(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक सम्पत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं ) – प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) गतांक से आगे …. अच्छे आर्यगृहों में दश छप्पर अर्थात् दश भिन्न भिन्न कमरे होते थे। इनमें पाँच अन्दर की ओर और पाँच […]
![वैदिक सम्पत्ति](https://i0.wp.com/www.ugtabharat.com/wp-content/uploads/2025/01/vaidik_sampatti.jpg?fit=1200%2C675&ssl=1)