महाभारत काल में भारत के अंदर 101 प्रसिद्घ क्षत्रिय राजवंश थे। इनमें से 86 राजा मगध नरेश जरासंध ने पराजित कर जेल में डाल रखे थे। इन 101 राजवंशों के इतने ही महाजनपद (प्रांत या राज्य क्षेत्र) थे। इससे महाभारत (विशाल भारत) का निर्माण होता था। ये राजा किसी एक राजा से होने वाले दूसरे […]
Category: विशेष संपादकीय
छोटे राज्यों की आवश्यकता नही है
अपने राजनीतिक स्वार्थों को साधने के लिए आम चुनाव 2014 से लगभग 8-10 माह पूर्व केन्द्र की संप्रग सरकार ने पृथक तेलंगाना राज्य का गठन कर भारत के मानचित्र में 29वें राज्य की स्याही भरने का निर्णय ले लिया है। निर्णय लेते ही आंध्र प्रदेश में विरोध आरंभ हो गया है, जबकि तेलंगाना समर्थकों ने […]
मिड डे मील- ना दया, ना हया
बिहार के छपरा जिले के एक स्कूल में मिड डे मील को लेकर 23 नन्हें मुन्ने नौनिहालों की जीवन लीला समाप्त हो गयी। भ्रष्टाचार का काला कलयुग है ये। इसमें सच में झूठ नही अपितु ‘झूठ में सच’ तलाशना पड़ता है, फिर भी यदि कुछ मिल जाए तो अपना सौभाग्य माना जाता है। भ्रष्टाचार लगभग […]
सबके लिए काम, सबके लिए संरक्षण
भाजपा के नेता नरेन्द्र मोदी इस समय कांगे्रस के लिए एक मुसीबत बनते नजर आ रहे हैं। वह जितने ही मुखर हो रहे हैं उतने ही अधिक भाजपा के पी.एम. पद के प्रत्याशी के रूप में अपनी उम्मीदवारी पक्की करते जा रहे हैं। कांग्रेस के पास अभी भाजपा के ‘नमोमंत्र’ की काट नही है। कांग्रेस […]
हमें अपने रणबांकुरों पर गर्व है
उत्तराखण्ड के केदारनाथ तीर्थधाम पर आयी जल प्रलय सचमुच कई सवाल छोड़ गयी है-जैसे कि क्या यह आपदा मानवीय थी या प्राकृतिक थी? और इस आपदा से निपटने में धर्मस्थलों पर धर्म कितना काम आया? या किसने अपना कितना धर्म निभाया, इत्यादि। मानव प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करता-करता अहंकारी और दम्भी हो गया है। इसने […]
भारत की विदेशनीति जैसी 1947 में देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी के द्वारा तय की गयी थी कुछ कुछ वैसी ही चली आ रही है। यद्यपि इस विदेश नीति पर नेहरू जी का कोई अपना विशेष प्रभाव नही था वस्तुत: यह ब्रिटिशर्स के काल में जैसी थी न्यूनाधिक बाद में भी वैसी ही चलती […]
आडवाणी अनर्थ की राह पर
भाजपा का गोवा सम्मेलन पूर्ण हो गया है, इसने वही संकेत और संदेश दिये हैं जो इससे उम्मीद की जाती थी। भाजपा नेता आडवाणी अपनी जगहंसाई करा गये, परंतु राजनाथ सिंह अपने स्टैंड पर मजबूत रहे, जैसा कि उन्होंने विगत 14 अप्रैल को जब मेरी उनसे मुलाकात हुई थी तो उसमें इस विषय पर अपना […]
शिव संकल्पों से युक्त मन ही इदन्नमम् का सार्थक व्यवहार कर सकता है। जो ‘मेरे लिए नही’ कहना सीख गया वही तो परमार्थी बन गया, दूसरे के अधिकारों का प्रहरी बन गया। ऐसी भव्य नींव पर भव्य भारत की भव्य संस्कृति का भवन टिका है। इसीलिए तो मनु महाराज ने कहा है:-एतददेशेप्रसूतस्य सकाशादग्रजन्मन:।स्वं-स्वं चरित्रं शिक्षेरन […]
बुराई को खण्डहर बना दो
विवाहों के समय हमारे समाज में फिजूलखर्ची बढ़ती ही जा रही है। डी.जे., बैंड, आतिशबाजी, अपेक्षा से अधिक लोगों को आमंत्रित करना आदि की बीमारी अपने अपने सामाजिक रूतबे को दिखाने के लिए वर पक्ष और कन्या पक्ष दोनों ही कर रहे हैं। सचमुच यह बीमारी अपेक्षा से अधिक बढ़ चुकी है। समाज के गंभीर […]
कर्नाटक ने दिखाया नाटक
कर्नाटक का चुनाव भाजपा के कलह की हार है और कांग्रेस भाजपा की विकल्पहीनता की स्थिति में चुन ली गयी है। कर्नाटक में कांग्रेस 120 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत प्राप्त करने में सफल रही है, कुल सीटों में से 40 सीटें जीतकर भाजपा को अपने अंतर्कलह का फल मिल गया है। प्रदेश की जनता ने […]