💞😊🙏 हम तीन तरीके से ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं । पहले चिंतन द्वारा , जो सबसे उत्तम है । दूसरा अनुकरण द्वारा ,जो सबसे आसान है। तीसरा अनुभव द्वारा ,जो सबसे कड़वा है। हमारे पास दो जीवन है और दूसरा तब शुरू होता है जब हमें एहसास होता है कि हमारे पास केवल एक […]
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-ललित गर्ग- चीन की कटपुतली बने मालदीव को आखिर भारत की कीमत समझ में आ गयी। चीन एवं पाकिस्तान की कुचालों एवं षडयंत्रों से भारत के पडोसी देशों की हालात जर्जर होती जा रही है, जिसका ताजा उदाहरण बांग्लादेश है। लेकिन एक पडोसी देश के रूप में पिछले करीब एक साल की अवधि में मालदीव […]
(संतोष कुमार शुक्ल – विनायक फीचर्स) हमारी राजनीतिक स्वतंत्रता और अधिकारों की लड़ाई का इतिहास काफी विस्तृत, अनूठा और पूराना है। इसके स्वरूपों में समय-समय पर परिवर्तन होते रहे हैं। 1757 में ईस्ट इंडिया कम्पनी का व्यापार जमने के बाद के कुछ वर्षों में तोकोई हलचल नहीं हो सकी, परन्तु फिर कम्पनी और अधिकारियों के […]
* डॉ डी के गर्ग निवेदन : ये लेखमाला 20 भाग में है। इसके लिए सत्यार्थ प्रकाश एवं अन्य वैदिक विद्वानों के द्वारा लिखे गए लेखो की मदद ली गयी है। कृपया अपने विचार बताये और शेयर भी करें। भाग-8 जैन मत का अभिवादन –जय जिनेन्द्र जैन समुदाय का अभिवादन,ध्वज ,पूजा पाठ का तरीका ,विवाह […]
आर0एस0एस0 प्रमुख मोहन भागवत श्री राम जी के विषय में अपने वक्तव्यों , भाषणों और कई पत्र पत्रिकाओं के साथ दिए गए साक्षात्कारों में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि श्रीराम भारत के बहुसंख्यक समाज के लिए ” भगवान ” हैं। उनका चरित्र, उनका आचरण , उनका व्यवहार , उनका व्यक्तित्व और कृतित्व भारत […]
मनोज ज्वाला खबर है कि रिलीजियस मजहबी स्वतंत्रता की स्वयंभूव ठेकेदार बनी अमेरिकी सरकार भारत में मुसलमानों की स्थिति पर बडी चिन्तित है । वह चिन्तित इसलिए नहीं है कि भारत में मुस्लिम आबादी सर्वाधिक ४३ प्रतिशत की दर से बढ चुकी है और भारतीय मुसलमानों की विभिन्न जिहादी गतिविधियों से यहां के अनेक राज्यों […]
दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक) परिवार के उत्तम जीवन हेतु पुरुष हों या महिला सभी प्रयासरत रहते हैं पर जब यह प्रयास जीवन यापन के उद्देश्य से अतिरिक्त दिखावे में परिवर्तित हो जाता है तो परिवार के पतन का मार्ग खुल जाता है । कलफ लगे हुए कपडे , मैचिंग के जूते , घडी , […]
डॉ राकेश कुमार आर्य श्रीरामचन्द्र जी और कृष्णा भगवान के चरित्रों का अध्ययन करने पर एक बात प्रमुखता से सामने आती है कि अपने जीवनकाल में इस दोनों को ही अनेक बार जनता ने ही अपमानित किया। लेकिन उनका अंत किस तरह हुआ, उससे हमें शिक्षा लेनी चाहिए। रावण, कंस और हिरणकश्यप अपवाद को छोड़, […]
प्रमोद भार्गव संदर्भ-ः उज्जैन नगर से मंदिर एवं मस्जिदों के अतिक्रमण हटाया जाना प्रमोद भार्गव अकसर हमारे राजनेता या प्रदेश प्रमुख हिंदु एवं मुस्लिम संप्रदायों से जुड़े मंदिर एवं मस्जिदों के अतिक्रमण हटाने से भयभीत दिखाई देते हैं। इनके पीछे उनकी स्वयं की धार्मिक भावना एवं आस्था तो होती ही है, कहीं सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ […]
आइए इस पर विस्तृत रूप में विचार करते हैं कि कर्म-इंद्रियां एवं ज्ञानेंद्रियां कितनी है ? उनकी उत्पत्ति कैसे हुई? उनके नाम क्या है? तथा इनके हमारे शरीर में स्थान कहां-कहां हैं ? उनकी क्रियाएं क्या क्या है? इसको पहले कवित्व में निम्न प्रकार देखते हैं। पांचो भूतों को पृथक -पृथक, रजगुणों को पा करके। […]