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महत्वपूर्ण लेख मुद्दा विधि-कानून विविधा समाज

सिविल सेवा में इस्तीफों का मंथन : राजनीति, प्रशासन और मानसिक तनाव का समीकरण

भारत में सिविल सेवाओं से इस्तीफों की बढ़ती संख्या एक गंभीर मुद्दा बन गई है। कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी, जिनमें कम्य व मिश्रा, रोमन सैनी और अन्य युवा अधिकारी शामिल हैं, अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। इसके पीछे राजनीतिक दबाव, प्रशासनिक हताशा, स्वायत्तता की कमी और मानसिक स्वास्थ्य संकट जैसे कारण हैं। […]

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महत्वपूर्ण लेख राजनीति विधि-कानून

वक्फ संशोधन पर कितना भ्रम, कितना सच?

सुरेश हिंदुस्तानी आज देश में राजनीति के मायने परिवर्तित होते हुए दिखाई दे रहे हैं। देश का प्रत्येक राजनीतिक दल अपना राजनीतिक प्रभुत्व बनाए रखने के लिए ही राजनीति कर रहा है। ऐसे में यह भी स्पष्ट नहीं हो पाता है कि कौन सही है और कौन गलत। इसका कारण यही है देश की जनता […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से राजनीति विधि-कानून

कमजोर मोदी का मजबूत निर्णय

डॉ राकेश कुमार आर्य सचमुच 2 अप्रैल 2025 का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखे जाने योग्य है। क्योंकि इस दिन देश की संसद ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को पारित कर दिया है। ध्यान रहे कि इस विध्वंसकारी और देश विरोधी कानून को देश के पहले […]

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विधि-कानून

विश्व का मार्गदर्शक है भारतीय संविधान

डॉ. सौरभ मालवीय भारत एक विशाल एवं विभिन्न संस्कृतियों वाला देश है। यहां विभिन्न संप्रदायों, पंथों एवं जातियों आदि के लोग निवास करते हैं। उनके रीति-रिवाज, भाषाएं, रहन-सहन एवं खान-पान भी भिन्न-भिन्न हैं। तथापि वे आपस में मिलजुल कर प्रेमभाव से रहते हैं। वास्तव में यही भारत का मूल स्वभाव है। भारतीय संविधान में भारत […]

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विधि-कानून

धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता : असमानता और अन्याय को दूर करने की औषधि

धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता, जिसे समान नागरिक संहिता के रूप में भी जाना जाता है, सभी नागरिकों के लिए, चाहे उनकी धार्मिक सम्बद्धता कुछ भी हो, व्यक्तिगत मामलों-जैसे विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संपत्ति के अधिकार-को नियंत्रित करने वाले कानूनों का एक ही सेट प्रस्तावित करती है। भारत वर्तमान में हिंदू कानून, मुस्लिम कानून (शरिया) और ईसाई […]

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मुद्दा विधि-कानून

पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 पर उठते हुए सवालों का जवाब आखिर कौन देगा?

क्या आपको पता है कि प्रथम मुस्लिम आक्रांता मुहम्मद बिन कासिम ने 712 ई में भारत के सिंध प्रांत पर आक्रमण किया और काफी उत्पात मचाया। उसके बाद उसके अनुयायी यानी मुस्लिम आक्रमणकारी अपनी सुविधा के अनुसार भारत पर आक्रमण करते हुए आए, यहां के समृद्ध मंदिरों व बाजारों सहित प्रमुख जगहों पर लूटपाट मचाई […]

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विधि-कानून

नागरिकता संशोधन अधिनियम पर हमारे लेख की सच्चाई

हमारे लेख की सच्चाई का सबूत नागरिकता संशोधन अधिनियम के बहाने मुसलमानों ने पूरे भारत के साथ दिल्ली में जैसी तड़फोड़ , हिंसा , हत्या और बलात्कार जैसे जो जघन्य अपराध किये हैं ,उसकी मिसाल कहीं नहीं मिलती , इसी लिए एक बार प्रधान मंत्री जी ने कहा था कि यह घटनाये संयोग नहीं बल्कि […]

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विधि-कानून

न्याय में देरी का विश्व रिकार्ड बनाती सबसे बड़े लोकतंत्र की न्यायपालिका*

(मनोज कुमार अग्रवाल -विभूति फीचर्स) तीन दशक पहले 1992 के अजमेर सेक्स स्कैंडल में अब बत्तीस साल बाद अदालत का फैसला आया है। इस मामले के आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ ​​टार्जन जैसे 6 और हैवानों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। दुनिया भर की अदालत और कानून का राज देने वाले विश्व […]

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विधि-कानून

महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और धीमी न्यायिक प्रक्रिया

प्रियंका सौरभ धीमा न्याय निर्भयाओं को कर रहा कमजोर, हैवानियत को अंजाम तक पहुंचना चाहिए। महिलाओं के विरुद्ध यौन हिंसा में संस्थागत कारकों में अपर्याप्त संसाधन वाले पुलिस बल और अप्रभावी कानून प्रवर्तन सहित संस्थागत विफलताएं ,महिलाओं के खिलाफ हिंसा के जारी रहने में योगदान करती हैं। अक्सर, मामले या तो दर्ज नहीं किए जाते […]

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विधि-कानून

आधुनिक समय में पुलिस के समक्ष चुनौतियां*

(डॉ.शैलेंद्र श्रीवास्तव-विनायक फीचर्स) आधुनिक युग में, भारतीय पुलिस को असंख्य बहुआयामी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें कई तरह के मुद्दे शामिल हैं। इन चुनौतियों में सांप्रदायिक अशांति और उग्रवाद से निपटना,नार्को टेरेरिज्म का मुकाबला करना, मानव तस्करी के नेटवर्क को विफल करना, आतंकवाद के विभिन्न रूपों का मुकाबला करना और सीमा पार खतरों […]

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