राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत ने लखनऊ में क्या पते की बात कही है। वे संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा ‘जब तक समाज साथ में खड़ा नहीं होता, नेता, नारा, पार्टी, सरकार और चमत्कार से समाज का भला नहीं हो सकता।’ इस कथन का अभिप्राय […]
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जेठमलानी को गुस्सा क्यों आया?
वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी को गुस्सा क्यों आया? इसीलिए न कि सर्वोच्च न्यायालय के सामने भारत सरकार ने घुटने टेक दिए। सरकारी महाअधिवक्ता ने कह दिया कि सरकार उन लोगों के नाम उजागर नहीं कर सकती, जिन्होंने विदेशी बैंकों में अपना काला धन छिपा रखा है। यही बात तो मनमोहन सिंह सरकार कह दिया करती […]
महर्षि की कमाई खाता आर्य समाज
प्रेरक ‘हिन्दी प्रदीप (प्रयाग) ने स्वामी दयानंद जी महाराज के देहांत पर अपने श्रद्घा सुमन निम्न प्रकार अर्पित किये थे-”हा! आज भारतोन्नति कमलिनी का सूर्य अस्त हो गया। हा! वेद का खेद मिटाने वाला सद्घैद्य गुप्त हो गया। हा! दयानंद सरस्वती आर्यों की सरस्वती जहाज का पतवारी बिना दूसरों को सौंपे तुम क्यों अंतर्धान हो […]
आइये जाने की क्या हैं लाभ पंचमी
सौभाग्य (लाभ) पंचमी जीवन मं सुख और सौभाग्य की वृद्धि करती है इसलिए कार्तिक शुक्ल पक्ष कि पंचमी को सौभाग्य पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष 28 अक्तूबर 2014 को (मंगलवार के दिन) लाभ/ सौभाग्य पंचमी का पर्व मनाया जाएगा कार्तिक शुक्ल पंचमी, सौभाग्य पंचमी व लाभ पंचमी के रूप में […]
वह खून कहो किस मतलब का
वह खून कहो किस मतलब का जिसमें उबाल का नाम नहीं। वह खून कहो किस मतलब का आ सके देश के काम नहीं। वह खून कहो किस मतलब का जिसमें जीवन, न रवानी है! जो परवश होकर बहता है, वह खून नहीं, पानी है! उस दिन लोगों ने सही-सही खून की कीमत पहचानी […]
मनीराम शर्मा समय समय पर भारत की न्यायपालिका द्वारा शक्तियों के प्रयोग पर प्रश्न चिन्ह उठते रहे हैं | यद्यपि समय समय पर देश की न्यायपालिका और उसके पैरोकार न्यायिक गरिमा का दम भरते हैं किन्तु हाल ही में जयललिता को जमानत देने और निर्णय पर रोक लगाने का मामला एक ताज़ा और ज्वलंत उदाहरण […]
दिल को लुभाये वागड़ की दीवाली
सुकून देता है दीवाली आणा – कल्पना डिण्डोर जीवन के हर पहलू को वासंती उल्लास देने में पर्व-त्योहारों का ख़ास महत्व है। हर उत्सव के साथ जुड़ी हुई लोक रस्म जन मन से लेकर परिवेश तक में आनंद का दरिया बहा देती है। दीपावली भी ऎसा ही त्योहार है जब पूरा परिवेश लोक लहरियों पर […]
कैसे आए लक्ष्मी हमरे द्वार ….
– कल्पना डिण्डोर लक्ष्मी पाने के फेर में हम सदियों से कुछ न कुछ करते ही आ रहे हैं। सदियों पहले उतना धूमधड़ाका नहीं था। पटाखों का शोर नहीं था, माईक दानवों का अस्तित्व तक भी नहीं। श्रद्धालु आराम से लक्ष्मी मैया की पूजा-अर्चना करते, और लक्ष्मी मैया भी पूरी उदारता के साथ वह सब […]
सभी प्रकार के वातरोगों में लहसुनका उपयोग करना चाहिए।इससे रोगी शीघ्र ही रोगमुक्त हो जाता है तथाउसके शरीर की वृद्धि होती है।’ कश्यप ऋषि के अनुसारलहसुन सेवन का उत्तम समय पौष व माघ महीना(दिनांक 22 दिसम्बर से 18 फरवरी 2015 तक) है।प्रयोग विधिः 200 ग्राम लहसुन छीलकर पीस लें। 4 लीटर दूध में ये लहसुन […]
दिखावे की नहीं संस्कारित करने की आवश्यकता
संदर्भ : स्वच्छता अभियान तनवीर जाफ़री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गत् 2 अक्तूबर को गांधी-शास्त्री जयंती के अवसर पर प्रतीकात्मक रूप से स्वयं अपने हाथों से झाड़ू लगाकर पूरे देश में स्वच्छता अभियान शुरु किए जाने की औपचारिक घोषणा की गई। देश के सभी सरकारी विभागों,शिक्षण संस्थाओं आदि को इस अभियान में भाग लेने […]