गतांक से आगे … ऋषि, देवता आदि के आगे बढ़ते ही मन्त्रों पर दृष्टि पड़ती है और दिखलाई पड़ता है कि थोड़े – थोड़े मन्त्र एक -एक सूक्त अथवा अध्याय में और अनेक सूक्त अनेक मण्डलों में ग्रथित हैं । हम शाखाप्रकरण में लिख आये हैं कि यह काम आदिशाखा प्रचारकों ने ही किया है […]
