मैने दुबई भ्रमण के दौरान होटलों रेस्तरां नाचघरों में लड़कियां को काम करते हुए देखा, जब भी मैंने उनसे बात करने के प्रयास किया, वह सहम जाती थी रात को बाहर जाते समय उनके साथ 1-2 नीग्रो होते थे मैने कई बार प्रयास किया ,फिर मैंने एक पठान टैक्सी ड्राईवर की मदद से नीग्रो को […]
Category: आतंकवाद
अशोक मधुप आज संयुक्त राष्ट्र महासभा एक ऐसा संगठन बनकर रह गया है जो कुछ देश के हाथों की कठपुलती है। न अपनी ताकत का प्रयोग कर सकता है ना अपनी क्षमता का। संयुक्त राष्ट्र महासभा के गठन का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य विश्व में शांति कायम करना है। आज अफगानिस्तान जल रहा है। पूरी […]
👇 सड़क के किनारे मज़ारें -कब्रें रातों-रात नहीं उग आतीं ! इसके पीछे सुनियोजित तरीके से सनातन जनों के अंधविश्वास, भीरुता और अ-जागरूकता का भरपूर उपयोग किया जाता है ! सड़क के किनारे 90 प्रतिशत स्थित कब्रों में कोई मुर्दा दफ्न नहीं होता… शायद ही आपने सड़क के एकदम किनारे मुर्दे को दफ्न करते किसी […]
8 अगस्त को जंतर मंतर पर राष्ट्रवादियों की एक सभा बुलाई गई थी… जिसमें भारी संख्या में नौजवान इकट्ठे हुए थे… उसी दिन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक नारा लग रहा है कि जब %&* काटे जाएंगे तो राम राम चिल्लाएंगे ! ये वीडियो ट्विटर पर वायरल […]
ओसामा बिन लादेन एक अच्छा पिता. बुरहान वानी गरीब हेडमास्टर का बेटा. पुलवामा का विस्फोट करने वाला सताया हुआ मासूम अनेक पत्रकार एक विशेष समूह को उत्पीड़क और दूसरे को उत्पीड़ित बताने का अघोषित लक्ष्य रखते रहे हैं। खबरों को आधे-अधूरे प्रस्तुत करना, तोड़ना-मरोड़ना, कभी उत्पीड़क तो कभी उत्पीड़ित की पहचान छिपाना, अथवा खूब […]
विष्णुगुप्त अति सर्वत्र वर्जेते। किसी भी क्षेत्र में अति का दुष्परिणाम खतरनाक, भयानक और भस्मासुर वाला ही निकलता है। इसीलिए अति से लोग बचने की सीख देते हैं। फिर भी लोग अति से बाज नहीं आते हैं। अभी-अभी अमेरिका और यूरोप के अंदर में इस्लाम के अति को लेकर एक अद्भुत अभियान चल रहा है, […]
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इस्लाम में नफरत के सिवा कुछ भी नहीं
असित नाथ तिवारी यहूदियों के बीच ऊंच-नीच का बहुत भेद तो था ही वैज्ञानिक सोच का घोर अभाव था। ईसाइयों के बीच ऊंच-नीच का भेद तो नहीं था लेकिन ईसाइयों के बीच घोर अवैज्ञानिकता थी। तब ईसाइयों के बीच धर्मांधता का दौर था। आलम ये था कि बीमारी की हालत में इलाज करवाना धर्म […]
ईसाइयत की क्या है भारत में वास्तविकता
. ✝✝✝ एक मुस्लिम शायर ने केवल इस्लाम को मानवीय विध्वंस के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने और ईसाइयत की विनाश-लीला पर चुप्पी साध लेने की प्रवृत्ति पर टिप्पणी करते हुए कहा था- “लोग कहते हैं तलवार से फैला इस्लाम, यह नहीं कहते कि तोप से क्या फैला?” इस बात में काफी दम है। आज जिस […]
आर.एल. फ्रांसिस हमारे धर्मनिरपेक्षतावादी सच्चाई और झूठ की ज्यादा परवाह नहीं करते, मर्सी सेंथिल कुमार की भारतीय पादरियाें काे वेटिकन के सुरक्षा घेरे में लाने की मांग यह दर्शाती है कि चर्च से समर्थन पाने का लालच कितना प्रबल है। हालांकि पिछले कुछ दशकों में भारत के आंतरिक मामलों में वेटिकन का हस्तक्षेप बढ़ा है और […]