अमरनाथ श्राइन बोर्ड पर विवाद आतंकवादियों ने अपनी आतंकी घटनाओं को निरंतर जारी रखा। वे स्थानीय हिंदुओं के अतिरिक्त देश के दूसरे प्रांतों से आने वाले हिन्दू यात्रियों पर भी हमला करने पर उतारू हो गए थे। ऐसा वह इसलिए कर रहे थे कि कश्मीर में देश के बाहर के हिंदू यात्रियों को बिना परमिट […]
Category: आतंकवाद
अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रवादी चिंतन के प्रधानमंत्री थे , परंतु उनके साथ समस्या यह थी कि वे लगभग दो दर्जन दलों की सांझा सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। जिसका ‘न्यूनतम सांझा कार्यक्रम’ उन्हें कश्मीर के संबंध में महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लेने से रोकता था। उनकी उदारता ‘गठबंधन धर्म’ के निर्वाह में उलझी रह […]
*डॉ. वेदप्रताप वैदिक* काबुल के कार्ते-परवान में गुरुद्वारे पर हुए हमले ने अफगान सिखों को हिलाकर रख दिया है। जिस अफगानिस्तान के शहरों और गांवों में लाखों सिख रहा करते थे, वहां अब मुश्किल से डेढ़-दो सौ परिवार बचे हुए हैं। उनमें से भी 111 सिखों को भारत सरकार ने इस हमले के बाद तुरंत […]
1971 का भारत-पाक युद्ध और शिमला समझौता जब 1971 में भारत-पाक का तीसरा युद्ध हुआ तो उसमें भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कराने में सफलता प्राप्त की। इस युद्ध के पश्चात बांग्लादेश नाम का एक नया देश विश्व मानचित्र पर स्थापित हुआ। इसके पश्चात 1972 में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के […]
जब 26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरिसिंह ने जम्मू कश्मीर रियासत का भारत में विलय कर दिया तो 27 अक्टूबर 1947 से जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया ।हमें इस संदर्भ में यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 1947 में भारत के साथ विलय पत्र पर जिन – जिन राजाओं ने अपनी- अपनी […]
जो व्यक्ति पहले दिन से ही ‘मुकम्मल आजादी’ की बात करता आ रहा था और जिसका दृष्टिकोण भारतभक्ति न होकर निजी स्वार्थ और अपने दीन की खिदमत करना रहा हो, उससे यह कैसे अपेक्षा की जा सकती थी कि वह कश्मीर में शांति बहाली के लिए काम करेगा ? उसने बड़ी चालाकी से अपने मित्र […]
हितेश शंकर हिंदुओं का ‘धर्म’ इस रिलीजन से अलग और ज्यादा व्यापक है। यह केवल एकाग्रता और सतर्कता से करने की बात नहीं, बल्कि ‘धारण’ करने और तद्नुसार आचरण करने की बात है। सबके बीच समन्वय के लिए खुद को ठीक रखने की पहली शर्त के साथ सद्गुणों को आचरण में उतारना ही हिन्दू धर्म […]
जब महाराजा हरि सिंह को अपमानित करके नेहरू और शेख अब्दुल्लाह ने उन्हें मुंबई निर्वासन पर भेज दिया तब अब्दुल्लाह ने भारत के संविधान में सबसे विवादित धारा 370 को स्थापित करने के लिए अपने मित्र नेहरू को तैयार किया। इस धारा को भारत के संविधान में स्थापित करवाकर शेख अब्दुल्लाह इस बात को सुनिश्चित […]
अघोषित अराजक आपातकाल की ओर बढ़ता देश
डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र एक पुरानी फिल्म का गीत है ‘पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए’। यही बात आज हमारे देश में उग्र-हिंसक आंदोलनों के संदर्भ में सत्य सिद्ध हो रही है। रोज किसी न किसी बहाने से उग्र-हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। विदेशी शक्तियों की दासता से मुक्त हुए पिचहत्तर वर्ष बीत रहे हैं। […]
जिहादी आतंकवाद के कारण अपने ही देश में विस्थापित होकर 32 वर्ष हो चुके हैं; परंतु आज भी कश्मीरी हिन्दुओं को लक्ष्य बनाकर उनका भीषण हत्यासत्र चल ही रहा है । हिन्दुओं को अक्षरश: चुन-चुनकर मारा जा रहा है । पिछले कुछ महीनों में कश्मीर में 10 हिन्दुओं की हत्या हुई है । इसलिए आज […]