे पर वह विस्मयादिबोधक चिन्ह
डॉ. सुधा कुमारी दक्षिण एशिया के कुछ देशों, विशेषकर भारत में लोगों के माथे पर या भौंहों के बीच विभिन्न रंगों और आकृतियों में चंदन,कस्तूरी, रोली, सिंदूर या कुमकुम का तिलक दिखाई देता है जो कभी बिंदी बन माथे पर बैठा होता है कभी खड़ी रेखा बन खिंचा होता है। सिंदूर और कुमकुम के तिलक […]
हरीश कुमार पुंछ, जम्मू तकनीक के विकास ने भले ही इंसानों के काम को आसान कर दिया है, लेकिन कई बार इसके कुछ नकारात्मक परिणाम भी सामने आये हैं. आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस मशीनों ने ऊंची ऊंची इमारतों को बनाना आसान कर दिया है, लेकिन इससे निकलने वाले धुंए और गुबार ने न केवल पर्यावरण […]
गृह निर्माण के लिए आवश्यक जानकारियां
ऋषिराज नागर( एडवोकेट) हमारे सभी के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब हम अपने लिए नया घर बनाते हैं। आइए, आज गृह निर्माण के समय आवश्यक सावधानियों और तैयारियों के बारे में विचार करते हैं। अपने घर बनाने की तैयारी करते हैं तो सर्वप्रथम आवश्यकता के अनुसार प्लाट (भूमि) का क्षेत्रफल कागजात में […]
================== आचार्य श्री विष्णुगुप्त जेल में दोस्ती। यह वाक्य थोड़ा आश्चर्य करने वाला है। कई प्रकार के प्रश्न दिमाग में उठते हैं। आज के समय में उक्त वाक्य पर चिंतन होगा कि जेल तो अपराधी जाते हैं, जेल तो भ्रष्ट जाते हैं, जैसे मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद और मनीष सिसौदिया, सत्येन्द्र जैन, पी चिदम्बरम। तो […]
ललित वर्मा पड़ोस में एक दादी आई हैं। बहुत केयरिंग। नमस्ते करो तो सिर पर बाकायदा हाथ फेरती हैं। आशीर्वाद देती हैं। एक दिन पत्नी ने कहा : दादी ने बाहर रखे मरवे के पौधों पर ऑब्जेक्शन किया है। कह रही हैं, बेटा इनको हटा दियो। ये घर के लिए अच्छे नहीं होते। मैं हंसा। […]
पूर्णिमा और अमावस्या
भारतीय मनीषा में प्रत्येक पर्व के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण है। इसका कारण भारतीय धर्म का वैज्ञानिक स्वरूप है। भारतीय संस्कृति का पावन भवन कर्म और विज्ञान के समुच्चय पर खड़ा किया गया है। इस समुच्चय को ही ‘सत्य’ और ‘धर्म’ माना गया है। कर्म को जीवन का आधार बनाकर ज्ञान-विज्ञान से उसका […]
नेटवर्क के बिना विकसित भारत की कल्पना नहीं
कुमारी रितिका चोरसौ, गरुड़ बागेश्वर, उत्तराखंड आजादी के बाद से देश में संचार ने नई क्रांति ला दी है, वहीं देश के कई गांवों ऐसे है जहां अभी तक फोन की घंटी तक नहीं बजी है. पूरे देश में जहां 5जी नेटवर्क लांच की बात हो रही है वहीं पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के बागेश्वर जिला […]
” जयन्ती ” शब्द के बारे में भ्रांति निवारण
डॉ.राधे श्याम द्विवेदी सोसल मीडिया में एक खबर कहीं से आ गई कि जीवित व्यक्ति की जयंती नहीं मनाई जाती है,नश्वर व्यक्ति की जयंती मनाई जाती है। यह कथन बिल्कुल सत्य नहीं है। आइए ” जयन्ती” शब्द के बारे में कुछ विचार विमर्श कर लें। केवल सही विश्लेषण को आगे बढ़ाएं। भ्रांतियां और गलत संदेश […]
बनिया , बरगद और व्यापार*
=================== आर्य सागर खारी🖋️ पुर्तगाली व अगंरेज जब व्यापारी के रूप में सर्वप्रथम भारत आये तो उन्होंने भारत के गांवो में आश्चर्यजनक नजारा देखा। उन्होंने पाया अधिकांश गांवों के बाहर बरगद के पेड़ के नीचे गांव के किसानों व स्थानीय व्यापारियों बनियों की बैठके चलती है जहां बनिया व किसान हाथ में हाथ मिला कर […]