राजा मेहताब सिंह के नेतृत्व में जिस सेना ने राम मन्दिर की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था उसके बारे में इतिहासकार कनिंघम ने कहा है कि :-” जन्मभूमि का मन्दिर गिराए जाने के समय हिन्दुओं ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी और 173000 हिन्दुओं के शव गिरने के पश्चात ही मीर […]
Category: स्वर्णिम इतिहास
हुमायूँ को भी मिली चुनौती बाबर के पश्चात उसका उत्तराधिकारी हुमायूँ बना था। हुमायूँ के शासनकाल में चित्तौड़ पर गुजरात के शासक बहादुर शाह के आक्रमण की प्रसिद्ध घटना का उल्लेख हमें इतिहास में मिलता है । उस युद्ध में रानी कर्णावती ने हुमायूँ के लिए कथित रूप से राखी भेजी थी । जब तक […]
गुर्जर सम्राट की जयंती के अवसर पर विशेष सम्राट मिहिर भोज का शासनकाल अरब साम्राज्य के अब्बासी वंश के खलीफाओं मौतसिम (833 से 842 ई0 ), वासिक ( 842 से 847 ई0 ) मुतवक्कल ( 847 से 861 ई0 ) , मुन्तशिर ( 861 से 862 ई0 ) मुस्तईन ( 862 से 866 ई0 ) […]
जहीरूद्दीन बाबर ने 1526 ई0 में भारत पर आक्रमण किया । जब वह भारत में एक बादशाह के रूप में काम करने लगा तो उसे भारत के लोगों से उपेक्षा और सामाजिक बहिष्कार के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला। उसने स्वयं ने लिखा है :- “मेरी दशा अति शोचनीय हो गई थी और मैं बहुत अधिक […]
सिकन्दर लोदी के शासनकाल में अवध में 24 हिन्दू रायों सामन्तों ने वहाँ के प्रान्तपति मियां मोहम्मद फर्मूले के विरुद्ध स्वतन्त्रता आन्दोलन आरम्भ किया । 24 हिन्दू रायों एवं सामन्तों का इस प्रकार एक साथ आना एक उल्लेखनीय घटना है । जो हिन्दुओं के भीतर की वेदना और स्वतन्त्रता के प्रति तड़प को स्पष्ट करती […]
दलन बनाम पराक्रम तुगलक वंश के सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक ने अपने शासनकाल में वारंगल पर आक्रमण किया था । उस समय वीर हिन्दू शासक राय लद्दर देव वहाँ शासन कर रहा था । लददरदेव की राष्ट्रभक्ति बहुत ही वन्दनीय है। इस युद्ध के बारे में बरनी ने जो कुछ लिखा है वह यद्यपि अपने सुल्तान […]
खिलजी को भी मिली चुनौती बलबन के पश्चात जब जलालुद्दीन ख़िलजी सुल्तान बना तो उसके लिए भी एक से एक बढ़कर हिन्दू योद्धा एक चुनौती के रूप में खड़ा रहा । हम्मीर देव चौहान एक ऐसा ही शूरवीर हिन्दू योद्धा था , जिसने इस शासक के लिए बड़ी प्रबल चुनौती खड़ी की थी । जलालुद्दीन […]
फिर बनाया गया एक हिन्दू संघ इस सुल्तान के काल में विद्रोह की जन्मस्थली दिल्ली बन गई । राजपूतों ने अपने खोए हुए राज्यों की प्राप्ति के लिए हुंकार भरनी आरम्भ कर दी। जालौर के राजा उदयसिंह ने इस सुल्तान के पैर उखाड़ कर अपना हिन्दू राज्य स्थापित करने के लिए 1221 ई0 में तत्कालीन […]
हमारे देश में ऐसे लोग आपको बहुत मिल जाएंगे जो बड़ी सहजता से यह कह देते हैं कि हमारा देश एक हजार वर्ष तक विदेशी जातियों का गुलाम रहा। इतिहास के तथ्यों की पड़ताल किए बिना ऐसा कहना निश्चय ही राष्ट्र के गौरव और शौर्य के प्रति किया जाने वाला एक अक्षम्य अपराध है । […]
वीरभोग्या वसुंधरा की सार्थक अनुगूंज है मां भारती मोहम्मद गोरी के हाथों से पृथ्वीराज चौहान की पराजय का उल्लेख करते हुए डॉ. आशीर्वादीलाल कहते हैं :- “सभी विजित स्थानों में हिन्दुओं के मंदिरों को विनष्ट कर दिया गया और उनके स्थान पर मस्जिदों का निर्माण किया गया । इस्लाम की परंपरा के अनुसार सभी […]