गायत्री मंत्र का वर्ण ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् गायत्री मंत्र संक्षेप में गायत्री मंत्र (वेद ग्रंथ की माता) को हिन्दू धर्म में सबसे उत्तम मंत्र माना जाता है. यह मंत्र हमें ज्ञान प्रदान करता है. इस मंत्र का मतलब है – हे प्रभु, क्रिपा करके हमारी बुद्धि को […]
श्रेणी: विविधा
भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक परम्परा को आगे बढ़ाने में अहिंसा और अनेकांत के सिद्धांत उपयोगी: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नई दिल्ली, 26 नवंबर। राष्ट्रपति भवन ऑडिटोरियम में भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी एवं जैन तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम आचार्य श्री महाश्रवण के सानिध्य में अणुव्रत आन्दोलन के प्रवर्तक आचार्य तुलसी के जन्मशताब्दी वर्ष पर […]
दुनिया में प्रकाश भी है और अंधकार भी, पहाड़ भी हैं और घाटियां भी, गुण भी हैं और अवगुण भी। सर्वत्र सभी प्रकार की मन-बुद्धि वाले लोग और संसाधन उपलब्ध हैं जिनका उचित उपयोग सकारात्मक माहौल का सृजन कर आनंद देता है और दुरुपयोग नकारात्मक वातावरण का सृजन कर दुःख, पीड़ाओं और विषाद का प्रसार […]
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत ने लखनऊ में क्या पते की बात कही है। वे संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा ‘जब तक समाज साथ में खड़ा नहीं होता, नेता, नारा, पार्टी, सरकार और चमत्कार से समाज का भला नहीं हो सकता।’ इस कथन का अभिप्राय […]
वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी को गुस्सा क्यों आया? इसीलिए न कि सर्वोच्च न्यायालय के सामने भारत सरकार ने घुटने टेक दिए। सरकारी महाअधिवक्ता ने कह दिया कि सरकार उन लोगों के नाम उजागर नहीं कर सकती, जिन्होंने विदेशी बैंकों में अपना काला धन छिपा रखा है। यही बात तो मनमोहन सिंह सरकार कह दिया करती […]
प्रेरक ‘हिन्दी प्रदीप (प्रयाग) ने स्वामी दयानंद जी महाराज के देहांत पर अपने श्रद्घा सुमन निम्न प्रकार अर्पित किये थे-”हा! आज भारतोन्नति कमलिनी का सूर्य अस्त हो गया। हा! वेद का खेद मिटाने वाला सद्घैद्य गुप्त हो गया। हा! दयानंद सरस्वती आर्यों की सरस्वती जहाज का पतवारी बिना दूसरों को सौंपे तुम क्यों अंतर्धान हो […]
सौभाग्य (लाभ) पंचमी जीवन मं सुख और सौभाग्य की वृद्धि करती है इसलिए कार्तिक शुक्ल पक्ष कि पंचमी को सौभाग्य पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष 28 अक्तूबर 2014 को (मंगलवार के दिन) लाभ/ सौभाग्य पंचमी का पर्व मनाया जाएगा कार्तिक शुक्ल पंचमी, सौभाग्य पंचमी व लाभ पंचमी के रूप में […]
वह खून कहो किस मतलब का जिसमें उबाल का नाम नहीं। वह खून कहो किस मतलब का आ सके देश के काम नहीं। वह खून कहो किस मतलब का जिसमें जीवन, न रवानी है! जो परवश होकर बहता है, वह खून नहीं, पानी है! उस दिन लोगों ने सही-सही खून की कीमत पहचानी […]
मनीराम शर्मा समय समय पर भारत की न्यायपालिका द्वारा शक्तियों के प्रयोग पर प्रश्न चिन्ह उठते रहे हैं | यद्यपि समय समय पर देश की न्यायपालिका और उसके पैरोकार न्यायिक गरिमा का दम भरते हैं किन्तु हाल ही में जयललिता को जमानत देने और निर्णय पर रोक लगाने का मामला एक ताज़ा और ज्वलंत उदाहरण […]
सुकून देता है दीवाली आणा – कल्पना डिण्डोर जीवन के हर पहलू को वासंती उल्लास देने में पर्व-त्योहारों का ख़ास महत्व है। हर उत्सव के साथ जुड़ी हुई लोक रस्म जन मन से लेकर परिवेश तक में आनंद का दरिया बहा देती है। दीपावली भी ऎसा ही त्योहार है जब पूरा परिवेश लोक लहरियों पर […]