सन् 1840 में काबुल में युद्ध में 8000 पठान मिलकर भी 1200 राजपूतो का मुकाबला 1 घंटे भी नही कर पाये। वही इतिहासकारो का कहना था की चित्तोड की तीसरी लड़ाई जो 8000 राजपूतो और 60000 मुगलो के मध्य हुयी थी वहा अगर राजपूत 15000 राजपूत होते तो अकबर भी जिंदा बचकर नहीं जाता। […]
Category: स्वर्णिम इतिहास
अरबों से राजा की पहली भिड़ंत चोरी, डकैती, हत्या और बलात्कार – भारत में अरब आयातित दुर्गुण रहे हैं । उससे पहले भारत में इन दुर्गुणों के बारे में कोई कल्पना तक नहीं कर सकता था। जब अरब के लोगों का भारत के साथ सम्पर्क हुआ और कालांतर में अरब या अरबी धर्म […]
जब राजा दाहिर सेन ने अपने शासन की बागडोर संभाली तो उस समय भी उन्हें कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा । राजा दाहिर सेन के पिता के सम्बन्ध गुर्जर , जाट और लोहाणा समाज से सामान्य नहीं रह गए थे। समय और परिस्थितियों को देखते हुए इन सभी जातियों के लोगों से […]
लेखक:- प्रशांत पोळ हाल ही में एक समाचार पत्र में यह समाचार प्रकाशित हुआ था कि विभिन्न प्रकार की खोज और शोध के अनुसार हमारे पृथ्वी की आयु लगभग ४.५ बिलियन वर्ष आँकी गई है… अर्थात ४५४ करोड़ वर्ष. मजे की बात यह है कि हमारे पुराणों में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है. […]
लेखक:- प्रशांत पोळ दक्षिण दिल्ली से मेहरोली की दिशा में जाते समय दूर से ही हमें ‘क़ुतुब मीनार’ दिखने लगती हैं. २३८ फीट ऊँची यह मीनार लगभग २३ मंजिल की इमारत के बराबर हैं. पूरी दुनिया में ईटों से बनी हुई यह सबसे ऊँची वास्तु हैं. दुनियाभर के पर्यटक यह मीनार देखने के लिए भारत […]
लेखक:- प्रशांत पोळ इस घटना को अब लगभग २९ वर्ष हो चुके हैं. इन वर्षों के दौरान यह घटना दोबारा घटित हुई हो, ऐसा कहीं सुना नहीं गया. परन्तु १९९० के अगस्त माह में, जब गर्मी अपना रौद्र रूप दिखा रही थी, तब यह घटना अमेरिका के ओरेगॉन प्रांत में घटित हुई थी. एक […]
१. प्राचीन भारत-इराक भारतवर्ष का भाग था। भारत वर्ष का ३ अर्थों में प्रयोग हुआ है- (१) लोक पद्म- उत्तरी गोलार्द्ध के नकशे के ४ भागों में एक। इनको भू-पद्म के ४ दल कहा गया है- (विष्णु पुराण २/२)-भद्राश्वं पूर्वतो मेरोः केतुमालं च पश्चिमे। वर्षे द्वे तु मुनिश्रेष्ठ तयोर्मध्यमिलावृतः।२४। भारताः केतुमालाश्च भद्राश्वाः कुरवस्तथा। पत्राणि लोकपद्मस्य […]
सब लोगों को मारता हुआ भी नहीं मारता, यह बात आज के कानून विदों के लिए या विधि विशेषज्ञों के लिए समझ में न आने वाली एक रहस्यमयी पहेली है। पर इसे हमारे वीर योद्धाओं ने भारतीय स्वाधीनता और संस्कृति की रक्षा के अपने प्रण का निर्वाह करते समय पूर्णतया अपनी नजरों के […]
लेखक:- प्रशांत पोळ पारे की खोज किसने की? इस प्रश्न का निश्चित एवं समाधानकारक उत्तर कोई नहीं देता. पश्चिमी दुनिया को सत्रहवीं शताब्दी तक पारे की पहचान भी नहीं थी. अर्थात मिस्र के पिरामिडों में ईस्वी सन १८०० वर्ष पूर्व पारा रखा जाना पाया गया है. पारा जहरीला होता है, इस बारे में सभी […]
ओ३म् शहीद ऊधम सिंह (जन्म 26-12-1899, बलिदान 31-7-1940, जीवन 40 वर्ष 7 महीने 5 दिन) का आज 81वां बलिदान दिवस है। ऊधम सिंह जी हमें पंजाब की धरती सुनाम संगरूर से मिले थे। पंजाब की धरती से हमें विगत एक शताब्दी में लाला लाजपत राय, स्वामी श्रद्धानन्द, सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी आदि […]