आर्यसमाज के सौ वर्ष और हरयाणा में उसका प्रभाव लेखक – प्रो. प्रकाशवीर विद्यालंकार अध्यक्ष संस्कृत विभाग राजकीय महिला महाविद्यालय रोहतक प्रस्तुतकर्ता :- आर्य सागर खारी राजनैतिक क्षेत्र में सामाजिक क्षेत्र में धार्मिक क्षेत्र में सांस्कृतिक व शैक्षणिक क्षेत्र में । आर्य समाज की स्थापना दस अप्रैल १८७५ को महर्षि दयानन्द के करकमलों द्वारा बम्बई […]
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बेलगाम जासूसी भी ठीक नहीं
डॉ. वेदप्रताप वैदिक संसद की संयुक्त संसदीय समिति ने ‘व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षा विधेयक’ पर अपनी रपट पेश कर दी है। संसद के अगले सत्र में कुछ दिन बाद ही यह विधेयक कानून का रुप ले सकता है। इस समिति के 30 सदस्यों में से छह ने इस विधेयक से अपनी असहमति जताई है। इस विधेयक […]
अरुण नैथानी सचमुच वह भयावह काल था जब अपने अपनों से बचने लगे थे। पड़ोसी और रिश्तेदार तो दूर, खून के रिश्ते भी अपनों से मुंह फेरने लगे थे। एक अनजानी महामारी से भय का वातावरण। महामारी के दायरे से सामान्य दिनों में चरमराने वाली चिकित्सा व्यवस्था कहां इन लाखों मरीजों का बोझ उठाती। ऐसे […]
आज बार बार घर वापसी की बात होती है। लव जेहाद की बात होती है। परन्तु असफलता क्यों होती है। इतिहास से जानिए। पाकिस्तान की कोट लखपत जेल सर्वाधिक कुख्यात है, विशेषकर भारतीय कैदियों के लिए. सातवें और आठवें दशक में वहां कैद रहे भारतीय जासूस मोहनलाल भास्कर ने अपनी अत्यन्त चर्चित एवं रोचक पुस्तक […]
रवि शंकर देश को अंग्रेजों के शासन से मुक्ति मिलने के पहले से ही राष्ट्रभाषा का प्रश्न उभरने लगा था। वर्ष 1875 में ही महर्षि दयानंद सरस्वती ने स्वयं गैरहिंदीभाषी होते हुए भी उस काल में अपनी पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश हिंदी में लिखी। तत्कालीन लगभग सभी नेता, लेखक आदि हिंदी को देश की राष्ट्रभाषा के […]
वंशिका पाल सुंदर, सुशील, संस्कारी, आज्ञाकारी और घर संभालने वाली लड़की की तलाश बरसों से यह पितृसत्तात्मक समाज करता आया है। इन सब ‘गुणों’ के साथ उन्हें चाहिए होती है एक ऐसी लड़की जो अपने साथ कई बैगों में समान भरकर ससुराल ला सके। यह सामान कहने को तो लड़की की पसंद के बताए जाते हैं […]
गद्दारों के चाचा नेहरु
यहाँ कुछ नाम बहुत महत्वपूर्ण हैं। यदि पाठक इन पर ध्यान नहीं देंगे तो मेरा लिखना बेकार हो जाएगा। 1- पंडित जगतनारायण मुल्ला – पण्डित जगत नारायण मुल्ला- ब्रिटिश सरकार की ओर से सरकारी वकील थे। बिस्मिल और बाकी क्रांतिकारियों को फांसी दिलवाने मे जी जान लगा दिया। 1926 मे ब्रिटिश सरकार से काकोरी केस […]
धर्मनिरपेक्षता का यह चूर्ण हिंदुओं द्वारा ही दिया और खाया जाता है। मुसलमान दिन में 5 बार “ला इलाहा इल्लिल्लाह” का पाठ करते हैं जिसका अर्थ है कि अल्लाह के अलावा कोई ईश्वर नहीं है। ईसाइयों के लिए, यीशु द्वारा बताए गए को छोड़कर कोई भी ईश्वर शैतान है और सच्चा ईश्वर केवल सभी पापों […]
ओ३म् देहरादून में तपोवन के नाम से प्रसिद्ध वैदिक साधन आश्रम, नालापानी रोड में हमें इस आश्रम के मई, 2017 में आयोजित व सम्पन्न हुए उत्सव में एक ऐसे दानी परिवार के सदस्यों से मिलने का सौभाग्य मिला जो न केवल अर्थ दान ही करते हैं अपितु जिनके सभी सदस्यों, 8 भाई-बहिनों, ने अपनी अपनी […]
भोपाल में बने भारत के सबसे हाईटेक रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन हो गया है, पहले इसका नाम हबीबगंज रेलवे स्टेशन हुआ करता था। आज यह रेलवे स्टेशन किसी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी मात देता है। लेकिन हम स्टेशन की भव्यता की नहीं बल्कि उसकी दिव्यता की बात करेंगे, और दिव्यता इस […]