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स्वर्णिम इतिहास

सम्राट पृथ्वीराज चौहान की जयंती 19 मई के अवसर पर विशेष : इतिहास नायकों के साथ ‘क्रूर उपहास’ होता आ रहा है

सम्राट पृथ्वीराज चौहान की जयंती 19 मई के अवसर पर विशेष : इतिहास नायकों के साथ ‘क्रूर उपहास’ होता आ रहा है भारत में गोरी की जीत और पृथ्वीराज चौहान की हार को वर्तमान प्रचलित इतिहास में गलतढंग से एक अलग अध्याय के नाम से निरूपित किया जाता है। जिसका नाम दिया जाता है- राजपूतों […]

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श्री कृष्ण और अर्जुन के द्वारा दानवीर कर्ण से ब्राह्मण वेश में जाकर दान मांगने की घटना और महाभारत का सच

हमारे समाज में कर्ण की दानवीरता के किस्से बहुत प्रसिद्ध हैं । ऐसा कहा जाता है कि जिस समय कर्ण की मृत्यु हुई तो उस समय श्री कृष्णजी को अत्यन्त दु:ख हुआ । तब अर्जुन से अर्जुन ने उनसे पूछ लिया कि आज आप इतने दु:खी क्यों है ? इस पर श्री कृष्ण जी ने […]

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आओ कुछ जाने स्वर्णिम इतिहास

इतिहास का सच : सिल्क रोड नहीं ,भारत का उत्तरापथ

लेखक:- रवि शंकर, कार्यकारी संपादक, भारतीय धरोहर चीनी साम्राज्यवादी ओबोर बनाम भारतीय सहकारवादी ओसोर ओबोर यानी वन बेल्ट वन रोड। वन रोड यानी सिल्क रोड। यह बड़ी हैरतअंगेज बात है कि चीन ने एक रूट को रोड बना दिया। सिल्क रोड कोई जगह नहीं थी सिल्क रूट था। यह कोई एक सड़क, एक सड़क पर […]

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स्वर्णिम इतिहास

संजय के पास नहीं थी कोई भी दिव्यदृष्टि , क्या कहती है महाभारत ?

महाभारत के बारे में जिस प्रकार अनेकों भ्रान्तियों को समाज में फैलाया गया है , उनमें से एक यह भी है कि संजय को वेदव्यासजी के द्वारा दिव्य दृष्टि प्राप्त हो गई थी । जिसके माध्यम से वह महाभारत के युद्ध का आंखों देखा हाल हस्तिनापुर के राजभवन में बैठा हुआ, धृतराष्ट्र को सुनाया करता […]

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स्वर्णिम इतिहास

जब औरंगजेब ने मथुरा का श्रीनाथ जी का मंदिर तोड़ा तो मेवाड़ नरेश राज सिंह ने सौ मस्जिदों को तुड़वा कर खत्म कर दिया था

जब औरंगजेब ने मथुरा का श्रीनाथ मंदिर तोड़ा तो मेवाड़ के नरेश राज सिंह 100 मस्जिद तुड़वा दिये थे। अपने पुत्र भीम सिंह को गुजरात भेजा, कहा ‘सब मस्जिद तोड़ दो तो भीम सिंह ने 300 मस्जिद तोड़ दी थी’।वीर दुर्गादास राठौड़ ने औरंगजेब की नाक में दम कर दिया था और महाराज अजीत सिंह […]

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स्वर्णिम इतिहास

देहत्याग के समय भीष्म के पास क्या अकेले पांडव और श्री कृष्ण जी ही उपस्थित थे ?

अभी टी0वी0 चैनल पर महाभारत धारावाहिक समाप्त हुआ है । जिसमें दिखाया गया है कि अंतिम समय में भीष्म पितामह के पास पांचों पांडव और श्रीकृष्ण जी गए थे । उनके अतिरिक्त वहाँ पर अन्य कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं था । यहाँ पर प्रश्न यह खड़ा होता है कि भीष्म पितामह जैसे महामानव का जिस […]

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स्वर्णिम इतिहास

1857 की क्रांति के अमर क्रांतिकारी एवं किला परीक्षितगढ़ के अंतिम राजा राव कदम सिंह

लेखक अशोक चौधरी मेरठ। सन् 1857 के स्वतंत्रता-संग्राम का प्रारंभ मेरठ से हुआ।इस स्वतंत्रता-संग्राम में मेरठ के किला-परिक्षत गढ़ कस्बे के निकटवर्ती गांव पूठी के निवासी राव कदम सिंह ने विदेशी अत्याचारी ब्रिटिश सत्ता से भारतीय क्रांतिकारियों के साथ मिलकर जो संघर्ष किया,वह भुलाने योग्य नहीं है। आखिर राव कदम सिंह किस पृष्ठभूमि से थे,वो […]

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स्वर्णिम इतिहास

दिल्ली का लालकिला अनंगपाल तोमर ने बनवाया था शाहजहां ने नहीं , आज की तथाकथित निर्माण तिथि की पोल खोलता लेख

हमारे देश में अधिकांश ऐतिहासिक स्थलों का हिंदू निर्माण छुपा कर उसे मुगलों या किसी विदेशी आक्रमणकारी नवाब या बादशाह या सुल्तान द्वारा निर्मित दिखाई जाने की बहुत ही खतरनाक प्रवृत्ति चली आ रही है । इस प्रवृत्ति के चलते देश के इतिहासकारों और लेखकों ने भी उन तथ्यों और प्रमाणों की पूर्णतया उपेक्षा की […]

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स्वर्णिम इतिहास

हिंदुओं ! जातियों में दाल मत बांटो नहीं तो ढूंढे नहीं मिलोगे, तुम्हारा सब का मूल एक है, समय रहते पहचान लो

आर्य हिंदू समाज को तोड़ने की गंभीर कोशिश की जा रही है और हम सब इस भूल में है कि ऐसा करने वाले चाहे कुछ कर लें हम सब एक हैं । इस भूल ने ही हमें अतीत में खून के आंसू रुलाया है और हम हैं कि इस भूल को त्यागने का प्रयास नहीं […]

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स्वर्णिम इतिहास

जब गांधी जी और उनकी कांग्रेस को सरदार भगत सिंह और उनके साथियों ने कहा था कायर , भाग — 2

  कांग्रेस की निंदनीय कार्यशैली इस बीच कांग्रेस क्या कर रही थी ? उसने अपना ध्येय स्वराज्य से बदलकर पूर्ण स्वतन्त्रता घोषित किया। इस घोषणा से कोई भी व्यक्ति यही निष्कर्ष निकालेगा कि कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा न कर क्रांतिकारियों के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी है। इस सम्बन्ध […]

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