भारतीय इतिहास के विकृतिकरण के प्रति संकल्पित भारत-द्वेषी लोगों ने कई ढंग या उपाय अपनाएं हैं ।उनमें से एक उपाय यह भी है कि भारत प्रेमी इतिहासनायक या नायकों को बदनाम करो और फिर जनता में उनके प्रति तिरस्कार भाव उत्पन्न हो जाए तो धीरे-धीरे उन्हें इतिहास के पन्नों से विलुप्त कर दो। ऐसा […]
श्रेणी: स्वर्णिम इतिहास
अदम्य साहस और शौर्य का प्रतीक राजा दाहिर सेन सब लोगों को मारता हुआ भी नहीं मारता, यह बात आज के कानून विदों के लिए या विधि विशेषज्ञों के लिए समझ में न आने वाली एक रहस्यमयी पहेली है। पर इसे हमारे वीर योद्धाओं ने भारतीय स्वाधीनता और संस्कृति की रक्षा के अपने प्रण […]
क्यों है हमारी स्वाधीनता का रक्षक राजा दाहिर सेन? दाहिर सेन को स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय संस्कृति का रक्षक क्यों कहा जाए ? इस प्रश्न पर भी विचार करना बहुत आवश्यक है । क्योंकि कई लोगों को ऐसी भ्रांति हो सकती है कि हम ऐसा किसी पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर कह रहे हैं। संस्कृति […]
राजा ने की बड़ी चूक कई इतिहासकारों की ऐसी मान्यता है कि इस्लाम के इस सत्ता संघर्ष में उस समय राजा दाहिर सेन ने मोहम्मद साहब के कई परिजनों की रक्षा की थी। राजा दाहिर सेन ने अपनी उदारता का परिचय देते हुए कई मुस्लिमों को सिंधु देश में बसने दिया । इसके पीछे […]
राजा पोरस का अवतार हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि सिकन्दर के समय राजा पोरस ने अपने पौरुष के प्रताप से विदेशी आक्रमणकारी को मार भगाया था । जिसे इतिहासकारों ने इतिहास में सही स्थान व सम्मान नहीं दिया । अब उसी पोरस के उत्तराधिकारी के रूप में एक नया योद्धा हमारी सीमाओं […]
राजा दाहिर सेन जिस समय भारत में एक राजा के रूप में अपना कर्तव्य निर्वाह कर रहे थे उस समय की परिस्थितियां बहुत ही विपरीत थीं। भारतीय धर्म और संस्कृति के लिए उस समय अरब की ओर से बड़ी भारी चुनौती बार-बार उपस्थित होती थी। भारतवर्ष की एकता और अखण्डता के लिए एक […]
भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन अध्याय – 1 (भाग – 2) इतिहास के काल निर्धारण में दोष वास्तव में इन नगर सभ्यताओं के बारे में उनकी प्राचीनता की ऐसी कल्पना करना केवल माथापच्ची करना है या कहिए कि अंधेरे में तीर मारने के समान है। जो लोग इन नगर घाटी सभ्यताओं के […]
जियाद का भी किया बुरा हाल सिनान के बाद भारत पर आक्रमणकारी के रूप में जियाद चढ़कर आया। उसे भी अपनी शक्ति और शौर्य पर बड़ा घमंड था। उसे लगता था कि उसके पूर्व के आक्रमणकारी चाहे भारत के शौर्य के सामने न टिक सके हों पर वह भारत के शौर्य और शीश को […]
राष्ट्र नायक राजा दाहिर सेन और तत्कालीन भारत -3 इस्लाम ने किया देशों का धर्मांतरण मानवता के विरुद्ध किए गए अपने अत्याचारों के बल पर जिस प्रकार इराक और तुर्की में इस्लाम को सफलता मिली वैसे ही विश्व के अन्य देशों या प्रान्तों में भी उसे आशातीत सफलता मिली ।पुलस्त्य ऋषि के प्रदेश पेलेस्टाइन (फिलिस्तीन) […]
अब अनेकों शोध पत्रों से यह बात पूर्णत: सिद्ध हो चुकी है कि अरब का मूल स्वरूप वैदिक रहा है । मोहम्मद साहब ने अपने जीवन काल में जब इस्लाम की स्थापना की तो उन्होंने अरब के पुराने हिन्दू स्वरूप को मिटाने का आदेश दिया। जिससे वे प्रतीक समाप्त करने की प्रक्रिया आरम्भ हुई […]