काश ! ऋषि दयानन्द जी कश्मीर जा पाते तो जो कश्मीर का इस्लामीकरण हो गया है, जो कश्मीर समस्या देश के लिए घातक बनी हुई है वह न होती। कश्मीर के नरेश महाराजा रणवीर सिंह स्वयं ऋषि से मिलना चाहते थे इसलिए उन्होनें अपने मन्त्री नीलाम्बर बाबू और दीवान अनन्त राम को स्वामी जी के […]
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शत्रु इतिहास लेखकों द्वारा लिखे गए हमारे इतिहास की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि इसमें अधिकतम युद्ध जीतने वाले हिंदू राजाओं को ही पराजित दिखाया जाता है । बहुत ही चालाकी के साथ हमारे हिंदू वीर योद्धाओं के विजयी युद्ध का उल्लेख या तो बहुत संक्षिप्त में किया जाता है या फिर किया ही […]
भारत में राष्ट्र की सर्वप्रथम कल्पना की गयी। सम्पूर्ण भूमण्डल पर भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो अपने राष्ट्रवाद में सम्पूर्ण वसुधा के कल्याण को समाहित करके चलता है। हमारा राष्ट्रवाद संकीर्ण नहीं है। हमारे ऋषियों ने सबके कल्याण की भावना से प्रेरित होकर ही राष्ट्र की संस्था की खोज की थी। अथर्ववेद के […]
एक राजा का मंत्री अपने हर कार्य को ईश्वरीय इच्छा से संपन्न हुआ मानने का अभ्यासी था। वह हर कार्य पर यही कहता था कि ईश्वर जो करते हैं अच्छा ही करते हैं। एक बार वह मंत्री अपने राजा के साथ जंगल में शिकार खेलने गया था, शिकार खेलते-खेलते किसी कारणवश राजा की अपनी तलवार […]
नई दिल्ली । अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप कालिया ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के उस बयान पर तंज कसा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि कोई सावरकर जी के लिए बुरा भला कहता है तो उन्हें दुख होता है। इस पर हिंदू महासभा नेता ने कहा है कि भाजपा […]
जिस प्रकार हमारा धर्म हमें उत्तम ज्ञानवान बनाना चाहता है उसी प्रकार हमारी मर्यादा हमारे उत्तम ज्ञान को संसार के कल्याण के लिए व्यय कराना चाहती है। वह हमें संसार के कल्याण मार्ग का पथिक बनाकर उत्कृष्ट जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। इस प्रकार इस संगम पर आकर धर्म और मर्यादा एक ही […]

ओ३म् =========== दिनांक 21 फरवरी, 2020 को ऋषि दयानन्द जन्मभूमि न्यास, टंकारा में आयोजित ऋषि बोधोत्सव का एक महत्वपूर्ण आकर्षण वहां गुजरात के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री विजय रुपाणी जी का पधारना और ऋषि दयानन्द को अपनी श्रद्धांजलि प्रस्तुत करना था। उन्होंने अपने सम्बोधन में वह बातें कहीं जो हम भारत के किसी मुख्यमंत्री से अपेक्षा […]
न्याय प्राप्ति के लिए व्यक्ति का निर्भीक होना आवश्यक है। यदि व्यक्ति में निर्भीकता नही है, तो वह न्याय की प्राप्ति नही कर सकता। यही बात इतिहास के लिखने के संदर्भ में भी जाननी समझनी चाहिए। इतिहास लेखन में न्याय आवश्यक है, अन्यथा आप अपनी आने वाली पीढिय़ों के साथ न्याय नही कर पाएंगे। एक […]
नई दिल्ली – नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दंगों के पीछे की पूरी कहानी अब सामने आ गई है। पता चला है कि इस बवाल के पीछे एक ऐसा नेटर्वक है, जो प्रदर्शनकारियों तक सीधे पैसा पहुंचा रहा है। दिल्ली, लखनऊ, अलीगढ़, शामली, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, बिजनौर, मुजरफ्फरनगर, कानपुर और रामपुर में जो हुआ था […]
नई दिल्ली । देश के 70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर परेड का आयोजन किया गया । जिसमें भारतीय सशस्त्र सेनाओं के शौर्य और पराक्रम की छटा को देखकर उपस्थित जनसमुदाय ही नहीं बल्कि देश व दुनिया के कोने कोने में बैठे लोग भी गर्व और गौरव से भर गए । इस मौक़े […]