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विशेष संपादकीय

राम मंदिर और राष्ट्र मंदिर

राम मंदिर और राष्ट्र मंदिर दिसंबर 1940 में मदुरई में अखिल भारत हिन्दू महासभा का अधिवेशन हुआ तो वीर सावरकर को संगठन ने पुन: अपना अध्यक्ष निर्वाचित किया। भीषण ज्वर होते हुए भी उन्होंने विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा-”हिन्दुओं को अहिंसा, चरखा व सत्याग्रह के प्रपंच से सावधान रहना चाहिए। संपूर्ण अहिंसा की […]

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विशेष संपादकीय

‘बिंदास बोल’ के सत्यार्थ पर असहिष्णुता

सुदर्शन न्यूज चैनल के मालिक एवं मुख्य संपादक श्री सुरेश चव्हाणके राष्ट्रवाद की एक मुखर आवाज होकर उभरे हैं। उन्होंने भारत में हिन्दू विरोध की होती राजनीति को सही दिशा देनेका सराहनीय और साहसिक कार्य किया है। धर्मनिरपेक्षपता के पक्षाघात से पीडि़त मीडिया को उन्होंने सही राह दिखाने का कार्य किया है। यह उस समय […]

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विशेष संपादकीय

डा. अम्बेडकर के महान विचार

डा़ अम्बेडकर एक प्रसिद्घ विचारक और समाज सुधारक युग प्रवर्तक महापुरूष थे। उन्होंने भारत के तत्कालीन समाज की गहन और गंभीर समीक्षा की थी, और समाज में व्याप्त छुआछूत और ऊंचनीच की भावना को मिटाने केे लिए अपनी ओर से गंभीर प्रयास किये थे। उन्होंने विश्व के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में जाकर अर्थशास्त्र का व्यापक अध्ययन […]

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विशेष संपादकीय

आशाओं की सुरंग

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बीते रविवार अर्थात 2 अप्रैल को चेनानी नाशरी सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया। यह सुरंग 2519 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई है। इस सुरंग की लंबाई 9 किलोमीटर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कश्मीर के युवाओं से आतंक का रास्ता छोडक़र राष्ट्र की मुख्यधारा […]

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विशेष संपादकीय शिक्षा/रोजगार

स्कूलों की मनमानी संविधान का अपमान है

मार्च का महीना चला गया है और अप्रैल आ गया है। कहने का अभिप्राय है कि स्कूलों की मनमानी का समय आ गया है। अब नये बच्चों के प्रवेश पर और पुराने बच्चों को अगली कक्षा में भेजने के नाम पर हर स्कूल वाला अपनी मनमानी करेगा और अभिभावकों की जेब पर खुल्लम-खुल्ला डकैती डालेगा। […]

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विशेष संपादकीय

लोकतंत्र तेरी जय हो

विशेष सम्पादकीय :  महाभारत में आया है कि ऐसा राजा जो प्रजा की रक्षा करने में असमर्थ है और केवल जनता के धन को लूटना ही जिसका लक्ष्य होता है और जिसके पास कोई नेतृत्व करने वाला मंत्री नहीं होता वह राजा नहीं कलियुग है। समस्त प्रजा को चाहिए कि ऐसे निर्दयी राजा को बांध कर […]

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विशेष संपादकीय संपादकीय

योगी का पराक्रम और प्रताप

‘कटती गैया करे पुकार, बंद करो यह अत्याचार’-यह एक नारा था, जिसे भारत में गोभक्त लंबे समय से लगाते चले आ रहे थे। पर देश की सरकारें थीं कि गोभक्त और गोवंश को मिटाने पर लगी थीं। सर्वत्र हाहाकार मची थी। भारतीय गोभक्त संस्कृति का आंखों देखते-देखते सर्वनाश हो रहा था। अवैध बूचड़खानों की बाढ़ […]

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आओ कुछ जाने विशेष संपादकीय हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारत का वास्तविक शहीदी दिवस-23 मार्च

सरदार भगत सिंह और उनके साथी सुखदेव और राजगुरू को लाहौर षडय़ंत्र केस में फांसी की सजा हुई थी। 1928 में लाला लाजपत राय जब लाहौर में साईमन कमीशन के विरोध में सडक़ों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन कर रहे थे, तो क्रांति के उस  महानायक पर पुलिस कप्तान सांडर्स ने लाठियों से निर्मम प्रहार किया […]

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विशेष संपादकीय

मोदी के प्रति अपेक्षाएं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब देश के प्रधानमंत्री बने थे तो उनको प्रधानमंत्री बनाने में उनके चमत्कारिक व्यक्तित्व की विशेष भूमिका रही थी, उन्होंने उस समय लोगों से कुछ विशेष वायदे किये थे और जब राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण संसद में प्रस्तुत किया तो उन्होंने नरेन्द्र मोदी द्वारा लोगों से किये गये वायदों को मोदी सरकार […]

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विशेष संपादकीय

लेखकों की असहिष्णुता

बिसाहड़ा की घटना को लेकर कुछ लेखकों ने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का सिलसिला आरंभ किया है, उसके पीछे इन लेखकों का तर्क है कि बिसाहड़ा में जो कुछ हुआ है वह लोगों के भीतर की सहनशीलता की कमी को दर्शाता है, आजादी के 68 वर्ष पश्चात भी ऐसी असहिष्णुता का प्रदर्शन करना उचित नही […]

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