….…………………………………………….. राकेश छोकर / नई दिल्ली ……………………………………………. कोरोना वाइरस से उपजी वैश्विक आपदा से जन, धन की अपार क्षति के बाद जो विपदा आ खड़ी हुई है, उससे पार पाना एक बड़ी चुनौती होगी।इस संदर्भ में विद्वानों के मत,उम्मीद पैदा करते हैं। ……………………………. 1.डॉ मोहन लाल वर्मा (संपादक- देव चेतना)जयपुर, राजस्थान। ……………………… “हमें कोरोना संक्रमण […]
Category: समाज
★ भारतीयता और मानवीय धर्म की स्वीकार्यता, वैश्विक संकट से दिला सकती है निजात★ पृथ्वी तल का कठिन दौर, आत्मीय और भावनात्मक ऊर्जा से रहे परिपूर्ण………………………………………………….राकेश छोकर/ नई दिल्ली…………………………………………………कोरोना वायरस जनित वैश्विक महामारी ने पृथ्वी तल पर आपातकाल का जो कठिन दौर खड़ा कर दिया है,उस से पार पाना मानवीय ज्ञान ,विज्ञान के लिये आसमान […]
– कार्तिक अय्यर जूठ को हज़ार बार चिल्लाओ सत्य लगने लगेगा। यही काम आज अम्बेडकरवादी ,भीमसैनिक, ओशोवादी, वामपंथी जैसे कि सुरेंद्रकुमार अज्ञात व राकेश नाथ, पेरियार समर्थक आदि कर रहे हैं। रावण को खूब महान बताते है। किसी किसी ने तो दशहरे के अवसर पर रावण के दहन पर रोक लगाने के लिए न्यायालय […]
अब स्वदेशी को बनाना होगा एक जन आंदोलन
दुलीचंद कालीरमन इटली और अमेरिका की तस्वीर आप सभी ने देखी होगी जिसमें ग्राहक शॉपिंग मॉल में आपस में छीना-झपटी करते नजर आ रहे थे। यहां तक कि टॉयलेट पेपर तक की कमी हो गई तथा उसकी प्रति ग्राहक संख्या निश्चित करनी पड़ी । ऐसा वहां की मॉल-संस्कृति के कारण हुआ। पश्चिम के विकसित देशों […]
मनुष्य का तर्क और विचार शक्ति
मनुष्य जो कुछ भी करता है सोच समझकर कर करता है, वह मंदिर जाता है, चोरी करता हो या किसी अनैतिक कार्य को करता हो वह सोच समझकर ही करता है। मंदिर जाने के पहले वह मंदिर आने का विचार करता है, तब मंदिर जाता है। अनैतिक कार्य करने के पहले भी वह विचार करता […]
हमारे पूर्वजों ने बहुत ही परिश्रम से आजादी से पहले ही शिक्षा के प्रति सजग हो गए थे, परंतु पूरे देश में सत्ता से टकराने के कारण गुर्जर समाज की आर्थिक रीढ़ टूट चुकी थी, हमारे पूर्वजों ने बहुत हीं परिश्रम से जैसे तैसे करके सम्मान के साथ अपने-अपने परिवारों को संभाला और आजादी के […]
ओ३म् =========== आर्यसमाज की स्थापना वेदों के महान विद्वान ऋषि दयानन्द सरस्वती जी ने 10 अप्रैल, 1875 को मुम्बई में की थी। ऋषि दयानन्द के माध्यम से ही देश के अधिकांश लोगों को इस तथ्य का ज्ञान हुआ कि वेदों का ज्ञान सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर से प्राप्त हुआ। वेदों में मनुष्य जीवन को […]
पर्यावरण संरक्षण में पंचायतों की भूमिका
डॉ संजीव कुमारी गुर्जर भारत गांव का देश है । गांव में ग्राम पंचायतों का राज है। पंचो को गांव में परमेश्वर माना जाता है। पंचायतें पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। जिससे हम अपनी धरती मां को प्रदूषण से बचा सकते हैं। पंचायतें निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण के […]
– मुरली मनोहर श्रीवास्तव जिंदगी आज दो पाटों के बीच पीस रही है। चारो तरफ हाहाकार मची है। गांव से लेकर शहर तक सभी लोग अपने घरों, झोपड़ियों में कैदी की जिंदगी जी रहे हैं। अगर इसे हाई प्रोफाइल तरीके से देखी जाए तो पूरा देश ‘बिग बॉस’ के घर जैसा बनकर रह गया है। […]
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार जब मिडिल स्कूल में पढ़ते थे, तब हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेजी में एक अध्याय था, क्रमशः “ईश्वर जो करता है अच्छा करता है”, “ईश्वरम येत करोति शोभनम एव करोति”, “It’s all for the best” नाम से सबने अपने-अपने दिमाग से कहानियां लिखी थी। वास्तव में उस समय बहुत ही दार्शनिक और दूरदर्शी […]