देवेंद्र सिंह आर्य एडवोकेट (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) धर्म जीवन में धारण करने के नियमों का नाम है । जो हो समस्त सृष्टि का एक ही होता है। धर्म कोई ग्रहण करने की योग्य वस्तु नहीं है।धर्म भिन्न-भिन्न नहीं हो सकता। यदि कोई भिन्न-भिन्न है तो वह मत, पंथ, रिलीजन, मजहब हैं जो धर्म […]
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एक समय था जब कांग्रेस , सपा , बसपा आदि राजनीतिक दल सत्ता पर काबिज थे । मुस्लिम वोट बैंक व तुष्टिकरण की राजनीति चरम पर थी । इस देश का बहुसंख्यक हिन्दू समाज धर्म के नाम पर हुए बटवारे के पश्चात भी सेक्युलर राजनीति के दंश से प्रताड़ित था । इन सब से त्रस्त […]
#डॉ_विवेक_आर्य आजकल इस्लामिक लेखकों में एक होड़ लगी है। वेदों के आधार पर मुहम्मद साहिब को वेदों में सिद्ध करने का प्रयास। ऐसा प्रयास अबू मुहम्मद इम्माउद्दीन ने श्री वेद दिग्दर्शन , मुहम्मद फारूकखां ने वेद और क़ुरान, डॉ वेद प्रकाश उपाध्याय ने कल्कि अवतार और मुहम्मद आदि पुस्तकों के माध्यम से किया हैं। इन […]
******************************************** “अस्सी घाव लगे थे तन पर, फिर भी व्यथा नही थी मन में” * शरीर पर 84 घावों के कारण महाराणा सांगा को “मानवों का खंडहर” भी कहा जाता है। * इन महाराणा का कद मंझला, चेहरा मोटा, बड़ी आँखें, लम्बे हाथ व गेहुआँ रंग था। दिल के बड़े मजबूत व नेतृत्व करने में […]
उगता भारत ब्यूरो कलकत्ते में पिछले २० वर्षो में खास करके वृहत्तर बड़ा बाजार में हावड़ा ब्रिज से ले कर राइटर्स बिल्डिंग तक और हावड़ा ब्रिज से ले कर सियालदह स्टेशन तक जो कि मुख्यता वाणिज्यिक क्षेत्र है वहां पर देखा गया है कि अधिकांश दुकान, गद्दी, ऑफिस, मकान, आवासिक घर कमोबेश ९०% तक मुस्लिम […]
यजुर्वेद पारायण यज्ञ में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुए राष्ट्र निर्माण पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष ठाकुर विक्रम सिंह ने 18 अप्रैल के अंतिम सत्र में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ने प्राचीन काल में मानवता के कल्याण को अपना आदर्श बनाया। वेद के संदेश को अपने लिए आदेश मानकर हमारे […]
वेद होना चाहिए संसार का संविधान
कुटिलता युक्त पाप रूप कर्म मनुष्य से भयंकर से भयंकर गलतियां करवाता है। जिससे उसका जीवन निरर्थक हो जाता है। अनेक पापीजन संसार में रहकर कुटिलता युक्त पापरूप कर्म में लगे रहते हैं । ऐसे लोग संसार में आकर कुछ भी ऐसा नहीं कर पाते जिसे सार्थक कहा जा सके। वह संसार की प्रगति और […]
मुगल शासनकाल के दौरान बादशाह औरंगजेब का आतंक बढ़ता ही जा रहा था। चारों और औरंगज़ेब की दमनकारी नीति के कारण हिन्दू जनता त्रस्त थी। सदियों से हिन्दू समाज मुस्लिम आक्रांताओं के झुंडों पर झुंडों का सामना करते हुए अपना आत्म विश्वास खो बैठा था। मगर अत्याचारी थमने का नाम भी नहीं ले रहे थे। […]
“मैं इस सदन को याद दिला दूं कि आज के सत्यनिष्ठ करदाता उस (कच्चे तेल की) सब्सिडी का भुगतान कर रहे है जो उपभोक्ताओं को एक दशक से अधिक समय पहले तेल बांड (उधारी) के नाम पर दिया गया था और वे अगले पांच वर्षों तक भुगतान करना जारी रखेंगे क्योंकि बांड (उधारी) का पेमेंट […]
डॉ. पवन सिंह मलिक इस उत्सव में नव-संवत के अतिरिक्त अन्य अनेक प्रसंग भी जुड़े हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की। सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है। […]