रिंकु कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार गोपालपुर तरौरा गांव के 45 वर्षीय शिवनंदन पंडित के परिवार में चार से छह लोग रहते हैं. एस्बेस्टस के एक छोटे से मकान में पूरा परिवार किसी तरह गुजर-बसर करता है. जमीन बस मकान भर है. खेतीयोग्य जमीन तो बिल्कुल भी नहीं है. मजदूरी करके हर महीने बमुश्किल 6-7 हजार रुपये […]
Category: विविधा
(पवन कुमार वर्मा-विनायक फीचर्स) इतिहास, पुरातत्व और धार्मिक विषयों पर अपनी अलग और मजबूत पकड़ रखने वाले श्री दिनेश चंद्र वर्मा एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में देश ही नहीं वरन विदेशों में भी नाम रोशन किया। उनके लेख देश की प्रमुख पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रमुखता के साथ […]
*”स्वच्छता-संदेश”*
1-स्वच्छ जीवन हो हमारा,स्वच्छ ही परिधान हो। स्वच्छ परिसर हो हमारा,स्वच्छता में मान हो।। 2- स्वच्छ काया स्वच्छ मन हो,स्वच्छ ही आहार हो। स्वच्छ वाणी स्वच्छ बुद्धि,स्वच्छ ही व्यवहार हो।। 3-स्वच्छ सड़कें स्वच्छ राहें,स्वच्छ पथ-विस्तार हो। स्वच्छ रेलें स्वच्छ सीटें,स्वच्छ सारा छोर हो।। 4- स्वच्छ मुख हो स्वच्छ शिर हो, स्वच्छ सारी देह हो। स्वच्छ […]
* कलकत्ते में पिछले २० वर्षो में खास करके वृहत्तर बड़ा बाजार में हावड़ा ब्रिज से ले कर राइटर्स बिल्डिंग तक और हावड़ा ब्रिज से ले कर सियालदह स्टेशन तक जो कि मुख्यता वाणिज्यिक क्षेत्र है वहां पर देखा गया है कि अधिकांश दुकान, गद्दी, ऑफिस, मकान, आवासिक घर कमोबेश ९०% तक मुस्लिम समुदाय द्धारा […]
सड़क दुर्घटनाओं से जूझता पहाड़
गिरीश बिष्ट रुद्रपुर, उत्तराखंड भारत में प्रति वर्ष जितने लोग विभिन्न बिमारियों के कारण मौत के मुंह में समा जाते हैं, तक़रीबन उतनी ही संख्या में अकेले सड़क दुर्घटनाओं के कारण अपनी जान गंवा देते हैं. मैदानी इलाकों के साथ साथ पहाड़ी राज्यों में भी प्रति वर्ष अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में […]
अन्नागार बनते अजायब घर*।
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ बस किसी तरह यह अन्न छानने, कूटने,पकाने के विविध मानव श्रमचालित पात्र उपकरण पुनः हमारे घर में स्थान पाकर प्रयोग में आ जाए तो मधुमेह ,अवसाद,ह्रदय पेट रोगों से धीमी व तेज मौत मरते लोगों को पुनर्जीवन स्वास्थ्य मिल जाएगा। पहले प्राचीन भारतीय घरों में अन्नागार बनता था। जहां […]
◼️हम मृत्यु से क्यों डरते हैं ?◼️*
✍🏻 लेखक – स्वामी दर्शनानन्द जी प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ संसार में ऐसा कौन-सा प्राणी है जिसे मृत्यु से भय न लगता हो? यद्यपि प्रकट में मनुष्य मृत्यु के लक्षणों से अनभिज्ञ हैं और नहीं जानते कि मृत्यु क्या वस्तु है, परन्तु क्या यह आश्चर्य की बात नहीं है कि जिस पदार्थ के गुणों को […]
दीपक आचार्य 9413306077 मरु भूमि का पारम्परिक लोकवाद्य अलगोजा जब कलाकार के होंठों का स्पर्श पाता है तब फ़िजाँ में ऐसी सुरीली तान घुलने लगती है कि सुनने वाला मदमस्त हो प्रकृति और प्रणय के मधुर रसों का आस्वादन करने लगता है। मरुधरा कलाकारों की खान रही है जहाँ एक से बढ़कर एक कलाकार हैं, […]
* ==================== आचार्य विष्णु हरि सरस्वती मेरे पास बहुत दिनों से यह खबर आ रही है कि पिछडो और दलितों को हिन्दुत्व से खदेड़ने और उन्हें हिन्दुत्व से दूर भेजने के लिए सरकारी हिन्दूवादी सक्रिय है, आक्रामक हैं और अपमानजनक अभियान चला रखे हैं। आज कोई दलित या पिछडे वर्ग के लोग हिन्दुत्व छोड़ रहे […]
डॉ दिनेश चंद्र सिंह आधुनिक शिक्षा पद्धति ने गुरुकुल शिक्षा पद्धति की नींव हिला दी। बिडम्बना यह कि आधुनिक शिक्षा पद्धति वर्ष दर वर्ष खर्चीली और समयसाध्य यानी दीर्घसूत्री होती गई। इससे गूढ़ ज्ञान को गच्चा मिला, जिसने गुणहीन पर डिग्रीधारी लोगों में बेरोजगारी को बढ़ावा दिया। शिक्षा का महान उद्देश्य ज्ञान और कर्म है। […]