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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति 272 वेदमंत्रों के उपदेश

(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक सम्पत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं) प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) जो लोग कहते हैं कि प्राचीन सायं सन्तान के पीछे दिवाने फिरते थे, वे गलती पर हैं। मोक्षार्थी आर्य कभी सन्तान की इच्छा नहीं करते […]

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वैदिक संपत्ति 271 वेदमंत्रों के उपदेश

(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक सम्पत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं) प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) आर्यों की कामसम्बन्धी नीति संसार का अनुभव बतलाता है कि व्यक्ति, समाज और राष्ट्र को समय समय पर सन्तति अर्थात् जनसंख्या की आवश्यकता, आवश्यकता और […]

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वैदिक सम्पत्ति – 270 चतुर्थ खण्ड वेदों की शिक्षा

(ये लेखमाला हम पं० रघुनाथ शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य चेयरमैन ‘उगता भारत सन्तति-बिस्तार का भयङ्कर चित्र खींचते हुए प्रो० माल्थस आदि प्रजनन शास्त्री कहते हैं कि संसार में जन संख्या सदैव बढ़ती रहती है और उस […]

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वैदिक सम्पत्ति -269 चतुर्थ खंड वेदों की शिक्षा

यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रस्तुति देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन – ‘उगता भारत’ क्योंकि श्रृङ्गार का स्थायीभाव रति है। ‘रस-गङ्गाधर’ नामी ग्रन्थ में पण्डितराज जग जगन्नाथ लिखते हैं कि- शृङ्गारी करुणः शान्तो रौद्रो वीरोऽजू तस्तथा । […]

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वैदिक संपत्ति – 268 चतुर्थ खण्ड वेदों की शिक्षा

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति : देवेंद्र सिंह आर्य चेयरमैन ‘उगता भारत’ काम की प्रधानता गतांक से आगे.. आर्यसभ्यता के प्रधान चार स्तम्भों में काम का बहुत ही बड़ा महत्त्व है। जिस प्रकार मोक्ष का […]

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वैदिक सम्पत्ति – 267 आर्य गृह, ग्राम और नगर

(यह लेखमाला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक सम्पत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति: देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत ‘) गतांक से आगे … आर्य -गृहस्थी में यन्त्रों का भी समावेश है। पर वैदिक यन्त्र वही हैं, जो किसी पशु या मनुष्य का कर्म […]

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वैदिक संपत्ति 266 – आर्य गृह, ग्राम और नगर

(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक सम्पत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं) प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत”) गतांक से आगे …. पशु भी आर्य गृहस्थी की प्रधान सामग्री हैं। इसीलिए वेदों में पशुओं की प्राप्ति के लिए सैकड़ों प्रार्थनाओं का वर्णन है। […]

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वैदिक सम्पत्ति 265 – आर्य गृह, ग्राम और नगर

(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक सम्पत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं ) – प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) गतांक से आगे …. अच्छे आर्यगृहों में दश छप्पर अर्थात् दश भिन्न भिन्न कमरे होते थे। इनमें पाँच अन्दर की ओर और पाँच […]

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वैदिक सम्पत्ति -264 आर्य गृह, ग्राम और नगर

(यह लेखमाला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नमक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति:- देवेंद्र सिंह आर्य चेयरमैन ‘उगता भारत’ सा दे सीधे, मिट्टी लकड़ी और घास के छोटे छोटे मकान झाड़ने और लीपने पोतने से नित्य पवित्र हो जाते हैं, परन्तु बड़े ऊंचे और […]

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वैदिक सम्पत्ति -263 आर्य गृह, ग्राम और नगर

( यह लेखमाला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नमक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति: – देवेंद्र सिंह आर्य चेयरमैन ‘उगता भारत’ गतांक से आगे … अर्थ की तीसरी शाखा गृह है। सर्दी गर्मी और वर्षा के कष्ट से बचने तथा अन्य सामाजिक कार्यों को […]

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