गतांक से आगे… वेदों ने इस बीभत्स वर्णन के साथ – साथ संसार के एक बहुत बड़े पाप का खुलासा करते हुए उपदेश दिया है कि किसी मनुष्य को अपनी पुत्री के साथ इस प्रकार का घृणित व्यवहार कभी न करना चाहिए। अथर्ववेद में आज्ञा है कि- यस्त्वा स्वप्ने निपद्यते भ्राता भूत्वा पितेव च । […]
