देश की न्यायिक व्यवस्था की विवशताओं को समझना अब अति आवश्यक होता जा रहा है l इसके लिए शासन को साहसिक प्रयास करना चाहिए l वास्तव में कानून की कुछ कमियों व अस्पष्टताओं का अनुचित लाभ उठा कर आरोपियों को अपराधी प्रमाणित करने में असमर्थता एक गम्भीर चुनौती बन चुकी हैं l इसी कारण […]
श्रेणी: विधि-कानून
अनूप भटनागर कोविड-19 के दौरान देश की अदालतों में प्रत्यक्ष रूप से मुकदमों की सुनवाई लगभग बंद है। अदालतें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवश्यक मुकदमों की सुनवाई कर रही हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की व्यवस्था का यह लाभ है कि अदालत परिसर में अपने मुकदमे का इंतजार करने की बजाय वकील […]
प्रणय कुमार निःसंदेह योग एवं आयुर्वेद को देश-दुनिया तक पहुँचाने में स्वामी रामदेव का योगदान अतुल्य एवं स्तुत्य है। उन्होंने योग और आयुर्वेद को शास्त्र एवं संस्थाओं से बाहर निकाल जन-जन तक पहुँचाने का अभूतपूर्व कार्य किया। इससे आम जन के धन और स्वास्थ्य की रक्षा हुई। उनके कार्यक्रमों को देख-सुन, उनके शिविरों में […]
जब भारत गुलामी के दौर में था, तो कई ऐसे कानून बने जिनके जरिये यहाँ की मूल जनता को कुचला जा सके। इनके कारण जो चीज़ें हमारी संस्कृति का हिस्सा थी, उनमें से कई लापता होने लगी। जब शास्त्रों और शस्त्रों पर प्रतिबन्ध लगने लगे तो कई कलाओं को उनका रूप बदलकर जीवित रखा […]
‘अहिन्दू और अश्रद्ध के मंदिर में प्रवेश पर बंदी लगाएं’ इस विषय पर ऑनलाईन ‘विशेष परिसंवाद’ संपन्न ! उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के बाहर ‘मुसलमानों को मंदिर में प्रवेश वर्जित’ होने का फलक लगाने पर देशभर में मुसलमान, तथाकथित आधुनिकतावादी और कुछ प्रसिद्धीमाध्यमों ने विरोध किया । […]
कई बार देश में ऐसा लगता है कि जैसे सर्वोच्च न्यायालय कि देश को चला रहा है। जब सरकारें और सारा प्रशासनिक तंत्र कहीं समस्याओं से बचते हुए या दूर भागता दिखाई देता है तो सर्वोच्च न्यायालय अपनी ऐतिहासिक भूमिका निभाते हुए कहीं ऐसे आदेश निर्देश जारी करता है जो देश की डगमग होती […]
ललित गर्ग भले ही आरक्षण की नीति सामाजिक उत्पीड़ित व आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों की सहायता करने के तरीकों में एक है, ताकि वे लोग बाकी जनसंख्या के बराबर आ सकें। पर जाति के आधार पर आरक्षण का निर्णय कभी भी सभी के गले नहीं उतरा। सरकारी नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा एक बार […]
पिछले कुछ समय से राजद्रोह के मुकदमे दर्ज करने में असाधारण तेजी देखी जा रही है। दिशा रवि और निकिता जैकब जैसे युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं का मामला तो है ही, कांग्रेस नेता शशि थरूर और छह जाने-माने पत्रकारों के खिलाफ दर्ज हुए मामले भी पुराने नहीं पड़े हैं। आजकल हर किसी के अंदर हर किसी […]
राष्ट्रीय औसत के मुताबिक हाईकोर्टों में जजों के 38 फीसदी पद खाली पड़े हैं। पुलिस की स्थिति भी कुछ बेहतर नहीं है। एक लाख की आबादी पर 156 पुलिसकर्मी का अनुपात बैठता है। जनवरी 2020 की हालत रिपोर्ट में यह बताई गई कि राष्ट्रीय स्तर पर हर तीन जरूरी पुलिसकर्मियों में से एक का पद […]
लेखक:- प्रो.लल्लन प्रसाद भारतीय जीवन दर्शन में पृथ्वी को मां की संज्ञा दी गयी है। रत्नगर्भा, वसुन्धरा ही जल, वायु, जीवन की पोषक है, पेड़, पौधे जंगल, पहाड़, फल, फूल, पशु-पक्षी, धन-धान्य की जननी है, हम सबकी मां है, कौटिल्य अर्थशास्त्र में मनुष्यों से युक्त भूमि को अर्थ कहा गया है। भूमि को प्राप्त करने […]