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अचूक प्रभाव है लक्ष्मी मंत्रों का

–  आचार्य योगिता दीपावली के उपलक्ष्य में श्रीलक्ष्मी माता की विशेष उपासना की जाती है उनकी उत्पत्ति का विषय यामल ग्रन्थों में वर्णित है। श्री लक्ष्मी को कमला एवं सौभाग्य लक्ष्मी भी कहते हैं। मुख्य श्री तो श्रीविद्या महात्रिपुर सुन्दरी ही है। जब समुद्र मन्थन हुआ तब कमलात्मिका लक्ष्मी उत्पन्न हुई। उन्होंने श्री महात्रिपुर सुन्दरी […]

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मोदी के लिये पवार हथियार भी और ढाल भी

 पुण्‍य प्रसून वाजपेयी पवार का खुला समर्थन बीजेपी को सरकार बनाने के लिये गया क्यों। क्या बीजेपी भी शिवसेना से पल्ला झाड कर हिन्दुत्व टैग से बाहर निकलना चाहती है। या फिर महाराष्ट्र की सियासत में बालासाहेब ठाकरे के वोट बैंक को अब बीजेपी हड़पना चाहती है, जिससे उसे भविष्य में गठबंधन की जरुरत ना […]

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इस जीत का अर्थ क्या है?

हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा की विजय के अर्थ क्या हैं? इस विजय का सबसे पहला संदेश तो यह है कि यह सच्चे लोकतंत्र की विजय है। जनता के लोकतांत्रिक निर्णय को पलीता लगाने वाली चीजे हैं – जातिवाद, क्षेत्रवाद, संप्रदायवाद! इन अ-राजनीतिक दबावों से ऊपर उठ कर लोगों ने मतदान किया यानी उन्होंने निजी […]

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अच्छे दिन बस आने ही वाले हैं…

अंजू शर्मा बेमौसम बरसात का असर हैया आँधी के थपेड़ों की दहशतउसकी उदासी के मंजर दिल कचोटते हैंमेरे घर के सामने का वह पेड़जिसकी उम्र और इस देश के संविधान कीउम्र में कोई फर्क नहीं हैआज खौफजदा है मायूसी से देखता है लगातारझड़ते पत्तों कोछाँट दी गई उन बाँहों को जो एक पड़ोसीकी बालकनी में […]

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उल्लूओं की तरह भागते न फिरें

असली धन है संतोषी जीवन आजकल इंसान की सर्वाधिक दौड़ धन की ओर लगी हुई। इसमें दो किस्मों के लोग हैं। एक वे हैं जो धर्म एवं नीति संगत कार्यों और स्वयं के पुरुषार्थ से धन संग्रह करते हुए पूरी मस्ती के साथ जीवन जीते हैं। दूसरे प्रकार में वे लोग हैं जिन्हें पुरुषार्थ से […]

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धन वही नहीं जो तिजोरियाँ भरता है

धन के बारे में आम तौर पर यही माना जाता है कि रुपए-पैसे और सोना-चाँदी ही धन है जिन्हें बैंक या घरों के भण्डार में सायास सहेजकर सुरक्षित रखा जाता है अथवा विनिमय में प्रयुक्त होता है। और माना जाता है कि चोर-डकैतों की निगाह इसी धन पर होती है। धन अपने आपमें दुनियावी आकर्षण […]

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आरंभ हुआ व्यवस्था परिवर्तन का दौर

डॉ0 वेद प्रताप वैदिक की कलम  से प्रांतीय चुनावों से मुक्त होते ही सरकार ने तेजी से काम करना शुरु कर दिया है। इसके तीन स्पष्ट संकेत हमारे सामने हैं। पहला श्रम−सुधार की घोषणा, महत्वपूर्ण सचिवों की अदला−बदली और ‘मनरेगा’ का रुपांतरण! यदि इन तीनों परिवर्तनों को एक साथ रखकर देखें तो आशा बंधती है […]

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क्यों हर किसी को शह और मात देने की स्थिति में हैं मोदी ?

पुण्‍य प्रसून वाजपेयी नरेन्द्र मोदी जिस राजनीति के जरिये सत्ता साध रहे हैं, उसमें केन्द्र की राजनीति हो या क्षत्रपों का मिजाज । दोनों के सामने ही खतरे की घंटी बजने लगी है कि उन्हे या तो पारंपरिक राजनीति छोड़नी पडेगी या फिर मुद्दों को लेकर पारपरिक समझ बदलनी होगी । लेकिन मजेदार सच यह […]

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लक्ष्मी वहीं,  जहाँ उपभोक्ता खुश

दीपावली के माहौल में हर तरफ लक्ष्मीजी को खुश करने और रखने के लिए सभी प्रकार के जतन किए जा रहे हैं। लक्ष्मी को रिझाने के लिए झाड़ु बुहारी, साफ-सफाई,रंग-रोगन, लिपाई-पुतायी, पाठ-पूजा, अनुष्ठान, रंगीन रोशनी और सजावट से लेकर वह सब कुछ किया जा रहा है जो इंसान के बूते में है। गरीब से लेकर […]

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विशेषणों का मोह त्यागें

इंसान होना अपने आप में महान उपलब्धि  और ईश्वरीय वरदान है। जिस इंसान में इंसानियत आ गई वह मनुष्य होने का लक्ष्य भी हासिल कर लिया करता है और इंसानियत के जरिये अपने आपका ऎसा वजूद कायम कर लेता है कि उसके जाने के बाद भी अर्से तक उसे किसी न किसी रूप में याद […]

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