मनोज ज्वाला हिन्दुओं के ‘यीसाईकरण’ अथवा ‘इस्लामीकरण’ को उनका धर्मान्तरण कहना षड्यंत्रकारी धूर्त्तता और घोर मूर्खता है ; क्योंकि हिन्दू समाज धर्मधारी होता है और क्रिश्चियनिटी , अर्थात ‘यीसाइयत’ एक रिलीजन है, तो इस्लाम भी एक मजहब है । इन दोनों में से ‘धर्म’ कोई नहीं है , तो जाहिर है कि धर्मधारी लोगों को […]
Category: आतंकवाद
, हम हिंदुओं पर अत्याचार करने वाले मुग़ल हैं, हम मुस्लिमों को तुम्हें थूक और मूत मिला हुआ खाना खिलाने से नहीं रोक सकते” साभार: नवभारत टाइम्स सुभाष चन्द्र कांवड़ यात्रा 22 जुलाई को शुरू हुई जिस दिन मीलॉर्ड जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस SVN भट्टी ने अंतरिम रोक लगा दी और कल 26 जुलाई […]
“सनातन धर्म और इस्लाम मजहब “
स्वीडन में शरणार्थी मुस्लिमो ने आतंक मचा रखा है। वही इसी स्वीडन में एक गांव सनातन धर्म का भी है,जो शांति,सद्भाव और पशु पक्षी प्रेमी है। प्रकृति को संवार रहा है। स्वीडन की सरकार दोनो में अंतर स्पष्ट देख रही है और इस्लाम के 15 में से 13 मदरसों को पूरी तरह बैन कर […]
(मनोज कुमार अग्रवाल -विभूति फीचर्स) धारा 370 हटने के बाद जम्मू में कुछ समय से शांति मानी जा रही थी। यहां छुटपुट घटनाओं के अलावा कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ था लेकिन अचानक साल 2023 में यहां आतंकी घटनाएं बढ़ गई और 43 आतंकी हमले हुए, जिनमें 16 से ज्यादा जवान शहीद हो गए […]
(मनोज कुमार अग्रवाल-विभूति फीचर्स) बांग्लादेश इस समय आरक्षण विरोधी आंदोलन के चलते गंभीर संकट से जूझ रहा है। आरक्षण के विरोध में संपूर्ण बांग्लादेश में हिंसा हो रही है। अब तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक डेढ़ सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वैसे यह सरकारी आंकड़ा है असलियत में यह संख्या इससे […]
दिव्य अग्रवाल जम्मू कश्मीर में कोई भी आतंकवादी हमला हो वहां के क्षेत्रीय नेता चीख चीख कर पाकिस्तान पर दोषारोपण करना शुरू कर देते हैं। जबकि वहां के क्षेत्रीय मजहबी कट्टरवादी समाज के लोगों की संलिप्तता पर कोई चर्चा नहीं करता पाकिस्तान के इस्लामिक आतंकी प्रत्येक हमले में क्षेत्रीय मजहबियों की मदद लेते हैं पर […]
कांग्रेसी कारखाने के जहरीले उत्पाद
क्या आपने मनोहर मलगांवकर की पुस्तक ‘द मैन हू किल्ड गांधी’ पढ़ी है? इसमें जिक्र है कि एल.बी.भोपतकर से बातचीत में तत्कालीन विधि मंत्री डॉ.भीमराव आंबेडकर ने स्वयं बताया था कि कहीं कोई सबूत नहीं होने के बाद भी नेहरू किसी भी कीमत पर सावरकर को गांधी हत्याकांड से जोड़ना चाहते थे।यानी यह गांधी से […]
23 फरवरी 1981 का दिन था वह, जब तमिलनाडु के मीनाक्षीपुरम में डाॅक्टर नसरुद्दीन कमाल अपने साथियों के साथ एक दलित परिवार को बंधक बनाए हुए थे। घर के सभी लोगों ने इस्लाम कबूल लिया था, घर के लोग ही क्यों लगभग एक हजार दलित धर्मांतरण करके जबरन मुस्लिम बनाए चुके थे। इसलिए मीनाक्षीपुरम का […]
इसे संसद का क्षरण ही कहा जा सकता है ….
डॉ दयानंद कादयान संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर होता है। इस मंदिर को सनातन व आधुनिक रूप देकर नए गरिमामय स्वरूप में लाया गया है। परंतु संसदीय कार्रवाइयों के क्षरण का विषय हर लोकतंत्र प्रेमी के के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।लेकिन किसी ने भी इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं समझी […]
मनोज ज्वाला गाजियाबाद ( ब्यूरो डेस्क) विश्व भर की रिलीजियस-मजहबी शक्तियों के लिए चुनौती बना अकेला धर्मधारी देश भारत जब से अंग्रेजी उपनिवेशवादी कांग्रेसी शासन से मुक्त हो कर हिन्दुत्ववादी भाजपाई सत्ता से शासित हो रहा है तब से इसके विरुद्ध भिन्न-भिन्न वैश्विक दुष्प्रचारों की आंधी से चल पडी है । अभी हाल ही में […]