वैदिक संपत्तिउपक्रम : संसार के सभी मनुष्य सुख शांति चाहते हैं और उसको प्राप्त करने के लिए अपनी परिस्थिति के अनुसार कभी भौतिक और कभी आध्यात्मिक साधनों के द्वारा प्रयत्न भी करते हैं। परंतु उनकी सुख शांति का आदर्श वही होता है, जिससे कि वे प्रभावित होते हैं, और उसी प्रकार के ही प्रयत्नों का […]
Category: वैदिक संपत्ति
आर्यसभ्यता का उज्जवल स्वरूपआर्यसभ्यता का उज्ज्वल स्वरूप तो आश्रमों में ही दिखलाई पड़ता है, जहां कि आर्यों का तीन चतुर्थांश भाग सादे और तपस्वी जीवन के साथ विचरता है और एकचतुर्थांश भाग उसी तीन चतुर्थांश भाग की सेवा में लगा रहता है। इसी तरह आर्य सभ्यता का आपत्कालिक रूप वर्णों में दिखलाई पड़ता है जो […]