(मनोज कुमार अग्रवाल -विभूति फीचर्स) धारा 370 हटने के बाद जम्मू में कुछ समय से शांति मानी जा रही थी। यहां छुटपुट घटनाओं के अलावा कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ था लेकिन अचानक साल 2023 में यहां आतंकी घटनाएं बढ़ गई और 43 आतंकी हमले हुए, जिनमें 16 से ज्यादा जवान शहीद हो गए […]
श्रेणी: आतंकवाद
(मनोज कुमार अग्रवाल-विभूति फीचर्स) बांग्लादेश इस समय आरक्षण विरोधी आंदोलन के चलते गंभीर संकट से जूझ रहा है। आरक्षण के विरोध में संपूर्ण बांग्लादेश में हिंसा हो रही है। अब तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक डेढ़ सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वैसे यह सरकारी आंकड़ा है असलियत में यह संख्या इससे […]
दिव्य अग्रवाल जम्मू कश्मीर में कोई भी आतंकवादी हमला हो वहां के क्षेत्रीय नेता चीख चीख कर पाकिस्तान पर दोषारोपण करना शुरू कर देते हैं। जबकि वहां के क्षेत्रीय मजहबी कट्टरवादी समाज के लोगों की संलिप्तता पर कोई चर्चा नहीं करता पाकिस्तान के इस्लामिक आतंकी प्रत्येक हमले में क्षेत्रीय मजहबियों की मदद लेते हैं पर […]
क्या आपने मनोहर मलगांवकर की पुस्तक ‘द मैन हू किल्ड गांधी’ पढ़ी है? इसमें जिक्र है कि एल.बी.भोपतकर से बातचीत में तत्कालीन विधि मंत्री डॉ.भीमराव आंबेडकर ने स्वयं बताया था कि कहीं कोई सबूत नहीं होने के बाद भी नेहरू किसी भी कीमत पर सावरकर को गांधी हत्याकांड से जोड़ना चाहते थे।यानी यह गांधी से […]
23 फरवरी 1981 का दिन था वह, जब तमिलनाडु के मीनाक्षीपुरम में डाॅक्टर नसरुद्दीन कमाल अपने साथियों के साथ एक दलित परिवार को बंधक बनाए हुए थे। घर के सभी लोगों ने इस्लाम कबूल लिया था, घर के लोग ही क्यों लगभग एक हजार दलित धर्मांतरण करके जबरन मुस्लिम बनाए चुके थे। इसलिए मीनाक्षीपुरम का […]
डॉ दयानंद कादयान संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर होता है। इस मंदिर को सनातन व आधुनिक रूप देकर नए गरिमामय स्वरूप में लाया गया है। परंतु संसदीय कार्रवाइयों के क्षरण का विषय हर लोकतंत्र प्रेमी के के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।लेकिन किसी ने भी इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं समझी […]
मनोज ज्वाला गाजियाबाद ( ब्यूरो डेस्क) विश्व भर की रिलीजियस-मजहबी शक्तियों के लिए चुनौती बना अकेला धर्मधारी देश भारत जब से अंग्रेजी उपनिवेशवादी कांग्रेसी शासन से मुक्त हो कर हिन्दुत्ववादी भाजपाई सत्ता से शासित हो रहा है तब से इसके विरुद्ध भिन्न-भिन्न वैश्विक दुष्प्रचारों की आंधी से चल पडी है । अभी हाल ही में […]
दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक) कुछ समय पूर्व नूपुर शर्मा ने इस्लामिक विषय पर एक व्यक्तव्य दिया था जो इस्लामिक पुस्तकों से ही सम्बंधित था परन्तु उस विषय पर लोकतांत्रिक चर्चा होने के स्थान पर सर तन से जुदा के मजहबी फतवे जारी हुए जिसके चलते सुरक्षा की दृष्टि से नूपुर शर्मा को सामाजिक जीवन […]
#डॉविवेकआर्य [एक अपरिपक्व नेता ने हिंदुओं को नफरत और हिंसा फैलाने वाला कहा है। हिंदू समाज की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि उसका स्वाध्याय बहुत कमजोर है। आप इस्लाम का इतिहास और मजहबी पुस्तक कुरान उठाकर देखिए आपको पता चल जायेगा कि नफरत कौन फैला रहा है।] भारत पर 7वीं शताब्दी में मुहम्मद बिन […]
दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक) वामपंथियों का षड्यंत्र भारतीय संसद में प्रबल हो रहा है । सम्पूर्ण भारत में जितनी आतंकवादी घटनाएं हुई उनको करवाने वाले अधिकतर लोग मुस्लिम समाज से थे परन्तु मुस्लिम तुस्टीकरण के चलते भारतीय संसद आज तक आतंकवाद का मजहब नहीं ढूंढ पाई परन्तु विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारत […]