मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी में आजकल काफी गहरा विचार-मंथन चल रहा है। 1978 में जालंधर अधिवेशन में उसने जो रास्ता पकड़ा था, उसे अब वह छोड़ना चाहती है। वह रास्ता क्या था? वह रास्ता था, गैर-भाजपा दलों से गठबंधन करने का! भाजपा को वह घोर दक्षिणपंथी, सांप्रदायिक और संकीर्ण दल मानती थी, जबकि उसे कांग्रेस, समाजवादी […]
श्रेणी: विविधा
पी चिदंबरम ने बर्र के छत्ते में हाथ डाल दिया। उन्होंने कह दिया कि कांगेस में से माँ-बेटा राज खत्म भी हो सकता है। उनके इस दुस्साहिसक बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देखी जा रही है। क्यों नहीं देखी जा रही है? क्योंकि सभी कांग्रेसी मजबूर हैं। वे क्या करें? उन्हें पता है कि सोनिया […]
प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों पर मेहरबानी की। उन्हें भाजपा मुख्यालय में बुलाया। मेहमानों का स्वागत करने की हमारी परंपरा है लेकिन मेहमान पत्रकारों ने घंटे-डेढ घंटे प्रतीक्षा की और वहां बैठ कर मेजबान प्रधानमंत्री का स्वागत किया! प्रधानमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि कभी भाजपा कार्यालय में वे कैसे […]
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर, 2014। राजस्थान के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री नन्दलाल मीणा ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि जनजाति उपयोजना के प्रावधानों को और अधिक प्रासंगिक बनाया जाये। साथ ही राजस्थान में लम्बे समय से की जा रही अनुसूचित क्षेत्र के विस्तार की मांग को भी स्वीकार किया जाये तथा […]
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर, 2014। राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने कहा है कि राज्य सरकार ऎसी कंपनियों के साथ सहयोग की संभावनाए तलाश रही है जो राजस्थान की तरक्की और विकास में भागीदार बनने के लिये निवेश करें। श्रीमती राजे ने अलवर जिले के भिवाडी़ में फ्रांस की प्रसिद्ध बहुराष्ट्रीय कम्पनी ’सेन्ट गोबेन‘ […]
जो जिन्दा होते हैं वे ही लोगों की श्रेणी में आते हैं मगर आजकल इंसान की जो दशा हो रही है उसे देख लगने लगा है कि अब लोगों की नई प्रजाति हमारे सामने आ रही है जिनमें जान तो है लेकिन वे जानदार नहीं कहे जा सकते हैं। जान होते हुए भी लोग ऎसी […]
अभिरंजन कुमार अमेरिका और अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों को हम जितना गलिया लें, लेकिन उनके विज़न की दाद देनी पड़ेगी। वे बीस साल, पचास साल, सौ साल आगे की सोचकर काम करते हैं। हम लोग चार दिन आगे नहीं सोच पाते हैं। भारत जैसे मुल्क आज भी उनके हाथों के खिलौने भर हैं। हम सब […]
पुण्य प्रसून वाजपेयी बीते ४५ बरस की शिवसेना की राजनीति कल स्वाहा हो जायेगी। जिन सपनों को मुंबई की सड़क से लेकर समूचे महाराष्ट्र में राज करने का सपना शिवसेना ने देखा कल उसे बीजेपी हड़प लेगी। पहले अन्ना, उसके बाद भाई और फिर उत्तर भारतीयों से टकराते ठाकरे परिवार ने जो सपना मराठी मानुष […]
अखण्ड भारत मोर्चा के अध्यक्ष श्री संदीप आहूजा ने खेद व्यक्त करते हुऐ कहा कि त्रिलोकपुरी के दंगों मे दिल्ली पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है। चूंकी स्थानीय पुलिस वहां के अवैध मांस व्यापारीयों एवं सरकारी जमीन पर कब्जा करके कबाड़ का काम करने वालों से मिली हुई है। माता की चैंकी पर […]
कुत्तो ने सोंचा , जंगल केराजा को दहला देंगे ,गागर ने सोचा सागर को पीकर मनबहला लेंगे !.गीदड़ो ने साजिश कि गजराज को आँखदिखाने कि ,अंगारो ने कोशिश कि सूरज को आगलगानेकि !.किन्तु ये क्या जाने , लोटे में यानना चलते है ,चूहो कि आवाजाही से पहाड़कभी ना हिलतेहै !.देश द्रोहियो का सारा अरमानधरा रहजाएगा […]