श्री राम अयोध्या से वन में पहुंच जाते हैं । पीछे से भरत अपने भाई को वापस अयोध्या लाने के संकल्प के साथ दल बल सहित वन में पहुंच जाते हैं । बहुत ही भावुक दृश्य उत्पन्न होता है । दोनों भाई बिना अस्त्र शस्त्र लिए युद्ध करने लगते हैं । देखने लायक वाक – […]
Category: स्वर्णिम इतिहास
राणा अली हसन चौहान क्या कहते हैं ? राणा अली हसन चौहान पाकिस्तान के बहुत ही प्रतिष्ठित इंजीनियर, इतिहास लेखक और भाषाविद रहे हैं। वे उन कम पाकिस्तानियों में से हैं जो उर्दू, फारसी, अरबी के अलावा सिंधी, पंजाबी तथा हिंदी व संस्कृत में भी पारंगत थे। वे नागरी लिपि के एक बड़े प्रवर्तकों में […]
मुस्लिम आक्रमणकारियों ने भारत के धर्म व संस्कृति को नष्ट करने और यहाँ पर अपनी इस्लामिक संस्कृति को थोपकर जबरन हिन्दुओं को मुस्लिम बनाने की प्रक्रिया को लागू करने के उद्देश्य से भारत पर आक्रमण करने आरम्भ किए थे । भारत पर सबसे पहला आक्रमण इस्लाम की ओर से 638 ईसवी में किया गया । […]
गुर्जर इतिहास और हूण शासक
इस लेख को आगे बढ़ाने से पहले हम एक छोटी सी कहानी से अपनी बात आरम्भ करेंगे । एक बार एक युवक एक ऋषि के आश्रम में पहुंचकर उनसे आत्मसाक्षात्कार करने का सरल उपाय पूछने लगा। महर्षि ने उस युवक के इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि – ‘पुत्र आत्म साक्षात्कार करने का […]
भारत ने ब्रह्मबल और क्षत्रबल दोनों को संयुक्त कर एक अद्भुत व्यवस्था संसार को दी । ब्रह्मबल अपने बौद्धिक मार्गदर्शन से राजा को शासित और अनुशासित रखने का काम करता था । किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति में राजा के दिग्भ्रमित होने की स्थिति में ब्रह्मबल से संपन्न पुरोहित उसे न्याय के लिए प्रेरित […]
भारत में जितनी भी क्षत्रिय जातियां आज मिलती हैं वे सभी की सभी भारत की उस प्राचीन क्षत्रिय परंपरा की प्रतिनिधि हैं , जिसे हमारी वर्ण व्यवस्था में क्षत्रिय वर्ण के रूप में मान्यता दी गई थी । वास्तव में मनुष्य के तीन शत्रु माने गए हैं – अन्याय ,अज्ञान और अभाव। जहाँ ब्राह्मण वर्ण […]
जिन इतिहासकारों ने गुर्जरों को विदेशी जाति माना है उनमें डॉक्टर डीआर भंडारकर का नाम सबसे पहले लिया जा सकता है। यद्यपि यतेंद्र कुमार वर्मा, रतन लाल वर्मा , गणपतसिंह , मुल्तान सिंह वर्मा , स्वामी वासुदेवानंद तीर्थ , गौरीशंकर हीराचंद ओझा , डॉ दशरथ शर्मा , बी .एन. पुरी , सी. वी. वैद्य आदि […]
महाराजा रणजीत सिंह की माता श्रीमती राज कौर व पिता महा सिंह थे। इनका जन्म 13 नवम्बर 1780 को हुआ गुजरांवाला के पास हुआ था ।जन्म का नाम बुध सिंह था। महाराजा रणजीत सिंह बचपन में चेचक में बाईं आंख खो बैठे थे। गुरुकुल गुजरावाला में इनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई। लेकिन जब 10 वर्ष के […]
क्या गुर्जर एक विदेशी जाति है ?
भारत में एक भयानक षडयंत्र के अंतर्गत लेखकों का एक ऐसा वर्ग सक्रिय रहा है जो भारत की अनेकों जातियों को विदेशी सिद्ध करने का प्रयास करता रहता है । जबकि भारत की इतिहास परम्परा के ऐसे अनेकों स्पष्ट प्रमाण हैं कि भारत की लगभग सभी वे जातियां जो अपने आप को आर्यों की संतान […]
610 ई0 में इस्लाम की स्थापना मोहम्मद पैगंबर द्वारा की गई । 638ई0 से 712 ई0 तक के 73 वर्ष के कालखंड में 9 खलीफाओं ने 15 आक्रमण भारतवर्ष पर किए थे। मोहम्मद बिन कासिम इस्लाम के प्रारंभिक काल में उम्मयद खिलाफत का एक अरब सिपहसालार था। उसने 17 वर्ष की आयु में भारतीय उपमहाद्वीप […]