‘ कितना विशाल था , ‘वासुकी इंडिकस’ सांप ?🐍 वर्ष 2004 में भारत के जीवाश्म वैज्ञानिकों के दल ने गुजरात के कच्छ की कोयले की खदान से एक सरीसृप जीव की रीढ़ की हड्डियों के जीवाश्म एकत्रित किए जीवाश्म तो एकत्रित कर लिए गए लेकिन उन जीवाश्म पर कोई अध्ययन नहीं किया गया अब वर्ष […]
Category: विविधा
व्यंग्य : बात का बतंगड़ बनाना
पंकज शर्मा तरूण – विभूति फीचर्स हिंदी में एक मुहावरा है बात का बतंगड़ बनाना अर्थात तनिक सी बात को बड़ी कर बताना। जैसे कपड़े की चिंदी को सांप बताना।आजकल हमारे देश में क्या पूरी दुनिया में यही प्रचलन है,अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव हों, रूस यूक्रेन का युद्ध हो या हमास और इजराइल का […]
शैतान रेगर भीलवाड़ा, राजस्थान देश की आजादी को सात दशक बीत जाने के बाद भी ईंट भट्ठा मजदूर गुलामी (बंधुआ मजदूरी) का जीवन जीने को विवश हैं. भौगोलिक रूप से भले ही देश को आजादी मिल गई हो या सरकारें कितने ही योजनाएं बना ले, लेकिन सच यह है कि देश में प्रवासी मजदूरों को […]
कारण शरीर को लेकर कुछ शंकाएं
शंका समाधान दिनांक १३/४/२०२४ नमस्ते स्वामी जी। स्वामी जी कारण शरीर को लेकर कुछ शंकाएं है,जो निम्न हैं। १)कारण शरीर को सभी जीवात्माओं के लिए एक ,विभु माना गया है। स्वामी जी इसे ऐसा क्यों नही माना जा सकता है जिन सत्व, रज आदि अथवा कारण शरीर से मेरा स्थूल ,सूक्ष्म आदि शरीर बना है […]
बांसवाड़ा, 14 अप्रेल/चैत्र नवरात्रि में मेष संक्रांति के दिन ही सतुआन पर्व पर भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयन्ती सामाजिक समरसता दिवस पर इस्कान की बांसवाड़ा इकाई के तत्वावधान में रविवार को इस्कान केन्द्र पर अभय गोरांग प्रभु की अगुवाई में हुए बहुआयामी कार्यक्रम में श्रृद्धा-भक्ति का ज्वार उमड़ आया। इस अवसर पर अपने प्रवचन […]
स्वस्थ भारत की जननी है आंगनबाड़ी केंद्र
बेबी कंवर लूणकरणसर, बीकानेर राजस्थान एक अप्रैल से राजस्थान की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहयोगिनियों और सहायिकाओं के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है. इससे आंगनबाड़ी से जुड़े सदस्यों को काफी लाभ पहुंचेगा. इस वक़्त पूरे राज्य में 62,020 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. जिसके माध्यम से लाखों बच्चों और गर्भवती […]
आधुनिक रेल की वास्तविकता
पंकज शर्मा तरुण – विनायक फीचर्स भारतीय रेल की वर्तमान तस्वीर कितनी बदली यह किसी से भी छुपा नहीं है। एक समय था जब पूरे देश में छोटी लाइन थी जिसे अंग्रेजों ने बिछाया था इसको मीटर गेज/नेरो गेज कहा जाता था।कोयले से चलने वाले काले रंग के इंजिन हुआ करते थे, जिसे भाप के […]
लेखिका = डॉ० कुमारी सुशीला आर्या एम०ए०, पी०एच०डी० प्रस्तुति = अमित सिवाहा हरयाणा पुरातन काल से वैदिक संस्कृति का केन्द्र रहा है। इसे ब्रह्मष देश अथवा ब्रह्मदेश के नाम से पुकारा जाता था। इसकी वर्तमान संज्ञा तथा प्राचीन कई एक नाम संस्कृत भाषा परक है। इतिहास साक्षी है कि इस क्षेत्र में ऋषि मुनियों के […]
सूरा फातिहा का वैदिक आधार !
सूरा फातिहा का वैदिक आधार ! हमारे सभी सम्माननीय जागरुक पाठक ,जो इस ब्लॉग को लगातार पढ़ते आये हैं ,वह इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं ,कि जब मुस्लिम ब्लोगरों के पास कोई समुचित ,तर्कपूर्ण उत्तर नहीं होता ,या उनके पास कोई प्रमाण नहीं होता ,तो वह लोग गाली गलौच पर उतर जाते […]
विज्ञान के युग में अंधविश्वास की जगह नहीं
संजना चोरसौ, उत्तराखंड 08 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर खगोलशास्त्रियों में जहां उत्साह है तो वहीं परंपरा और मान्यताओं को प्राथमिकता देने वालों में बेचैनी भी है. हालांकि वैज्ञानिकों ने स्पष्ट कर दिया है कि करीब 50 साल बाद लंबी अवधि के लिए लगने वाला यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं […]