प्रो. लल्लन प्रसाद कहा जाता है कि प्रजातंत्र में जैसे लोग होते हैं, वैसा ही उन्हें राजा मिलता है। परंतु यह बात आंशिक रूप से ही सही है। भारतीय राजनीतिशास्त्रकारों के अनुसार चाहे राजतंत्र हो या प्रजातंत्र, जैसा राजा होता है, वैसी ही प्रजा होती है। यही कारण है कि सभी भारतीय राजनीतिशास्त्री इस बात […]
चरित्र निर्माण में दण्ड की अहम भूमिका
