गतांक से आगे…. उपनिषद और गीता के समस्त वर्णन से, कम से कम इतना तो निर्णय हो गया कि,उपनिषदों का बहुत सा भाग वैदिक नहीं है और न उनका बहुत सा भाग ब्राह्मणों द्वारा अनुमोदित ही है। इतना ही नहीं, प्रत्युत यह भी निर्णय हो गया कि, वह एक गुप्त मण्डली के द्वारा असुर प्रवृत्ति […]
