कार्यालय से अपना काम ख़तम करने के बाद जब अपने घर के लिए गुप्ता जी निकलने लगे तो उस समय उनकी घड़ी में तक़रीबन रात के 9 बज रहे थे । हालांकि रोज़ गुप्ता जी शाम 7 बजे के लगभग अपने ऑफिस से निकल जाया करते थे लेकिन आज काम के दवाब के कारण कुछ […]
श्रेणी: कहानी
भाग्य-और-कर्मफल रामदीन बहुत ही गरीब था।बचपन से आज तक का उसका जीवन अभावों में ही बीता था।समय के साथ माता-पिता छोड़ गए,किन्तु गरीबी ने नहीं छोड़ा।शादी हो गई,बच्चे हो गए| सब आए,मगर भाग्य लक्ष्मी न आई। रामदीन बहुत दुखी रहता।कई बार सोचता आत्मघात कर लूं। मगर पत्नी और बच्चों का ख्याल करके ऐसा नहीं कर […]
ईसाइयत- हर व्यक्ति जन्म से पापी हैं क्यूंकि सृष्टि के आदि में हव्वा (Eve) और आदम (Adam) ने बाइबिल के ईश्वर के आदेश की अवमानना की थी। इसलिए ईश्वर ने हव्वा को शाप देकर पापी करार दिया था। इस पाप से बचाने वाला केवल एक मात्र ईसा मसीह है क्यूंकि वह पापों को क्षमा करने […]
॥ॐ॥ काफी समय से दादी की तबीयत ख़राब थी घर पर ही दो नर्स उनकी देखभाल करतीं थीं. डाक्टरों ने भी अपने हाथ उठा दिये थे और कहा था…!! कि जो भी सेवा करनी है कर लीजिये.. दवाइयाँ अब अपना काम नहीं कर रहीं हैं. उसने घर में बच्चों को होस्टल से बुला लिया था […]
अमन : दादाजी! आजकल विज्ञान का जमाना है। आपके जमाने में बिजली नहीं होती थी तो लोग काम करने, पढ़ने – लिखने के लिए कितने तंग होते होंगे ? दादाजी : बेटे ! जमाना तो विज्ञान का है पर हमारे समय में भी लोग घी तेल के चिराग की रोशनी में बड़े आराम से पढ़ […]
रोहतक की दुखद घटना 😌😔 राधिका और नवीन को आज तलाक के कागज मिल गए थे। दोनो साथ ही कोर्ट से बाहर निकले। दोनो के परिजन साथ थे और उनके चेहरे पर विजय और सुकून के निशान साफ झलक रहे थे। चार साल की लंबी लड़ाई के बाद आज फैसला हो गया था। दस साल […]
सुनसान जंगल से बहती हुई एक नदी के किनारे खड़े एक आम के वृक्ष पर एक बंदर रहता था। नीचे नदी में एक मगरमच्छ भी रहता था। मगरमच्छ अक्सर दोपहरी के समय उस वृक्ष के नीचे आ जाया करता था। कुछ दिन के बाद दोनों के बीच मित्रता हो गई। दोनों देर देर तक बातें […]
एक सहेली ने दूसरी सहेली से पूछा:- बच्चा पैदा होने की खुशी में तुम्हारे पति ने तुम्हें क्या तोहफा दिया ? सहेली ने कहा – कुछ भी नहीं! उसने सवाल करते हुए पूछा कि क्या ये अच्छी बात है ? क्या उस की नज़र में तुम्हारी कोई कीमत नहीं ? लफ्ज़ों का ये ज़हरीला बम […]
श्री गोपाल नारसन एडवोकेट-विभूति फीचर्स महाभारत के युद्ध ने द्रौपदी की उम्र को 80 वर्ष जैसा कर दिया था शारीरिक रूप से भी और मानसिक रूप से भी। उसकी आंखें मानो किसी गड्डे में धंस गई थीं, उनके नीचे के काले घेरों ने उसके रक्ताभ कपोलों को भी अपनी सीमा में ले लिया था। श्याम […]
( धर्मराज युधिष्ठिर ने धर्म और नीति के मर्मज्ञ भीष्म पितामह से उनके अंतिम क्षणों में राजधर्म की शिक्षा के साथ-साथ लोक धर्म की शिक्षा भी ग्रहण की। धर्मराज युधिष्ठिर एक न्यायप्रिय प्रजावत्सल सम्राट थे। महाभारत के युद्ध से पूर्व भी वह इंद्रप्रस्थ के राजा रह चुके थे। उन्हें राजनीति और राजधर्म का स्वयं भी […]