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विशेष संपादकीय

राजा ,राजनीति और राजधर्म: क्या कहती है भारतीय इतिहास परंपरा ?

राजा उत्तम है वही , निभाता जो निज धर्म । राजनीति उसको कहें जो समझे अपना धर्म ।। आज हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो राजा ( आज के संदर्भ में जनप्रतिनिधि ) राजनीति से और शासक वर्ग के राजधर्म से घृणा करते हैं , या उनके प्रति उदासीन भाव रखते हैं […]

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विशेष संपादकीय

अल्पसंख्यक की परिभाषा भारत में क्यों नहीं ?

भारत में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक जैसे शब्द सुनने को तो बहुत मिलते हैं , परंतु वास्तव में अल्पसंख्यक कौन हो सकता है , और बहुसंख्यक किसे कह सकते हैं ? – यह आज तक स्पष्ट नहीं है । इस विषय में सबसे पहले 1899 में ब्रिटिश जनगणना आयुक्त ने सिख ,जैन ,बौद्ध ,पारसी और मुसलमान […]

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विशेष संपादकीय

कश्मीर के गुमराह युवक और पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के पत्थरबाज युवाओं से आग्रह किया है कि वे आतंकवाद का रास्ता छोड़ कर राष्ट्र की मुख्यधारा में लौट आयें। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इन आतंकवादी कश्मीरी युवकों को ‘गुमराह’ हुआ माना है, और उनके कल्याण के लिए उन से अपेक्षा की है कि वे आत्मविनाश के रास्ते को छोडक़र […]

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विशेष संपादकीय संपादकीय

विपक्ष की एकता या ‘होली का हुड़दंग’

अभी हाल ही में संपन्न हुए कुछ उपचुनाव में विपक्षी एकता का प्रतीक बना गठबंधन बाजी मार ले गया है और भाजपा को पराजय का मुंह देखना पड़ा है। यह चुनाव परिणाम चौंकाने वाले नहीं कहे जा सकते। इनको लेकर ऐसी ही आशा थी- इसलिए परिणाम आशानुरूप हैं। विपक्ष ने बड़ी सावधानी से अपनी चुनावी […]

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विशेष संपादकीय

कल्याण सिंह की एक अनुकरणीय पहल

राजस्थान के राज्यपाल श्री कल्याण सिंह अपनी विशिष्ट कार्यशैली के कारण चर्चाओं में रहते हैं। कुछ राज्यपालों ने इस संवैधानिक पद की गरिमा के प्रतिकूल आचरण करते हुए इसे विवादास्पद बनाने का भी कार्य अतीत में किया है, परंतु श्री कल्याण सिंह एक अपवाद हैं। उन्होने राज्यपाल पद पर रहते हुए राजस्थान में उच्च शिक्षा […]

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विशेष संपादकीय

देश जल रहा है और ………

महाभारत से हमें पता चलता है कि यादव, कुकुर, भोज, अंधक और वृष्णि नामक गणराज्य उस समय परस्पर लड़ते- झगड़ते रहते थे। उन गणराज्यों ने अपनी राजनीतिक स्वतंत्रता और पृथक सत्ता को कायम रखते हुए अपने को एक संघ के रूप में संगठित किया हुआ था। इस संघ में दो मुख्य दल थे, जिनके नेता […]

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विशेष संपादकीय

संसद में असंसदीय आचरण

एडमण्ड बर्क ने कहा था कि- ”जनता के लिए सबसे अधिक शोर मचाने वालों को उसके कल्याण के लिए सबसे उत्सुक मान लेना सर्वमान्य त्रुटि है।” इसमें कोई संदेह नहीं कि वर्तमान में हमारी मान्यता यही हो गई है कि संसद या राज्य विधानमंडलों में जो जनप्रतिनिधि अधिक शोर मचाए वही मुखर सांसद या जनप्रतिनिधि […]

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विशेष संपादकीय संपादकीय

योगी का उत्तर प्रदेश और पर्यटन विकास

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों प्रदेश की राजधानी लखनऊ में निवेशकों की बैठक कराकर जिस प्रकार प्रदेश के लिए निवेशकों को लुभाया है उससे उनकी विकास पुरुष की छवि बनी है। लोगों को लगा है कि वह वास्तव में प्रदेश को वर्तमान दुर्दशा के दुर्दिनों के दौर से निकालने की कोई […]

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विशेष संपादकीय

आरक्षण पर विचार आवश्यक

भारत में आरक्षण को जातीय आधार पर देकर भूल की गयी- अब इस पर देश की युवा पीढ़ी में एक विशेष प्रकार की बहस चल रही है। जातीय आधार पर आरक्षण न देकर आर्थिक आधार पर लोगों को राजकीय संरक्षण मिलना चाहिए था- अब इस विचार से अधिकांश लोग सहमत होते जा रहे हैं। जिन […]

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राजनीति विशेष संपादकीय

प्रधानमंत्री मोदी जी की सेवा में

उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास समिति 2018 के परिप्रेक्ष्य में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव: महोदय, उत्तर प्रदेश के विकास की बातें आपके व मुख्यमंत्री योगी जी द्वारा सकारात्मक पहल करते हुए की जा रही हैं। इसके लिए जेवर में जिस तरह से विश्व के चौथे नंबर पर आने वाले विशाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण कराए जाने […]

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