हमारे लेख की सच्चाई का सबूत नागरिकता संशोधन अधिनियम के बहाने मुसलमानों ने पूरे भारत के साथ दिल्ली में जैसी तड़फोड़ , हिंसा , हत्या और बलात्कार जैसे जो जघन्य अपराध किये हैं ,उसकी मिसाल कहीं नहीं मिलती , इसी लिए एक बार प्रधान मंत्री जी ने कहा था कि यह घटनाये संयोग नहीं बल्कि […]
श्रेणी: विधि-कानून
(मनोज कुमार अग्रवाल -विभूति फीचर्स) तीन दशक पहले 1992 के अजमेर सेक्स स्कैंडल में अब बत्तीस साल बाद अदालत का फैसला आया है। इस मामले के आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन जैसे 6 और हैवानों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। दुनिया भर की अदालत और कानून का राज देने वाले विश्व […]
प्रियंका सौरभ धीमा न्याय निर्भयाओं को कर रहा कमजोर, हैवानियत को अंजाम तक पहुंचना चाहिए। महिलाओं के विरुद्ध यौन हिंसा में संस्थागत कारकों में अपर्याप्त संसाधन वाले पुलिस बल और अप्रभावी कानून प्रवर्तन सहित संस्थागत विफलताएं ,महिलाओं के खिलाफ हिंसा के जारी रहने में योगदान करती हैं। अक्सर, मामले या तो दर्ज नहीं किए जाते […]
(डॉ.शैलेंद्र श्रीवास्तव-विनायक फीचर्स) आधुनिक युग में, भारतीय पुलिस को असंख्य बहुआयामी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें कई तरह के मुद्दे शामिल हैं। इन चुनौतियों में सांप्रदायिक अशांति और उग्रवाद से निपटना,नार्को टेरेरिज्म का मुकाबला करना, मानव तस्करी के नेटवर्क को विफल करना, आतंकवाद के विभिन्न रूपों का मुकाबला करना और सीमा पार खतरों […]
-ललित गर्ग- 50वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) डी.वाई. चंद्रचूड़ की न्याय प्रणाली विसंगतियों एवं विषमताओं से जुड़ी इस स्वीकारोक्ति ने हर संवेदनशील भारतीय के मन को छुआ कि अदालतों में लंबे समय से लंबित मामलों से तंग आकर लोग बस समझौता करना चाहते हैं। ‘न्याय में देरी न्याय के सिद्धांत से विमुखता है’ वाली इस बात […]
ललित गर्ग – – ललित गर्ग – देश में वृद्धों के साथ उपेक्षा, दुर्व्यवहार, प्रताड़ना बढ़ती जा रही है, बच्चे अपने माता-पिता के साथ बिल्कुल नहीं रहना चाहते, वे उनके जीवन-निर्वाह की जिम्मेदारी भी नहीं उठाना चाहते हैं, जिससे भारत की बुजुर्ग पीढ़ी का जीवन नरकमय बना हुआ है, वृद्धजनों की पल-पल की घुटन, तनाव, […]
आचार्य विष्णु श्रीहरि प्रत्याशित तीन नये कानून लागू हो गये। ये तीन नये कानून हैं पहला भारतीय दंड न्याय संहिता, दूसरा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और तीसरा भारतीय साक्ष्य संहिता है। ये तीनों कानूनों को पिछले साल ही संसद ने पास किये गये थे। इन कानूनों को लागू करने के साथ ही साथ भारत सरकार […]
*विष्णुदत्त शर्मा – विनायक फीचर्स* केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने संसद के दोनों सदनों में आपराधिक न्यायिक प्रणाली में सुधार के तीन विधेयक प्रस्तुत किये एवं दोनों सदनों में यह विधेयक ध्वनिमत से पारित होने के पश्चात् एक नए युग की शुरुआत हो गयी है। भारत में अब भारतीय न्याय संहिता विधेयक […]
तानिया चोरसौ, गरुड़ उत्तराखंड हाल ही में झारखंड की राजधानी रांची के रहने वाले एक पिता प्रेम गुप्ता ने जिस तरह से शादी के नाम पर धोखाधड़ी की शिकार हुई अपनी बेटी को धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ ससुराल से वापस लाने का काम किया है, वह न केवल सराहनीय है बल्कि महिला हिंसा के […]
बीते दिनों एक तमिल पत्रकार और ब्लॉगर बद्री शेषाद्रि के एक इंटरव्यू में भारत के मु न्या (मुख्य न्यायधीश) पर कहे गए अपने कथन के कारण तमिल सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगे भड़काने के इरादे से उकसाना), 153 ए (1) (ए) (समूहों के […]