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विधि-कानून

जम्मू कश्मीर में जमीन का क्रय विक्रय कैसे कर सकते हैं आप

  जे. पी. शुक्ला जम्मू और कश्मीर के बाहर के लोग और निवेशक केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में ज़मीन खरीद सकते हैं, क्योंकि केंद्र ने इस क्षेत्र के लिए नए भूमि क़ानूनों को अब अधिसूचित कर दिया है और अब अनुच्छेद 370 के तहत दी गई ज़मीन पर स्थानीय लोगों के विशेष अधिकारों को समाप्त […]

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मुद्दा विधि-कानून

भारत में अल्पसंख्यक की परिभाषा को देना होगा नया स्वरूप

  रमेश ठाकुर समय की दरकार है कि अल्पसंख्यक अधिकार देने की संज्ञा की दोबारा से व्याख्या की जाए। 18 दिसंबर को 1992 से अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। अल्पसंख्यक अधिकार दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा हुई। हिंदुस्तान में आज अल्पसंख्यक जैसे अधिकार की हक़दार कई जातियां हैं। अगड़ी […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र विधि-कानून

बाबरी मस्जिद विवाद और वामपंथी फरेब

——————————————- इलाहाबाद उच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले ने विवादित स्थल पर मंदिर होने के शोधपूर्ण वैज्ञानिक निष्कर्षों की पुष्टि तो की ही थी, साथ ही साथ मस्जिद-कमिटी की ओर से गवाह के तौर पर वामपंथी इतिहासकार इरफ़ान हबीब की अगुवाई में पेश हुए देश के तमाम वामपंथी इतिहासकारों के फरेब को भी न्यायालय ने उजागर […]

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आर्थिकी/व्यापार कृषि जगत विधि-कानून

कृषि क्षेत्र में लागू किए जा रहे नए क़ानून – एक क्रांतिकारी आर्थिक सुधार

केंद्र में माननीय श्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2014 के बाद से ही किसानों की आय को दुगनी करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है एवं कृषि क्षेत्र में सुधार हेतु कई योजनाओं को लागू किया गया है। इसी कड़ी में, अभी हाल ही में भारतीय संसद ने कृषि क्षेत्र से सबंधित […]

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आर्थिकी/व्यापार महत्वपूर्ण लेख विधि-कानून

नए श्रम क़ानूनों के लागू होने से देश के आर्थिक विकास को लग सकते हैं पंख

किसी भी संस्थान की सफलता में उसके मज़दूरों एवं कर्मचारियों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है। बिना मज़दूरों एवं कर्मचारियों के सहयोग के कोई भी संस्थान सफलता पूर्वक आगे नहीं बढ़ सकता। इसीलिए संस्थानों में कार्य कर रहे मज़दूरों एवं कर्मचारियों को “मज़दूर/कर्मचारी शक्ति” की संज्ञा दी गई है। हमारे देश में दुर्भाग्य से […]

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विधि-कानून

आइए जाने क्या है ‘कंटेंप्ट आफ कोर्ट ‘

मिथिलेश कुमार सिंह न्यायालय की अवमानना, 1971 के कंटेंप्ट आफ कोर्ट एक्ट में वर्णित किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि अदालत की गरिमा और उसके अधिकारों के संदर्भ में अगर कोई नागरिक अनादर व्यक्त करता है तो कानूनन उस पर कार्यवाही सुनिश्चित की जा सकती है। कई बार जब आप खबरें पढ़ते […]

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विधि-कानून

झारखंड सरकार को इस दिशा में लेना ही चाहिए लोक हितकारी निर्णय – – – –

देश इस समय कोरोनावायरस से जूझ रहा है । लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । यदि बात झारखंड की करें तो यहां पर भी कई प्रकार की समस्याओं को लोग झेल रहे हैं । उनमें से एक समस्या यह भी है कि 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति […]

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विधि-कानून

क्यों किया जा रहा है विकास दुबे के एनकाउंटर पर इतना विवाद ?

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार बीती 2 जुलाई की रात कानपुर के बिकरु गाँव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने का आरोपित और उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार (जुलाई 10, 2020) सुबह भागने की कोशिश करते हुए पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। किसी फिल्म की स्क्रिप्ट की तरह पुलिस ने एक बार फिर […]

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विधि-कानून

श्रम कानूनों पर बदलाव पर राजनीति कितनी सही कितनी गलत

  अजय कुमार हिन्दुस्तान में श्रमिकों के हितों की बात और सियासत तो खूब की जाती है, लेकिन आजादी के बाद से आज तक केन्द्र या राज्यों की तमाम सरकारें श्रमिक हितों का ढिंढोरा पीट कर पूंजीपतियों, औद्योगिक घरानों, उद्योगपतियों को ही पालती-पोसती रही हैं। उस श्रम कानून के बदलने पर किसी को भी हो-हल्ला […]

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विधि-कानून

सेवा के नाम पर गोरखधंधा चला रहे हैं कुछ एनजीओ

ललित गर्ग भारत में जितने भी गैरसरकारी संगठन हैं, सभी ऊंचे मूल्यों को स्थापित करने की, सेवा एवं परोपकार की आदर्श बातों के साथ सामने आते हैं पर धन उगाहने की होड़ में सभी एक ही स्वार्थ एवं जेब भराई की संस्कृति को अपना लेते हैं। हम इतिहास की सबसे भयंकर, दुखद एवं मानव विनाशक […]

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