आर्य समाज एक ऐसी साबुन है जो समाज के प्रत्येक दाग धब्बे को धोने का काम करती है। स्वामी दयानंद जी महाराज ने दीर्घकाल के परिश्रम के उपरांत यह निर्णय लिया था कि देश को निरंतर शुद्ध बनाए रखने के लिए किसी ऐसे संगठन की आवश्यकता है जो चौबीसों घंटे समाज और राष्ट्र की आराधना […]
Category: समाज
सिमरन सहनी मुजफ्फरपुर, बिहार 21वीं सदी के भारत ने कई क्षेत्रों में बदलाव व विकास के नए प्रतिमान स्थापित किया है. चाहे वह नए अनुसंधान का क्षेत्र हो, अभियांत्रिकी विकास, प्रौद्योगिकी विकास, बौद्धिक विकास, सामरिक क्षमता या फिर कुशल नेतृत्व की बात हो, कोई ऐसा सेक्टर नहीं है जहां भारतीयों ने अपना परचम न लहराया […]
पाखंड और आर्य समाज के पुरोहित, भाग 1
अपने स्थापना काल से ही आर्य समाज ने प्रत्येक प्रकार के पाखंड का पुरजोर विरोध किया है। हमारे देश में समाज को जिन ब्राह्मणों ने अपनी मूर्खतापूर्ण बातों से भ्रमित कर पाखंडों में फंसाया उन्हें आर्य समाज ने प्रारंभ से ही नकारा। यही कारण रहा कि आर्य समाज की पहचान एक ऐसी पवित्र क्रांतिकारी संस्था […]
गांव-गांव तक पहुँच रहा है पीने का साफ़ पानी
प्रेमशीला देवी गया, बिहार देश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के बेहतर स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में ‘हर घर नल जल योजना’ की शुरुआत की थी. इस योजना ने पिछले पांच वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदल दी है. इसका सबसे सकारात्मक प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर […]
‘अंकल ! मुझे हिंदी की गिनती नहीं आती’ अब हम मानें या ना मानें पर सच यही है कि हम संस्कृत से तो बहुत दूर कर ही दिए गए हैं अच्छी हिंदी से भी हम दूर कर दिए गए हैं। नई पीढ़ी हिंदी के अंकों को भी लिखना नहीं जानती, ना पढ़ना जानती। आप किसी […]
आर्य समाज की प्रचार शैली – 1
हमारे देश में इस समय लोगों का मूर्ख बनाने वाले अनेक गुरु और स्वयंभू भगवान घूम रहे हैं। यह बड़े ही आश्चर्य की बात है कि केवल पाखंड और अंधविश्वासों में फंसाने वाले इन गुरुघंटाल भगवानों की सभाओं में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति होती है। जबकि वेद धर्म का सीधा सरल और सच्चा […]
गुरुकुलीय शिक्षा और स्वामी दयानंद, भाग- 2
वेद और संस्कृत भाषा संस्कृत संसार की सबसे प्राचीन भाषा है। वेदों का वास्तविक लाभ वेदों की भाषा अर्थात संस्कृत का और संस्कृत व्याकरण का ज्ञान होने पर ही प्राप्त हो सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को लागू किया जाए । वेदों का अर्थ हिंदी में होने से उन्हें समझा […]
दहेज प्रथा नहीं, कलंक है
सीमा मेहता पोथिंग, उत्तराखंड पिछले वर्ष के आखिरी महीने में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने साल 2022 का आपराधिक आंकड़ा जारी किया. जिसमें बताया गया है कि 2022 में दहेज़ के नाम पर देश भर में 6516 महिलाओं को मार दिया गया यानी प्रतिदिन लगभग 17 महिलाओं को केवल दहेज़ की लालच में मौत […]
गुरुकुलीय शिक्षा और स्वामी दयानंद भाग 1
प्राचीनकाल से ही भारत में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को प्रधानता प्रदान की गई है । भारत की यह शिक्षा प्रणाली आचार्य केंद्रित हुआ करती थी। जिसमें आचार्य को इस बात की खुली छूट दी जाती थी कि वह जिस प्रकार चाहे बच्चों की प्रतिभा को निखारते हुए उनका निर्माण कर सकता है। इसके लिए उसे […]
इस प्रकार की पदों की राजनीति में कुत्तों की भाति लड़ते हुए ऐसे लोग भी देखे जाते हैं जिनके माता या पिता में से कोई कभी उक्त आर्य समाज का प्रधान रहा था। वह केवल इस बात के दृष्टिगत लड़ाई कर रहे होते हैं कि कभी मेरे पिता ने इस आर्य समाज के अमुक पद […]