हमने पूर्व में इतिहासकार श्री खुर्शीद भाटी के एक लेख के संदर्भ में अपना लेख प्रकाशित किया था आज फिर उसी लेख पर आगे विचार करते हैं । श्री ख़ुर्शीद भाटी ने अपने लेख में लिखा है कि “आर्य का मूल आधार गुर्जर से ही है। द्रविड में शिव और आर्य में ब्रह्मा हैं। […]
Category: स्वर्णिम इतिहास
देश धर्म की रक्षा के लिए बनाई गईं राष्ट्रीय सेनाएं ऐसी राष्ट्रीय सेनाओं का गठन हमारे राजाओं ने एक बार नहीं अनेकों बार किया । विनोद कुमार मिश्र (प्रयाग) ने अपनी पुस्तक ‘विदेशी आक्रमणकारी का सर्वनाश : भारतीय इतिहास का एक गुप्त अध्याय’ – में किया है । वह हमें बताते हैं : – “1030 […]
इन परिस्थितियों पर विचार करते हुए लेखक ने अपनी पुस्तक “भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास”- भाग 1 , के पृष्ठ संख्या 26 पर लिखा है कि – “दक्षिण भारत और उत्तर भारत सहित पूरब और पश्चिम के सभी शासकों को संस्कृतिनाशक इतिहासकारों ने नितान्त उपेक्षित करने का प्रयास किया है – हमें […]
हिन्दू समाज का संप्रदायों में विभाजन हो जाना और नए-नए सम्प्रदायों का जन्म होते जाना निश्चित ही हमारे सामाजिक जीवन के लिए हानिकारक सिद्ध हुआ । इस प्रकार के सम्प्रदायों ने हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को क्षतिग्रस्त किया। नये-नये सम्प्रदायों के धर्माचार्यों ने भी कहीं न कहीं महात्मा बुद्ध के उपदेशों को ग्रहण कर […]
पिछले दिनों मेरे पास श्री खुर्शीद भाटी जी द्वारा भेजा गया एक लेख आया। इस लेख का शीर्षक उन्होंने ‘गुर्जरों का मूल तत्व हिंदुस्तान में है, न कि विदेशी लुटेरों हूण , कुषाणों में’ – ऐसा करके दिया। मैं श्री भाटी की विद्वता का सम्मान करते हुए भी उनके लेख से असहमत हूँ । इसके […]
डॉ राकेश कुमार आर्य संपादक उगता भारत गुप्त वंश के पतन के पश्चात सम्राट हर्षवर्धन भारत के एक महान शासक हुए । इस सम्राट ने भी अपना एक सम्मानजनक और विशाल साम्राज्य स्थापित किया। 606 ईस्वी में हर्षवर्धन का राज्याभिषेक हुआ । उसके राज्यारोहण के 4 वर्ष पश्चात ही अरब के शुष्क रेत में एक […]
प्राचीन भारतीय इतिहास में गुप्त वंश के शासन काल को स्वर्ण युग की संज्ञा दी जाती है। इस वंश में एक से बढ़कर एक कई महान शासकों की स्वर्णिम श्रंखला हमें दृष्टिगोचर होती है । यद्यपि इस वंश से पूर्व अशोक के पश्चात कई शासकों एवं वंशों ने शासन किया , जिनमें शुंग , सातवाहन […]
राम जन्मभूमि अयोध्या में पुनः निर्मित किए जाने वाले भव्य राम मंदिर को लेकर यह चर्चा जोरों पर है कि इस मंदिर की बुनियाद कि नीचे पृथ्वी की कोख में 200 फीट से लेकर 2000 फीट नीचे राम जन्मभूमि से जुड़े हुए ऐतिहासिक प्रसंग संघर्षों को अंकित कर #टाइम_कैप्सूल में दफन किया जाएगा| इस समय […]
राष्ट्रकवि इकबाल की निम्नलिखित पंक्तियां बहुत ही सार्थक हैं :— यूनानियों को जिसने हैरान कर दिया था, तुर्कों का जिसने दामन हीरों से भर दिया था, मिट्टी को जिसकी हमने जर का असर दिया था, सारे जहां को जिसने इल्मो – हुनर दिया था , मेरा वतन वही है , मेरा वतन वही है ।। […]
सिकन्दर और भारत का क्षत्रिय धर्म महाभारत के युद्ध में अपने सगे – सम्बन्धी , मित्र , पुत्र- कलत्र को अपने सामने युद्ध के लिए खड़ा देखकर अर्जुन बहुत अधिक दुखी हो गया । अबसे पहले उसने यद्यपि कितनी ही बार अपने क्षत्रियपन का परिचय दिया था , परन्तु आज कुछ और ही बात थी […]