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स्वर्णिम इतिहास

क्या है सोमनाथ मंदिर के बाण स्तंभ का रहस्य ?

  इतिहास बडा चमत्कारी विषय है। इसको खोजते खोजते हमारा सामना ऐसे स्थिति से होता है, की हम आश्चर्य में पड़ जाते हैं। पहले हम स्वयं से पूछते हैं, यह कैसे संभव है? डेढ़ हजार वर्ष पहले इतना उन्नत और अत्याधुनिक ज्ञान हम भारतीयों के पास था, इस पर विश्वास ही नहीं होता! गुजरात के […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

भास्कराचार्य ने कुछ इस प्रकार नापा था पृथ्वी की परिधि को

  सुद्युम्न आचार्य [ निदेशक, वेद वाणी वितान, प्राच्य विद्या शोध संस्थान,सतना(म.प्र.)] महाविज्ञानी आर्यभट्ट के ग्रन्थों में भूपरिधि की नाप का विधि का अस्पष्ट निर्देश प्राप्त होता है। 11वीं शताब्दी में भास्कराचार्य ने इसकी विधि का स्पष्ट उल्लेख किया है। इसे ज्ञात करने के लिये प्रमुखत: दो तथ्यों को जानना आवश्यक होता है। प्रथम, किसी […]

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स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

लाचित बरफूकन की वीरता के कारण मुगल नहीं कर पाए थे पूर्वोत्तर भारत पर कब्जा

  असम के लोग तीन महान व्यक्तियों का बहुत सम्मान करते हैं। प्रथम, श्रीमंत शंकर देव, जो पन्द्रवीं शताब्दी में वैष्णव धर्म के महान प्रवत्र्तक थे। दूसरे, लाचित बरफूकन, जो असम के सबसे वीर सैनिक माने जाते हैं और तीसरे, लोकप्रिय गोपी नाथ बारदोलोई, जो स्वतन्त्रता संघर्ष के दौरान अग्रणी नेता थे। लाचित बरफूकन ‘अहोम […]

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स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

बलिदान दिवस पर विशेष : पंजाब केसरी लाला लाजपत राय

17 नवम्बर/बलिदान-दिवस   ‘‘यदि तुमने सचमुच वीरता का बाना पहन लिया है, तो तुम्हें सब प्रकार की कुर्बानी के लिए तैयार रहना चाहिए। कायर मत बनो। मरते दम तक पौरुष का प्रमाण दो। क्या यह शर्म की बात नहीं कि कांग्रेस अपने 21 साल के कार्यकाल में एक भी ऐसा राजनीतिक संन्यासी पैदा नहीं कर […]

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भारतीय संस्कृति महत्वपूर्ण लेख स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

वनवास में रहे प्रभु श्री राम वनवासीयों के ज़्यादा क़रीबी थे

यह एक एतिहासिक तथ्य है कि प्रभु श्री राम ने लंका पर चढ़ाई करने के उद्देश्य से अपनी सेना वनवासियों एवं वानरों की सहायता से ही बनाई थी। केवट, छबरी, आदि के उद्धार सम्बंधी कहानियाँ तो हम सब जानते हैं। परंतु, जब वे 14 वर्षों के वनवास पर थे तो इतने लम्बे अर्से तक वनवास […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

दूर दूर तक फैली थी आर्य संस्कृति

  भारत में पश्चिम की ओर सबसे प्रथम अफरीदी काबुली और बलूची देश आते हैं । इन देशों में इस्लाम के प्रचार के पूर्व आर्य ही निवास करते थे । यहीं पर गांधार था। गांधार को इस समय कंधार कहते हैं। जिसका अपभ्रंश कंदार और खंदार भी है। इसी के पास राजा गजसिंह का बसाया […]

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स्वर्णिम इतिहास

किराए की कलम रखने वाले इतिहासकार और गौरव पूर्ण इतिहास

हाल में ही एक ज्योतिष-भविष्यवाणी वगैरह करने वाले बेजान दारूवाला की मृत्यु हुई तो अलग-अलग किस्म की कई बहसें भी नजर आयीं। हमें उनके साथ ही नारायणन की अंग्रेजी कहानी “एन एस्ट्रोलोजर डे” याद आई। उसका भविष्यवाणी करने वाला भी वैसे ही सुन्दर वाक्य गढ़ता था, जैसे बेजान दारूवाला। उसका एक प्रिय जुमला था “तुम्हें […]

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स्वर्णिम इतिहास

प्राचीन भारत में नारियों की स्थिति बहुत ही सम्मान पूर्ण थी

हाल में ही एक ज्योतिष-भविष्यवाणी वगैरह करने वाले बेजान दारूवाला की मृत्यु हुई तो अलग-अलग किस्म की कई बहसें भी नजर आयीं। हमें उनके साथ ही नारायणन की अंग्रेजी कहानी “एन एस्ट्रोलोजर डे” याद आई। उसका भविष्यवाणी करने वाला भी वैसे ही सुन्दर वाक्य गढ़ता था, जैसे बेजान दारूवाला। उसका एक प्रिय जुमला था “तुम्हें […]

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स्वर्णिम इतिहास

जोधपुर के महाराजा राव रिड़मल राठौड़ और मुगल बादशाह का दरबार

प्रस्तुति – श्रीनिवास आर्य मुगल बादशाह का दिल्ली में दरबार लगा था और हिंदुस्तान के दूर दूर के राजा महाराजा दरबार में हाजिर थे। उसी दौरान मुगल बादशाह ने एक दम्भोक्ति की है कोई हमसे बहादुर इस दुनिया में है? सभा में सन्नाटा सा पसर गया, एक बार फिर वही दोहराया गया! तीसरी बार फिर […]

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स्वर्णिम इतिहास

कोलाचेल युद्ध में डचों को हराने वाले राजा मार्तंड वर्मा : इतिहास की पुस्तकों से गायब

डच वर्तमान नीदरलैंड (यूरोप) के निवासी हैं. भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से इन लोगों ने 1605 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी बनायीं और ये लोग केरल के मालाबार तट पर आ गए. ये लोग मसाले, काली मिर्च, शक्कर आदि का व्यापार करते थे. धीरे धीरे इन लोगों ने श्रीलंका, केरल, कोरमंडल, बंगाल, बर्मा […]

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