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  नदी नहीं बची तो हम कहां बचेंगे

लोकेन्‍द्र सिंह सब जानते हैं कि नदियों के किनारे ही अनेक मानव सभ्यताओं का जन्म और विकास हुआ है। नदी तमाम मानव संस्कृतियों की जननी है। प्रकृति की गोद में रहने वाले हमारे पुरखे नदी-जल की अहमियत समझते थे। निश्चित ही यही कारण रहा होगा कि उन्होंने नदियों की महिमा में ग्रंथों तक की रचना […]

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राजस्थान की मुख्यमंत्राी का सिंगापुर दौरा

सिंगापुर के पर्यावरण एवं जल संसाधन मंत्राी से आपसी सहयोग की सम्भावनाओं पर चर्चा नई दिल्ली, 15 अक्टूबर, 2014। राजस्थान की मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे ने अपने सिंगापुर दौरे के मंगलवार को सिंगापुर के पर्यावरण एवं जल संसाधन मंत्राी डॉ. विवियन बालकृष्णन से मुलाकात के दौरान राजस्थान म­ लागू किये जा रहे रिफोर्म्स एवं आपसी […]

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चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले

दिन में पहरा । रात में ताले । हाथों में पहचान पत्र । मौत का खौफ । झेलम का प्रेम । डल लेक की रुहानी हवा । डाउन-टाउन की निगाहों का शक । जेनाकदम और सफा कदम पुल की दास्तां । सेना की छाया । कब्रगाह की धूप । घाटी में “हैदर” पहले भी था […]

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कश्‍मीर मुद्दे पर पाक नेताओं की राजनीति

तनवीर जाफ़री  हम कश्मीर को लेकर रहेंगे,कश्मीर हमारा है तथा हम कश्मीर को कभी नहीं छाड़ेंगे जैसी बेतुकी बातें पाकिस्तान के नेताओं के मुंह से अक्सर सुनी जाती रही हैं। मरहूम ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो ने कहा था कि चाहे हमें कश्मीर को हासिल करने के लिए भारत से सौ साल तक क्यों न लडऩा पड़े […]

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कई संदेश देती है दीवाली की साफ-सफाई

हमारे जीवन पर उन सभी वस्तुओं और व्यक्तियों का प्रभाव पड़ता है जो हमारे आस-पास होते हैं अथवा जिनके आस-पास हम अधिकतर समय रहा करते हैं। इनका सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव न्यूनाधिक रूप में बना रहता है। जब सकारात्मक प्रभाव अधिक होता है तब हमें प्रसन्नता होती है और सुकून मिलता है। इसके विपरीत नकारात्मकता […]

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“जिस दिन वोट पड़ेंगे, उस दिन हम उजड़ जायेंगे”

 पुण्‍य प्रसून वाजपेयी जिस दिन वोट पड़ेंगे उस दिन हम उजड़ जायेंगे। कोई नेता, कोई मंत्री, कोई अधिकारी इस गांव में झांकने तक नहीं आता। छह महीने पहले तक गांव में हर कोई आता था। छह महीने पहले चुनावी बूथ भी गांव में बना था। छह महीने पहले मिट्टी की दीवार पर लगा पंतप्रधान नरेन्द्र […]

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जबरदस्ती का मतांतरण बन्द होना चाहिए

राजीव गुप्‍ता 20 सितम्बर 1893 को धर्म-संसद मे ईसाईयो द्वारा भारत मे मतांतरण  किये जाने पर कडी आपत्ति करते हुए स्वामी विवेकानन्द ने कहा, “आपके ईसाई धर्म-प्रचारक भारत मे मात्र गिरजाघर बनाने के अलावा और कुछ नही करते है. भारत मे पडी भयंकर भुखमरी के कारण लाखो लोगो ने अपना जीवन गँवा दिया परन्तु आपके […]

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भ्रष्टाचार की सजा हो तो ऐसी…

 डॉ0 वेद प्रताप वैदिक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को अदालत ने सजा सुनाई, लेकिन सारा देश जानता है कि इस सजा का कोई खास असर होने वाला नहीं है। जयललिता जैसे कई मुख्यमंत्री पहले भी जेल की हवा खा चुके हैं। उनमें से कई अभी भी राजनीति में दनदना रहे हैं। भ्रष्टाचार में जेल काटने […]

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इस्लाम के नाम पर यह क्या?

डॉ0 वेद प्रताप वैदिक सीरिया और इराक में ‘इस्लामी राज्य’ के लिए लड़ रहे मुजाहिदों ने अपने मुंह पर चौथी बार कालिख पोत ली है। एलान हेनिंग की गर्दन काटने के पहले भी वे तीन गोरों की गर्दन काट चुके हैं। गर्दन काटने के वीभत्स वीडियो भी वे जारी कर रहे हैं। इन चार लोगों […]

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मोदी को क्‍या मिला अमेरिका से

डॉ0 वेद प्रताप वैदिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा में भारत ने क्या खोया, क्या पाया यह सवाल सभी सुधीजन खुद से पूछ रहे हैं। यह सवाल के यदि संपूर्ण विदेश नीति के संदर्भ में रखकर पूछें तो यह ज्यादा अर्थवान हो जाता है। अभी तक मोदी ‘ब्रिक्स’ में हुई भेंटों के अलावा भूटान, […]

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